राजा भोज और गंगू तेली की कहानी | Raja Bhoj aur Gangu Teli Hindi Story

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी: आज की इस लोक कथा या आप इसे राजा की कहानी, Dharmik Kahaniyan अथवा राजा भोज की कहानी गंगू तेली की कहानी इत्यादि नामों से पुकार सकते हैं क्योंकि यह एक प्रकार का बहुत ज्यादा फेमस कहानी है ऐसे लोग राजा भोज और गंगू तेली की कहानी के नाम से जानते हैं।

यह एक प्रकार का प्रेरणादायक हिंदी कहानियां में से एक है वो ज्यादा पॉपुलर है। आपको बता जमाने में राजा रानी की कहानी तथा राजा भोज गंगू तेली की कहानी बहुत ज्यादा पॉपुलर मानी जाती है। इन सभी कहानियों में अच्छे-अच्छे सीख मिलती है तथा हम लोगों को नहीं नहीं जीने की राह सिखाती है। आपको पता नहीं कि सभी कहानियां को हमारे छोटे-छोटे बच्चे तथा बड़ों को लिए भी यह कहानी उपलब्ध है।

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी | Hindi Kahaniyan

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी | Raja Bhoj aur Gangu Teli Hindi Story
राजा भोज और गंगू तेली की कहानी

किसी पुराने जमाने में राजा भोग नामक एक राजा रहा करता था। वह राजा बहुत ज्यादा प्रचलित था क्योंकि उसे बुद्धि के जैसे राज्य से लेकर दूसरे राज्य तथा देश परदेश तक फैला हुआ था। राजा भोज अपनी जनता से बहुत ज्यादा स्नेह करती है। आप ऐसा मान सकते हैं कि वह अपने परिवार से बहुत ज्यादा प्यार रखा करता था।

तेजतर्रार और शक्तिशाली तथा बुद्धि से भी उतना ही शक्तिशाली होता था। क्योंकि राजा भोज एक बहुत ही अच्छे मानसिकता और नेक दिल इंसान का राजा था। उसी जमाने में प्रजा उसको देवता की तरह पूजा जाता था और राजा से प्यार किया जाता था। राजा अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए कभी-कभी माल से बाहर जाया करता था। वह हमेशा से ही अपनी मां से बाहर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए रात में भेष बदलकर इधर उधर घूमा करता था।

1 दिन की बात है राजा जब अपनी भेस बदल कर राज्य में इधर-उधर घूम रहे थे तभी अचानक एक झोपड़ी से आवाज सुनाई देती है। उस झोपड़ी में एक छोटा सा चिराग जला होता है राजा उसे जो पड़ेगी और नजदीक सुना जाता है बातें सुनने के लिए। उस घर में एक ब्राह्मण तथा एक ब्राह्मणी जिसकी उम्र बहुत ज्यादा हो गई थी। हुआ जान फिर नहीं सकती थी इसी कारण से वह चाहती चाहता था कि राजा के पास जाएं और अपने लिए कुछ दान की व्यवस्था करें ताकि उनकी जिंदगी का गुजारा हो सके

Raja Bhoj History in Hindi

अगली सुबह में ठीक है ऐसा ही कहता है वह राजा के दरबार में जाता है और कहता है कि मैं एक बहुत गरीब ब्राह्मण हूं मेरा बेटा बेटी कोई नहीं इस दुनिया में। मैं सबसे अकेला हूं अपनी पत्नी के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहता हूं कृपया करके मुझ पर दया कर कर मुझे कुछ खाने पीने की व्यवस्था करते हैं ताकि नई जिंदगी आसान हो सके। मैं बहुत ज्यादा बुड्ढा हो चुका हूं अब मैं कहां से काम करूंगा कहां से अपने परिवार की खाने पीने की व्यवस्था करूंगा।

राजा को उस पर दया जाता है और वह उसे अपनी जिंदगी जीने के लिए एक सौ सोने के सिक्के दे देता है। बूढ़ा ब्राह्मण खुशी-खुशी अपने घर जाता है और वह एक सौ सोने के सिक्के एक लकड़ी के संदूक में रख देता है। लेकिन जो सुबह उनकी आंख होती है तो होगा देखता है कि उसकी संदूक में एक भी पैसे नहीं है। वाह यह देख कर आश्चर्यचकित रह जाता है क्योंकि सामने ही उसने एक सौ सोने के सिक्के अपनी संदूक में रखे थे लेकिन सुबह होने तक उसके संदूक में एक भी पैसा नहीं था।

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी | Raja Bhoj aur Gangu Teli Hindi Story

अगली सुबह वही ब्राह्मण फिर राजा के दरबार में पेश होता है और जब वह सारी बात बताता है। ने राजा को फिर उस पर तरस आ जाता है राजा फिर आदेश देता है अपने मंत्रियों को की इस बूढ़े ब्राह्मण को फिर से एक सौ सोने के सिक्के दिए जाए। राजा का हुक्म का पालन होता है और उनके मंत्री उस ब्राह्मण को फिर से एक सौ सोने के सिक्के दे देते हैं।

राजा भोज की मृत्यु कैसे हुई

अगली बार जब वह अपने घर जाता है अपने पास पैसा रहता है और फिर सो जाता है। जैसे ही शुरू होती है फिर से ब्राह्मण मान दिखता है कि उसके पास पैसे नहीं है वह बहुत ज्यादा आश्चर्यचकित हो नहीं रहा हो जाता है क्योंकि उनके पास एक और सोने के सिक्के थे उनकी जिंदगी आसान से गुजर सकती थी लेकिन पता नहीं रात भर में कहां चल जाता था।

ब्राह्मण का राजा के दरबार में फिर पेश होता है और राजा को सारी बात बताता है। राजा फिर से अपनी मंत्रियों कौन कहता है कि इस ब्राह्मण को फिर से को सोने के सिक्के दे दिए जाएं ऐसा ही होता है राजा का हुक्म का पालन किया जाता है और उनके मंत्री एक सौ सोने के सिक्के फिर से ब्राह्मण को दे दिया जाता है। अब तो राजा को इनके बात पर कुछ संदेह हो रहा था राजा सोच रहा था कि आखिर कहां रातभर मिल के पैसे कौन लेकर जाता है।

Kaha Raja Bhoj Kaha Gangu Teli

तीसरी बार जब ब्राह्मण पैसे लेकर गया तो राजा भोज उस दिन सोचा कि आज मैं रात में अपनी फेस बदलकर इसके घर के नजदीक जाऊंगा। देखता हूं रात भर में इनके पैसे कौन लेकर जाता है। वह रात में ऐसा ही कहता है वह अपना भेस बदल कर बुरा बुरा मान के घर के नजदीक चला जाता है और वही बैठ जाता है। रात भर तो किसी भी प्रकार का कोई हरकत नहीं हुआ था लेकिन रात की तीसरे पहर में एक आदमी आता है और राजा के पैसे को उस बुढा ब्राह्मण धीमान कर ले जाता है।

राजा यह देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है क्योंकि जो व्यक्ति उसे घर एक सौ सिक्के लेने के लिए आया था वह बिल्कुल भी राजा के जैसा ही प्यारा जाकर डुप्लीकेट था। मेरा यहां कहने का मतलब यह है कि यह आदमी ब्राह्मण के घर से पैसे लेकर ज्यादा था वह बिल्कुल राजा की तरह दिखता था। राजा उस व्यक्ति को रोककर पूछता है कि इस बुड्ढे ब्राह्मण से क्या दिक्कत है जो तुम हर रोज इनके पैसे को लेकर चला जाता है।

तभी वह व्यक्ति कहता है कि यह जो निर्धनता गुजर रहा है इन पर यह उसकी पिछले जन्मों के कर्मों का फल है। और बाद में कोई भी इसे दान देकर इसे अमीर नहीं बना सकता है। क्योंकि कुदरत का नियम है कि जो जैसा करता है वैसा भरता है। और इन्होंने अपनी भी जिंदगी में कुछ ऐसा काम किया कि इसके बदले में से इस जन्म में इस तरह गरीब बना कर भेजा गया है। आप चाह कर भी इसके भाग्य को नहीं बदल सकते हैं। क्योंकि सभी लोगों को अपने किए गए पिछले कर्मों का फल तो उन्हीं को भुगतना होगा।

राजा भोज की कहानी

उसके बाद राजा कहता है कि नहीं माफ कर दो अगर रिया हो तो इसके बदले में तुम मुझे सदा सजा दे दो जो सजा देना चाहते हो। तभी वह व्यक्ति रहता है ऐसा नहीं हो सकता है जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है बाद में उसे वैसा ही फल मिलता है इसे ही नहीं करनी इन्होंने किया है फनी नहीं भी मिलेगा। बात अगर सजा की है तो आपको भी आपके पिछले कर्मों की फल जरूर मिलेगा। और आपने जो भी मिले जनम में कार्य किया होंगे उनके बदले इस जनम में सभी हिसाब किताब बराबर होंगे।

एक बार की बात है हर आज आपने हनोका सदा सिपाहियों के साथ-साथ ने कुछ मंत्रियों के साथ शिकार पर निकलता है। शिकार पर निकालने के बाद राजा को कहीं दूर एक जानवर दिखाई देता है जल्दी बाजी में वह बिना मंत्री तथा नौकर को बताए ही अलग रास्तों से कहीं दूर निकल जा पड़ता है।

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी | Raja Bhoj aur Gangu Teli Hindi Story

चलते चलते राजा को उसकी सीमा का अंत तक पहुंच जाता है। साथ ही वहां एक गहरी खाई दिखाई देती है। राजा का घोड़ा उस गहरी खाई में कूद जाता है गिरकर कर लहूलुहान होकर वह अपने राज्य के दूसरे सीमा तक पहुंच जाते हैं तथा अपनी सीमा से हटकर दूसरे राजा की सीमा में चले जाते हैं।

Raja Bhoj Ki Kahaniyan

राजा बहुत पहले से ही बहुत ज्यादा थका हुआ था और गिरने के कारण घायल भी हो गया था। उसके बाद वहां के राजाओं के द्वारा तथा उसके सैनिकों के द्वारा राजा भोज को पकड़ लिया जाता है उसे दुश्मन समझ कर बहुत ज्यादा मारता पीटता है तथा उसे शहर के बाहर एक चौराहे पर फेंक देता है। राजा भोज में अब इतनी शक्ति नहीं थी कि वे उठकर चल पाते थे क्योंकि पहाड़ पर से गिरने के कारण उनको बहुत ज्यादा चोट लगी थी और फिर दूसरी राजा के द्वारा उस पर आक्रमण करने के कारण उन्हें बहुत ज्यादा छोटे आई थी।

फिर उसके बाद राजा बेहोश हो जाता है और महज 1 दिन बाद उसका हो जाता है। राजा को जब होश आता है तो वह आश्चर्यचकित रह जाता है क्योंकि राजा एक जगह एक बिस्तर पर लेटे हुए था उनका मरहम पट्टी हो गया था और उनके पास पानी तथा दवाई का कुछ डब्बा रखा था जिसे कोई आदमी उसे खिलाने लगा था। वह आदमी एक गंगू तेली था जिन्होंने राजा को चौराहे पर से उठाकर अपने घर ले आया था और उन्हें अच्छी तरह से खिदमत किया था।

राजा को गंगू तेली पर बहुत ज्यादा विश्वास हुआ और वह उनको बचाने वाला देवता मानने लगा था। उनकी जान बचाने की कीमत बहुत ज्यादा है और वह एक राजा है। लेकिन वह कभी भी अपने असली गुणों का पता गंगू तेली को नहीं चलने दिया था नहीं गंगू तेली को पता था कि वह राजा भोज है। राजा को गंगू तेली जो भी काम दिया करता था राजा बखूबी उन्हें मानकर उनका आदर करके उनका काम किया करता था।

कहां राजा भोज कहां गंगू तेली

आपको बता दें कि राजा आपने निशा और अपनी विश्वास तथा ईमानदारी के साथ बहुत ज्यादा पवित्र मन था। वह उनकी जान बचाने वाली गंगू तेली का कभी भी अपमान नहीं किया था। तथा साथ ही राजा भोज यह चाहता था कि अंततः उन्हें राजा भोज के बारे में पता ना चले। आपको बता दें किसी राजा ना वहीं पर रहने लगा था और उनका काम किया करता था वह मन ही मन कुछ गाता गुनगुनाता रहता था जिसे सुनकर बहुत ज्यादा मन प्रसिद्ध हो जाता था। राजा का गाना सुनकर आसपास के लोग भी राजा के गाना सुनने के लिए गंगू तेली के द्वार पर आ जाता राजा का गुणगान सुनते से।

राजा का यह गुणगान का अच्छा खासा प्रसिद्धि के कारण गंगू तेली अपने बचाए गए आदमी पर मतलबी राजा भोज पर बहुत ज्यादा विश्वास करने लगा था। क्योंकि उसकी गायकी इतना खास था कि किसी का भी मन मुक्त हो जाता था। एक दिन वहां के राजा के द्वारा पूरे शहर में पूरे राज्य में जाएगा ना होता है कि राजदरबार में गायों को की जरूरत है जिसे भी गायकी की पसंद है जो भी गायक का काम करता है, वह सभी राज दरबार में पेश होकर अपना अपना करतब दिखाए।

यह समाचार सुनते हैं गंगू तेली राजा भोज को उस गायकी की परीक्षा देने के लिए ले जाने का आश्वासन अपने आप को दे देते हैं। कुछ ही दिन बीत जाने के बाद जब वे कार्यक्रम चालू होने वाले थे तभी गंगू तेली राजा भोज को लेकर वहां के राजा के दरबार में पेश होता है। वहां सभी प्रकार के गायक के गायकी की परीक्षा ले जाती है लेकिन किसी भी गायक को राजकुमारी के द्वारा पसंद नहीं किया गया था। फिर राजा की तरफ से आया आवाज आता है की है किसी में हिम्मत तो मेरी बिटिया कुमारी को अपनी गायकी से खुश करके दिखाओ मैं उसकी शादी राजकुमारी से करवा दूंगा।

बारी-बारी सभी लोग जाते हैं और गायकी में फेल होकर आते हैं अंत में बारी राजा भोज की आती है वह जब जाते हैं गाते हैं तो सभी लोगों का मन बहुत हो जाता है और सभी लोग उनकी गायकी में डूब जाते हैं। तभी राजकुमारी द्वारा राजा गोश्त को गायकी के लिए पसंद कर लिया जाता है। लेकिन फिर राजा का सवाल होता है कि क्या तुम एक राजा हो अगर तुम्हें एक राजकुमार होगी तभी तो मेरी राजकुमारी से शादी कर पाओगे।

राजा भोज का इतिहास

राजा भोज जब खुले बदन गाना गा रहा था तो लोगों ने देखा कि उनकी लंबी चौड़ी पीठ सदा हाथ में एकदम तलवार के छाले पड़े हुए हैं। सभी लोगों ने सोचा कि यह एक राजा हो सकता है या राजा राजकुमार के भेष में कोई राजा ही है जिसके गायक कितनी ज्यादा बहुत मधुर है।

उसके बाद राजा ने राजा भोज को एक जगह पर बैठाया और अपनी सभी विद्वानों को कहा कि इसका अंदाजा लगाओ सही सही किया यह एक राजकुमार है। सभी लोगों ने एक-एक करके देखा और सभी ने बताया कि जी हां इसकी पहचान तो एक नाचू मार के रूप में होती है। तभी राज भोज ने भी अपनी सही सही बात बता दिया और राजा को खड़ा कर दिया मैं राजकुमार हूं और मेरा बगल वाला राज हमारा है। मैं किसी कारणवश आपके राज्य में आ गया था और आपके सैनिक ने मुझे मारपीट कर चौराहे पर फेंक दिया था। फिर मुझे इस गंगू तेली ने उठाकर सही किया और मेरे स्वास्थ्य का ख्याल रखना मैं इनका हमेशा कर्जदार रहूंगा।

राजा भोज को राजा के रूप में देखकर राजकुमारी बहुत ज्यादा खुश हो जाती है और कहती है कि हमें अपने लायक का लड़का मिल गया है यही है मेरा राजकुमार है। फिर उन दोनों की शादी पूरी रीति रिवाज के साथ होती है और वे दोनों को एक साथ रहने लगते हैं। उसके बाद राजा भोज की जान बचाने वालों गंगू तेली को बहुत ज्यादा ही नाम लिया जाता है राजा भोज के द्वारा। साथ ही राजा भोज ने यह ऐलान किया कि मैं जब तक जीवित रहूंगा मैं इस गंगू तेली का कर्जदार रहूंगा।

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी से क्या सीख मिलती है?

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है कि हमें अपने भाग्य पर सभी काम करने होते हैं। हमें अपने पुराने किए गए कर्मों की सजा अवश्य मिलती है। यह हिंदी कहानियां में हम लोग राजा भोज और गंगू तेली की कहानी में यही सबक सीखे हैं।

राजा भोज और गंगू तेली की कहानी का निष्कर्ष

अभी तो आप लोगों ने बड़े ही मजे से राजा भोज और गंगू तेली की कहानी के बारे में पढ़ा था। आपको बता दें कि यह कहानी एक प्रकार के राजाओं की कहानी एक था या एक लोककथा है जिसे हम सभी को जरूर होनी चाहिए। उम्मीद है कि हिंदी कहानियां के यह वेबसाइट Story Hindi.net जिस पर बहुत सारी तरह तरह की कहानियां जैसे कि राजा रानी की कहानी किसान की कहानी शॉर्ट स्टोरी इन हिंदी, Hindi Kahaniyan, Story in Hindi, Hindi Story, Moral Stories in Hindi, Bhoot Ki Kahani, Chudail Ki Kahani इत्यादि इस वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती है।

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FAQ for राजा भोज और गंगू तेली की कहानी
  1. राजा भोज अपनी प्रजा के हालात देखने के लिए कैसा कार्य करते थे?

    राजा भोज अपनी प्रजा की देखरेख के लिए भेष बदलकर वह अपने राज्य में घूमा करता था ताकि वह अपने राज्य की समस्याओं को देख सके हैं।

  2. राजा भोज गंगू तेली की लोककथा से आप क्या समझते हैं?

    राजा भोज और गंगू तेली की लोककथा से हम लोग या सीखेंगे हमें अपने कर्मों का फल जरूर मिलेंगे। कोई भी किसी का वाक्य को नहीं छोड़ा सकता है।

  3. राजा घूमते घूमते कहां चला गया था?

    राजा घूमते घूमते शिकार की तलाश में अपने राज्य के बाहर चला गया था।

  4. गंगू तेली कहां राजा भोज किस हालत में मिले थे?

    गंगू तेली को राजा भोज एक घायल व्यक्ति की तरह एक चौराहे पर मिले थे।

  5. गंगू तेली ने राजा भोज का किस तरह ध्यान रखा?

    जब राजा भोज कहां गंगू तेली ने घायल अवस्था में मिला तो उन्होंने उस के मरहम पट्टी की तथा दवाइयां में खिलाई थी।

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