Bhoot Ki Kahani – डरावनी भूतों की कहानी

भूत की कहानी – जब छोटे-छोटे बच्चे थोड़ा बड़े हो जाते हैं और जब वह छोटी-छोटी शरारतें करने लगते हैं। जब छोटे छोटे बच्चे शरारत घर में करते हैं और इधर का सामान उधर फेंकते हैं तो माता-पिता परेशान हो जाते हैं। फिर बच्चों को समझाने और जल्दी सुलाने का एक ही उपाय है कि उन्हें नई-नई Bhoot Ki Kahani और डरावनी भूतों की कहानी सुनाया जाता है। ताकि वह माता-पिता को ज्यादा परेशान ना करें और डर कर जल्दी से सो जाएं।

साथ ही आजकल के युवा और बच्चे डरावनी कहानियां सुनने का बहुत ही शौक रखते हैं। जब वह डरावनी भूतों की कहानी, Bhoot Ki Kahani Horror Story, Bhoot Ki Kahani Hindi, Bhoot Ki Kahaniyan in Hindi, Chudail Ki Kahani तथा और भी तरह-तरह भूतों की कहानी को सुनना पसंद करते हैं।

आपको बता दें कि जो भी लो भूतों की कहानी को सुनना पसंद करते हैं वह लोग बहुत ही ज्यादा डरावनी कहानियों के शौकीन होते हैं। कुछ लोग तो अपनी मस्ती के लिए छोटे-छोटे बच्चों को डरावनी कहानियां सुनाया करती है ताकि उन्हें ज्यादा बच्चे परेशान ना करें।

100+ Bhoot Ki Kahani (भूतों की कहानी) दिया गया है। जिसे पढ़कर आप अपने साथ रह रही किसी को भी या अपने बच्चे को जल्दी सुलाने के लिए इन सभी कहानियों का सहारा ले सकते हैं। जब बच्चे थोड़ा बड़े हो जाते हैं मतलब कि 4 से 5 साल के बच्चे को ज्यादा खतरनाक भूतों का कहानी नहीं सुनना चाहिए।

जैसे ही आपके बच्चे थोड़ा समझदार हो जाए मतलब के 10 साल से ऊपर क्यों हो जाएं तो ही आप उसे ज्यादा खतरनाक भूतों की कहानी के बारे में बता सकते हैं। क्योंकि कभी-कभी होता है कि जब हम बच्चे भूतों की कहानी को सुनते हैं तो।

वह रातों को डरने लगता है और तरह-तरह के सपने देखने लगते हैं। यही कारण है कि भूतों वाली कहानी को ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए है। इन्हीं छोटे बच्चों को सुनने से परहेज करना चाहिए। आइए हम हम लोग भूतों वाली कहानी को आगे बढ़ाते हैं और भूत की कहानी को सुनते हैं।

Bhoot Ki Kahani – डरावनी भूतों की कहानी

Bhoot Ki Kahani
Bhoot Ki Kahani

हिरणपुर नामक गांव में एक पप्पू का ढाबा नाम से ढाबा था। गांव में एक ही ढाबा होने के कारण वह ढाबा वाला इतना ज्यादा घमंडी हो गया था कि जब भी कोई उसके दावे के आसपास गुजरता चाहे वह कोई भी मजबूर आदमी है कोई अधिकारी हो तो वह उसे कुछ नहीं देता था।

धीरे-धीरे पप्पू खड़ा हुआ इतना ज्यादा शोर हो गया कि दूर-दराज के इलाके से लोग उनके ढाबे पर खाने के लिए आया करते थे। जिस कारण से पप्पू बहुत ज्यादा अमीर होता जा रहा था क्योंकि ढाबे में बहुत ज्यादा ग्राहक आने लगे थे।

ढाबा बहुत ही मशहूर हो गया था क्योंकि उस में काम करने वाले जो लोग थे उनके खाना बनाने के तरीके बहुत ही ज्यादा कोमल और बेहद सुंदर थे। उस होटल में जो भी आता और एक बार खा लेता तो उसे पूरी जिंदगी भर उस होटल का सवाद भूल नहीं पाता था।

Bhoot Wali Kahani

हिरणपुर गांव के लोग और बाहर से जितने भी लोग आते थे वह पप्पू का ढाबा में ही अपना रहना खाना-पीना क्या करते थे। इस कारण से पप्पू के ढाबा का मालिक बहुत ज्यादा घमंडी हो गया था।

एक दिन की बात है एक भूखा भिकारी उसके ढाबा की तरफ सुबह-सुबह आ रहा था। जैसे ही उन्होंने पप्पू का ढाबा देखा तो वह रुक गया। और भूखा भिखारी देखा कि यहां पर एक ढाबा है और यह ढाबा खुल चुका है सुबह-सुबह बहुत सारी पकवान में बन चुका है।

वह तो एक अधिकारी था और के पास कुछ पैसे भी नहीं थे। माननीय कीजिए पप्पू के ढाबा में जाता है और मालिक से कहता है कि मुझे कुछ खाने के लिए दे दीजिए। इससे ढाबा का मालिक गुस्से में आ जाता है और कहता है कि सुबह-सुबह यह क्या मुसीबत आ गया है।

Bhoot Wala Kahani

ढाबा का मालिक इतना ज्यादा बेकार आदमी था कि हुआ बचा हुआ खाना जमीन पर फेंक दिया करता था। मगर किसी जरूरतमंद या किसी भिखारी को खाने तक नहीं दिया करता था।

जैसे ही वह भिखारी उस होटल के मालिक के पास खाना मांगने के लिए जाता है। तो होटल के मालिक उसे नकार देते हैं और अपने नौकरों को कहती है कि इसे यहां से भगाओ। नौकर उस भिखारी को बाहर निकलने लगते हैं और कहते हैं कि तुम यहां से चले जाओ नहीं तो बहुत बुरा होगा।

जैसे ही नौकर उस भिखारी को दुकान के बाहर ले जाने लगता है तो भी गाड़ी बेहोश हो जाता है। यह देखकर मालिक कहता है कि जा आज का दिन पूरा सत्यानाश हो गया है। और आज कोई ग्राहक भी नहीं आ रहा है, यह भिकारी यहीं पर बेहोश हो गया है।

होटल के मालिक अपने नौकरों को कहता है कि जल्दी से इस बिचारी को यहां से दूर हटाओ। अगर कोई ग्राहक आ जाएगा तो देखकर वह बुरा लगेगा और वह खाना भी नहीं खाएगा। जैसे ही नौकर ने उस भिखारी को उठाने का प्रयास किया तो नौकर ने पाया कि हुआ भीकारी मृत हो गया था।

जैसे ही होटल के मालिक को यह पता चला कि वह भी कार्य होंगे होटल में ही मर चुका है तो वह तुरंत ही अपनी नौकर से कहता है। इसे लेकर जाओ और ढाबा के पीछे वाली कुआं में इस भिखारी को उस कुआं में डाल दो।

फिर उस दिन दिन भर उस ढाबा के मालिक का दिन खराब जाता है। शाम को वह सभी नौकरों को कहता है कि चलो आज तो कोई काम नहीं हुआ है कल से सभी टाइम पर आ जाना। अगर तुम लोग टाइम पर नहीं आओगे तो तुम लोगों का सैलरी काट लिया जाएगा।

यह कहते हुए सभी नौकर अपने अपने घर की तरफ चल पड़ते हैं। लेकिन ढाबा का मालिक ढाबा में रहकर सभी तरह से ताले बंद करने के चक्कर में उसे रात हो जाती है। आपको बता दें कि ढाबा का मालिक का घर ढाबा से कुछ दूर पर था।

Bhutiya Kahani

दुकान पर अच्छी तरह से ताला लगाने के बाद वह अपने घर के लिए निकलता है। जैसे ही वह आगे बढ़ता रहता है तो उसे पीछे से कुछ आहट सुनाई देती है। हुआ ढाबा वाला जैसे ही आगे बढ़ता है उसे पीछे से एक हां तो मारा जाता है इससे वह पीछे मुड़कर देखता है कि कौन है। लेकिन उसके पीछे कोई दिखाई नहीं देता है। और पप्पू के अलावा का मालिक बहुत ही ज्यादा डरने लगता है।

फिर ढाबा मालिका आगे चलने लगता है और वह हम घर पहुंच चुका था। उन्होंने घर पहुंचते ही जल्दी से अपनी पत्नी को कहा कि खाना जल्दी जल्दी निकालो बहुत भूख लगी है। जैसे ही उसकी पत्नी खाना लेकर किचन रूम से बाहर आ रहे थे तो एक भूत ने उसे धक्का दिया और सारा खाना गिर गया।

पत्नी बोली कि पता नहीं मुझसे आज खाना कैसे गिर गया मुझे लगा है कि किसी ने मुझे धकेल दिया है। पत्नी फिर दोबारा खाना खाती है और अपने पति को खिलाती है और फिर सभी सो जाते हैं।

जैसे ही सुबह दावत के मालिक की नींद टूटती है वह फौरन अपने ढाबा पर जाता है और अपने नौकरों को कहता है कि जल्दी से खाना बनाओ। अचानक उसके होटल पर एक ग्राहक आता है और कहता है कि जल्दी से खाना लगाओ। होटल के नौकर उस ग्राहक के सामने उसका मनपसंद का खाना लेकर आता है।

जैसे ही वह ग्राहक उस होटल का खाना खाता है उसे बहुत तीखा लगता है। वह फौरन अपने नौकर पर चिल्लाता है और कहता है कि रामू तुमने आज कैसा खाना बनाया है इतनी ज्यादा तीखी कैसे हो गई है। यह सुनकर रामू कहता है कि मालिक मैंने तो खाना ठीक से बनाया था। पता नहीं आज कैसे इतना तीखा हो गया है मई रोजाना की तरह ही मसाले सही मात्रा में प्रयोग किया हूं।

फिर उस दिन का खाना भी कोई नहीं खाता है और भाभी के मालिक को शाम को सारा खाना फेंक कर फिर घर जाना होता है।

अगली सुबह फिर होटल का मालिक हूं सभी नौकर के साथ ढाबा खुलता है। उस दिन होटल के मालिक ने कहा कि मैं भी आज तुम लोगों के साथ मिलकर खाना बनाता हूं देखता हूं कैसे खाना खराब होता है। सभी नौकर और मालिक ने मिलकर अच्छी तरह से खाना बनाया और खाना इतना अच्छा बना कि दूर-दूर तक खुशबू जा रहा था।

फिर उसके ढाबा पर एक ग्राहक आता है और कहता है कि रामू जल्दी से खाना निकालो। वह जल्दी से खाना निकाल कर ग्राहक को देता है। ग्राहक कहता है कि आज का खाना तो बहुत ही ज्यादा लजीज है और खाना की खुशबू बहुत प्यारी है। मुझे बहुत ज्यादा भूख लगी है आज तो मैं जमकर खाऊंगा क्योंकि एक दिन से मैंने कुछ नहीं खाया था पूनम राम

जैसे ही वह ग्राहक खाना खाने के लिए खोजता है तो वह देखता है कि उनके पेट से रोटी गायब हो गई है। वह फौरन रामू को आवाज लगाता है और कहता है कि रामू से जल्दी से इधर आओ। रामू जल्दी से आता है और दिखता है कि पेट से रोटी गायब हो चुका है।

इस कारण से हुआ ग्राहक डर कर उस दावे से भाग जाता है। धीरे-धीरे पप्पू का ढाबा बहुत कम चलने लगा था। और जितना खाना हुआ बनाता था सभी शाम को फेंकना पड़ता था। जैसे ही कोई ग्राहक उस होटल में खाना खाने के लिए आता था उसे किसी ना किसी बहाने हम भूतिया भिखारी डरा कर भगा दिया करता था।

एक दिन की बात है शहर से कुछ लोग आए हुए थे और वह एक होटल की तलाश कर रहे थे। सामने उन्हें पप्पू का ढाबा दिखाई दिया और उन्होंने फैसला किया कि आज वह इस ढाबा में ही खाना खाएगा। सभी लोग उस दावे में बैठकर खाने का इंतजार करते हैं रामू खाना लेकर आता है।

उस होटल में ठहरे में मान जैसे ही पनीर उठाई तो वह चिकन में बदल गया और जैसे ही वह पानी उठाई तो उसका सारा पानी अपने शरीर पर गिरा लिया। यह देख कर वह ग्राहक वहां से भाग खड़ा हुआ और उन्होंने चिल्लाया के भागो भागो भूतिया ढाबा है।

धीरे-धीरे ढाबा को सभी लोग भूतिया ढाबा के नाम से जाने लगे थे। और उसका बिक्री और ग्राहक आने की क्षमता भी कम हो चुकी थी। उनका होटल आप लगभग लगभग दुगनी ही वाला था क्योंकि पिछले 3 महीने से उसके होटल में एक भी ग्राहक नहीं आया था। जो भी आया था तो उसे भूत भिखारी उसे डरा कर भगा दिया करता था।

एक दिन की बात है जब वह मालिक अपनी ढाबा में रहता है और पैसे वाली तिजोरी खोलता है तो देखता है कि वहां पैसा नहीं है। तिजोरी खोलते ही उसे पैसे की जगह वही भूतिया भिखारी का सर दिखाई पड़ता है। ढाबा का मालिक जोर-जोर से चिल्लाने लगता है। जिससे अगल बगल में रह रहे लोग तुरंत ही ढाबा में पहुंच जाते हैं।

ढाबा का मालिक लोगों को बताता है कि उसके ढाबा में कोई भूत रहता है। लेकिन लोगों ने ढाबा के मालिक की बातों पर विश्वास नहीं किया था। तभी वह ढाबा का मालिक कहता है कि मुझ पर विश्वास नहीं है तो तुम लोग खुद ही जाकर उस तिजोरी में देख लो तुम्हें क्या दिखता है। जैसे ही वे लोग उसकी मजबूरी को देखने जाते हैं तो उन्हें उसके तिजोरी में उनके पैसे दिखाई पड़ते हैं और इसके अलावा कुछ भी नहीं दिखता है। यह देखकर हर बगल के सभी लोग कहते हैं कि तुम्हारी तबीयत सही नहीं है तुम्हें आराम की जरूरत है और वह लोग वहां से चले जाते हैं।

Chudail Wala Dikhao

Bhoot Wali Kahani

फिर उसके बाद होटल में रामू नौकर प्रवेश करता है और वह होटल के मालिक से कहता है कि हमारे कि यह बहुत उसी भिखारी का है। मुझे हम लोगों ने ढाबा के पीछे वाली कुआं में फेंक दिए थे। यह सुनकर ढाबा के मालिक ने भी अपनी सहमति जताई और कहा कि तुम सही कह रहे हो। लेकिन अब इसका क्या इलाज हो सकता है।

तभी रामू कहता है कि मैं एक बाबा को जानता हूं जो भूतों को भगाने के लिए माहिर माना जाता है। और जब हम लोग उस बाबा के पास जाएंगे तो उम्मीद है वह हमारी मदद जरूर करेंगे। जब वह दोनों मिलकर उस बाबा के पास जाता है और सारी बातें सच सच बताता है।

यह सभी बातें सुनकर बाबा कहता है कि तुम लोगों ने यह क्या अनर्थ कर दिया है। तुम लोगों ने एक भिखारी को जान से मार दिया है। तभी तो वह भिखारी तुम लोगों को सही से चैन की नींद से सोने नहीं देता है।

यह सुनकर ढाबा का मालिक रोने लगता है और झगड़ा नहीं लगता है और कहता है कि, मैं आप कभी ऐसा नहीं करूंगा कृपया करके मुझे इस मुसीबत से निकाले। तभी बाबा कहता है कि चलो मैं इसका कुछ हल निकलता हूं। तभी वह बाबा अपनी जादुई शक्ति से उसी भिखारी को बुलाता है और कहता है कि इससे बहुत बड़ी गलती हो गई है।

– Dream TV Hindi

वह भिखारी बहुत गुस्से में होता है और कहता है कि जो भी मुझे छोड़ेगा मैं उसे नहीं छोडूंगा। यह सुनकर ढाबा के मालिक रोने लगता है और उस भिखारी से कहता है कि मुझे माफ कर दो मैं आज के बाद एक भी भिखारी को भूखा जाने नहीं दूंगा। इस शर्त के साथ हुआ भूतिया भिखारी उस ढाबा को मुक्त कर लेता है। और उसके बाद से वह कभी भी किसी भी भिखारी को ना तो परेशान करता था और ना ही उसे किसी और बात के लिए भगाता था।

उसके बाद से उसका ढाबा बिल्कुल सही से चलने लगा था। तब से लेकर आज तक उन्होंने जितने भी भिखारी को रोड पर जाते देखा करते थे, सभी को बुलाकर खाना खिलाया करता था।

भूतिया ढाबा – Bhoot Ki Kahani का निष्कर्ष

हमने इस कहानी में भूतिया ढाबा के बारे में पूरी जानकारी दिया है, उम्मीद है कि आपको Bhoot Ki Kahani तथा डरावनी भूतों की कहानी, Bhooton Ki Kahani in Hindi, Horror Stories in Hindi बहुत ज्यादा पसंद आया होगा। उम्मीद है कि आप सभी लोग इस कहानी को मजे से इंजॉय कर रहे होंगे और अपने लोगों को इस कहानी के बारे में सुनाते होंगे।

FAQ

भुत की कहने कब सुननी चाहिए?

भूत की कहानी हमें दिन में ही सुनना चाहिए।

बहुत की कहानी बच्चों को क्यों नहीं सुनाना चाहिए?

भूत की कहानी ज्यादा छोटा बच्चा सुनने वह डरने लगेगा।

भूत की कहानी से हमें क्या सिख मिलती है?

भूत की कहानी से हमें रोमांचित बातों और ख्यालों के बारे में जानने का मौका मिलता है।

Share on:

Story Hindi एक हिंदी कहानियाँ की संग्रह हैं, जिसे सभी तरह की Stories प्रकाशित की जाती है। जैसे कि Short Stories, Moral Stories, और Love Stories