प्यासा कौवा की कहानी: कौवा एक ऐसा पक्षी है जिसकी कहानी सुनना सभी बच्चों को बहुत ज्यादा पसंद होता है। जिस कारण से पहले के लोग Pyasa Kauwa Ki Kahani, Thirsty Crow Story in Hindi अपनी दादी नानी से कहानियां सुना करता था।
लेकिन आजकल के जमाने में दादी नानी के पास भी ज्यादा टाइम नहीं रहता है। इसी कारण से आजकल के बच्चे इंटरनेट पर तरह-तरह की कहानियां जैसे कि Story Hindi, Panchtantra Ki Kahaniyan सुनने का बड़ा शौक होता है।
इसलिए एक कहानी में हम लोग पंचतंत्र की कहानियां में से प्यासा कौवा की कहानी के बारे में जानने वाले हैं। इस कहानी में एक प्यासा कौवा रहता है जिसे पानी पीने के लिए बहुत ज्यादा संघर्ष करना होता है। आइए कहानी की शुरुआत करते हैं।
Pyasa Kauwa Ki Kahani – प्यासा कौवा की कहानी

गर्मियों का मौसम चल रहा था हर जगह तेज धूप के कारण लू चल रही थी। जगह जगह पर पेड़ पौधे पर पक्षी और पेड़ के नीचे सभी जानवर आराम करते रहते थे। धीरे-धीरे गर्मी इतनी तेजी से बढ़ रही थी कि इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था।
जैसे जैसे गर्मी तेज होती जा रही थी वैसे वैसे जलस्तर का लेवल भी नीचे गिरता जा रहा था। और उस गांव में जल स्तर इतना नीचे गिर गया कि सभी कुआं और नदी नाला सुख गया था। जिस कारण से इंसान को भी पानी पीने में बड़ी मुश्किल हो रही थी।
सभी पक्षी और सभी जानवर पानी की तलाश में इधर-उधर अपना जुगाड़ करते रहते थे। पालतू जानवर तो घर में ही इंसानों के द्वारा पानी पिलाया जाता है। लेकिन जो जानवर जंगल में रहते हैं और जो पक्षी जंगल में रहते हैं उन्हें पाने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
इसी गर्मी के दोपहर के तेज धूप में एक कौवा प्यास के मारे इधर उधर भटक रहा था। जंगल में पूरी तरह से जान मारने के बावजूद भी उन्हें एक भी झील दिखाई नहीं दिया जहां वह पानी पी सके।
तभी वह कौवा पानी की खोज में बगल के गांव में आ पहुंचता है। गांव में सभी की छात्र थी और सभी की दरवाजे पर दरवाजा लगा हुआ था। जिस कारण से कौवा को पानी जल्दी नहीं मिल रहा था।
प्यासा कौवा की कहानी
वह प्यार के मारे इधर उधर भटक ही रहा था कि अचानक उसे एक जगह पानी दिखता है। उसने देखा कि किसी जगह पर एक बर्तन में पानी दिख रहा था। आपको बता दें कि वह कब हुआ जैसे-जैसे उस पानी के बर्तन तक जाता गया। उसे उस बर्तन में पानी की लेवल बहुत कम दिखाई देने लगा था।

बर्तन इतना बड़ा था कि कौवे की चौथ उसके पानी के लेवल तक पहुंची नहीं पा रहा था। जिस कारण से कौवा बहुत ही परेशान हो गया था क्योंकि उसे इतनी ज्यादा प्यास लगी थी। जब Pyasa Kauwa की चोंच उस पानी के लेवल तक नहीं पहुंचा तो उन्होंने एक दिमाग लगाया।
कौवा ने सोचा कि क्यों ना हम इस बर्तन पर चढ़कर अपनी सोच बर्तन में पूरा डाल कर देखें। जैसे ही कौवा उस बर्तन पर चढ़ता है और अपनी चोंच पानी के अंदर डालता है तो देखता है कि फिर भी उसकी जांच पानी तक नहीं पहुंच पा रही है।
Pyasa Kauwa
प्यास के मारे कौवा की जान जा रही थी उन्हें कुछ सूझबूझ नहीं आ रहा था। आखिर को हुए को पानी पीना बहुत जरूरी था। फिर उन्होंने दिमाग लगाया कि क्यों ना हम इस बर्तन में कुछ कंकड़ का टुकड़ा डालकर पानी को ऊपर किया जाए।
प्यास के मारे तो वैसे ही जान जा रही थी अगर कोई दूसरी जगह पानी के लिए ढूंढने जाता तो कौवा ऐसे ही मारा जाता। यह सोचकर कहोगे नहीं सोचा कि चलो एक बार कंकर डालकर ही कोशिश कर लिया जाए। अगर उसके बावजूद भी नहीं कुछ फायदा हुआ तो हम दूसरी जगह पाने के लिए कोशिश करेंगे।
कहुआ कंकर खोजने के लिए इधर उधर देख रहा था कि कहीं कंकर उसे देख जाए। आपको बता दें कि कौवा एक बहुत बड़ा पत्थर के पास गया और उसने उस पत्थर को उठाने की कोशिश किया। लेकिन कव्वे की चोंच में इतनी ताकत नहीं थी कि वह इतना बड़ा पत्थर को उठाकर उस बर्तन में रख सके।
Pyasa Kauwa Story in Hindi
तभी कहूंगा कुछ भी बड़े पत्थर के आगे पीछे देखा तो छोटा-छोटा पत्थर था कौवा ने सोचा कि देर लगेगी कोई बात नहीं लेकिन इस छोटे-छोटे कम कर को उस में डालकर कुछ देर बाद हमें पानी पीने को मिल सकता है।

यह सोचकर वह छोटा-छोटा कंकड़ का टुकड़ा लाकर उस पानी का बर्तन में डालने लगा। कुछ ही देर बाद कौवे को पता चला कि पानी का स्तर ऊपर आ रहा है। कवि ने देखा कि और कुछ कंकर डालने पर पानी का जलस्तर ऊपर आ जाएगा और उनकी सोच आसानी से पानी तक पहुंच जाएगा।
Kauwa Ki Kahani
यह सोच कर कौवा और कंकर लाता गया उस पानी के बर्तन में डालता गया। कुछ देर बाद कौवा ने देखा कि पानी का जलस्तर काफी ऊपर आ गया था अब कौवा आराम से पानी पी सकता था। फिर उसके बाद कौवा आराम से उस पानी के बर्तन पर बैठ कर आराम से पानी पिया।
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आखिरकार कौवे की मेहनत रंग लाई और वह जी भर कर पानी पिया। आज के दिन ही कौवा को पता चला कि मेहनत क्या होती है और पानी कितनी बड़ी चीज है। क्योंकि को भी पानी को इतनी आसान चीज नहीं समझना चाहिए। और पानी को हमेशा नियमित है तौर पर कम खर्चे करना चाहिए ताकि हमें भविष्य के लिए पानी बचाया जा सके।
प्यासा कौवा कहानी के बारे में?
अभी तक इस कहानी में हम लोगों ने Pyasa Kauwa Ki Kahani, Thirsty Crow Story in Hindi, प्यासा कौवा, Panchtantra Ki Kahaniyan, Kauwa Ki Kahani के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर चुके हैं। उम्मीद है कि हमारी तरफ से प्रोवाइड किया गया यह कहानी आप लोगों को बहुत पसंद आई होगी। यदि किसी बच्चे को अपनी कहानी StoryHindi.net पर वेबसाइट पर प्रकाशित करवानी हो तो अपनी कहानी लिखकर हमें इस वेबसाइट के Contact Us पर हमें कांटेक्ट करें।
FAQ
प्यासा कौवा कहानी से आप क्या समझते हैं?
प्यासा कौवा कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें पानी को ज्यादा बर्बाद नहीं करना चाहिए।
प्यासा कौवा किस चीज के सहारे पानी के लेवल को ऊपर लाया?
प्यासा कौवा पानी की लेवल को ऊपर लाने के लिए छोटे-छोटे कंकालों का सहारा लिया था।
प्यासा कौवा को इतनी प्यास क्यों लगी थी?
क्योंकि गर्मी का सीजन चल रहा था और धूप काफी ज्यादा हो रही थी इसी कारण से प्यासा कौवा को पानी की प्यास लगा था।
प्यासा कौवा किस चीज में पानी पिया था?
प्यासा कौवा गांव के किसी घर में एक बर्तन में पानी पीने के लिए गया था।