चींटी और कबूतर: वैसे तो कहानियां सुनना Chiti Aur Kabootar Ki Kahani तो बहुत मजा आता है एक गाने के बच्चे हंसकर चींटी और कबूतर की कहानी सुनने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। आज किस कहानी में अनुभव से सीखेंगे चींटी कबूतर से किस तरह दोस्ती निभाते हैं।
Ant and Pigeon Story in Hindi मैं आपको एक बहुत अच्छी कहानी लिखा गया है। जिसे पढ़कर आप लोग कुछ अच्छा सबक सीख सकते हैं। दोस्तों कहानियां जीवन जीने की कला को सिखाती है। और छोटी-छोटी कहानियां छोटे-छोटे बच्चों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं। क्योंकि छोटी-छोटी कहानियों में ज्यादा पढ़ना भी नहीं पड़ता है और हर कहानी में अच्छी शिक्षा तुरंत ही मिल जाती है यही कारण है कि Short Stories in Hindi आजकल इतना ज्यादा फेमस है।
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Chiti Aur Kabootar Ki Kahani

एक समय की बात है एक जंगल में एक चींटी तालाब की खोज नहीं कर उधर भटक रही थी। जैसे ही चींटी पानी के लिए इधर उधर भटक रही थी। जंगल में बहुत ज्यादा पानी ढूंढने के बाद मुझे एक झील दिखाई दिया। चींटी ने सोचा कि चलो आज इस झील में जमकर पानी पी लूंगा और अपने दोस्तों को भी बताऊंगा कि इस झील में सभी लोग पानी आ कर पिए।
चींटी तो एक छोटा जानवर होता है वह डायरेक्ट पानी नहीं पी सकती है। इसी कारण से वह पानी पीने के लिए एक पत्थर पर चढ़ जाती है। जैसे वह पत्थर पर चढ़ती है और पानी पीने के लिए अपना सिर झुका आती है वैसे ही किसी कारणवश चिट्ठी पानी में गिर जाती है और वह पानी में तैरने लगती है।
चींटी पानी में तैरते तैरते आवाज लगाती है कि बजाने के लिए आवाज लगाती रहती है। चींटी कहती है कि मैं डूब गई मैं डूब गई कोई मेरी आवाज सुन रहा है तो कृपया मुझे बताएं इस झील से निकाले। वह जैसे जैसे पानी में तैर रही थी उसे वैसे उनकी हालत खराब होती जा रही थी। किंतु चींटी एक बहुत छोटा जानवर है और उन्हें तैरकर किनारे आने में बहुत ज्यादा टाइम लग जाएगा।
टाइम ज्यादा लगने के कारण चींटी ज्यादा भीग जाएगी और फिर वह नदी में समा जाएगी। यही कारण से सीटी जोर जोर से चिल्लाने लगी थी एक कोई मुझे बचाओ कोई मुझे बचाओ। वही बगल के एक पेड़ में एक कबूतर बैठा था कबूतर ने जैसे ही चींटी की आवाज सुने तो उनको मामला समझ में आ गया।
पेड़ पर बैठे कबूतर को नदी में डूबी चींटी को देखकर मामला समझ गया। कबूतर ने सोचा कि यह सी टीम बहुत ज्यादा मुसीबत में है कि नहीं से बचाने का कोई तरकीब सोचा जाए। फौरन कबूतर नी पेड़ मैं से एक पत्थर तोड़ा और फौरन जाकर नदी में फेंक दिया।
जहां चींटी पानी पर तैर रही थी जैसे एंट ने पत्ते को देखा वह जल्द से उस पत्ते पर चल गई। और धीरे धीरे धीरे पानी के बहाव के कारण किनारे पर आ पहुंची थी और इससे उस चींटी की जान बच गई थी। जैसे ही चींटी बाहर निकली उसने कबूतर को धन्यवाद कहा और कहा कि अगर आपकी जिंदगी में कभी मेरी जरूरत पड़े तो आप बेझिझक मुझे याद कर लेना। मैं हमेशा आपकी मदद करने के लिए तैयार रहूंगा मुझे बचाने के लिए आपका शुक्रिया। यह बोलकर चींटी अपने घर चली जाती है।
Hindi Story – Story in Hindi
एक दिन की बात है जिस पेड़ पर कबूतर अपना घोंसला बनाया हुआ था उसी घोंसला के नजदीक एक दिन एक किसान आता है। किसान अपने हाथ में जाल लेकर आता है। और वह कबूतर को फंसाने के चक्कर में कबूतर के घोंसले के नजदीक ही अपनी जाल बिछा जाता है।
किसान जाल लगाकर पास में छुप कर बैठ जाता है और फिर टुकुर-टुकुर देखने लगता है कि कहीं कोई पक्षी उस पर फसाया नहीं। जैसे ही कबूतर को भूख लगती है वह इधर-उधर दाने की तलाश में जाने के बारे में सोचता है तो वह देखता है कि उसकी पेड़ के नीचे बहुत सारे अनाज गिरा हुआ है।
यह देखकर कबूतर जल्दी से नीचे आती है और जाल पर पड़े दाना को चुन चुन कर कहानी लगती है। कुछ ही देर बाद कबूतर जाल में फंस जाता है। यह देख कर वह किसान जो जाल लगाया था। वह धीरे-धीरे कबूतर के पास आता है और जाल को लेकर चलने लगता है।
जैसे ही कबूतर को खतरा होने का एहसास होता है और उन्हें पता चलता है कि वह किसी जाल में फंस गया है। तो कबूतर जोर जोर से चिल्लाने लगता है कि कोई मुझे बचाओ कोई मुझे बचाओ। लेकिन कबूतर की वहां कोई सुनने वाला नहीं था। किसान कबूतर को लेकर चलता बना लेकिन रास्ते में उन्हें वही चींटी मिल गई थी।
Ant and Pigeon Story in Hindi
जिसे 1 दिन का होता है नहीं पानी से बाहर निकाला था और दोनों में दोस्ती हो गई थी। जैसे ही वह चींटी कबूतर को जाल में फंसा हुआ देखती है। कबूतर को बाहर निकालने के लिए कोई ना कोई तरकीब सोचने लगता था। जैसे ही किसान किसी कारणवश कहीं पर ठहरता है तो हुआ चींटी जल्दी से उसकी सहन के पेड़ के पास जाता है। और किसान को जोर से काटता है जिससे किसान चिल्ला उठता है और जान को नीचे छोड़ देता है।
जिससे कबूतर मौका पाकर जाल से निकल जाता है और दूर किसी पेड़ पर जाकर बैठता है। जैसे ही कबूतर देखता है कि चींटी के कारण ही उनकी जान बची है तो वह चींटी का भी धन्यवाद करता है और दोनों फिर साथ में एक साथ रहने लगते हैं।
सीख?
इस कहानी में या सीख मिला है कि हमें सभी की मदद करनी चाहिए क्योंकि कोई छोटा नहीं होता। जब हम किसी की मदद करेंगे तो वह अभी हमारी मदद करने के लिए सोचेगा।
चींटी और टिड्डा की कहानी – Ant and the Grasshopper Story in Hindi

एक जंगल में बहुत सारा टिड्डा एक साथ रहा करता था। वे लोग हमेशा सभी टिड्डा एक साथ में लड़का रहा करता था। एक दिन जब सभी टिड्डा कहीं डाल रहा था। तो उन्होंने देखा कि कई सारे फल और फूल दूसरी जगह कोई ले जा रहा था।
जैसे ही टिड्डा का सरकार ऊपर चढ़कर देखता है तो तो उन्हें बहुत सारी चीजें दिखाई देती है जो बहुत सारा खाना लेकर जा रहे थे। एक टिड्डा एक चींटी को रोक कर पूछती है कि इतना सारा खाना कहां लेकर जा रहे हो। तभी सीटी कहती है कि सर्दियों का मौसम आने वाला है अब खाने के लिए बहुत सारे फल नहीं मिलेंगे। और मौसम खराब होने के कारण हम लोग बाहर भी नहीं जा पाएंगे।
इस कारण से हम अभी से अपनी खाना का जुगाड़ कर रहे हैं और इसे स्टॉक करके रख रहे हैं। ताकि सर्दियों के मौसम में हमें बाहर निकालना ना पड़े और खाने की तलाश में भटकना ना पड़े।
यह सुनकर सभी टिड्डे जोर से हंसने लगे और कहने लगा कि तुम चीटियां इतना ज्यादा कमजोर हो। की खाने का इंतजाम पहले से ही करने लगे हो। मुझे देखो मैं कितना हट्टा कट्टा हूं और मुझे खाने की कोई चिंता भी नहीं है। लेकिन सीटी किसी भी चीज पर ध्यान नहीं दिया वे अपना काम करते रहे। अभी उसी तरह से प्रतिदिन और हमेशा खाना लाकर अपनी गुफा में ले जाने लगे थे।
जैसे-जैसे गर्मियों का मौसम बीत रहा था और सर्दी आने वाली थी। और सभी टिड्डे में लगाए एक साथ खा पीकर बड़े आराम से सोया करता था। वे लोग खा पीकर इतनी ज्यादा आलसी हो गए थे कि उन्हें कोई काम करने को बोलो तो कोई काम भी नहीं करता था कोई भी टिड्डा।
Ant and the Grasshopper Moral Story in Hindi
लेकिन जैसे ही सर्दियों का मौसम आया तो उन सभी को खाना खाने के बारे में भी सोचना पड़ा था। आपको बता दें कि वह टिड्डा इधर उधर भटकने लगा था कि कहीं मुझे सर छुपाने के लिए कोई घर मिल जाए और खाना खाने के लिए कोई खाना। उस सभी टिड्डा में से एक घंटा बोला चीटियों नहीं बहुत सारा खाना जमा किया हुआ है और वह लोग एक अपना घर भी बनाया हुआ है।
यह सुनकर एक साथ सभी टिड्डा चीटियों के घर पर हमला कर देता है और चीटियों का घर को कब्जा कर लेता है। यह देखकर चीटियों को बहुत घबराहट हुई थी। हुआ सर्दी में अपना घर ढूंढने के लिए इधर उधर भटकने लगा था। लेकिन उसे कोई दूसरा रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था। क्योंकि टिड्डा इतनी ज्यादा ताकतवर थे कि उन सभी को अपने घर से भगाना नामुमकिन था।
तभी सभी सीटीओ ने अपने-अपने साथियों और नजदीकी पड़ोसियों के घर चले गए थे और पूरी सर्दी वही गुजारी थी। लेकिन जैसे ही सर्दियों का मौसम खत्म हुआ अभी सभी अपने घर देखने आए थे और फिर वही घर में रहने लगे थे। सभी चीटियां फिर से अपने-अपने खाने का इंतजाम करने लगे थे और खाना लाकर अपने घर में रहने लगे थे।
इस बार सभी चीटियां मिलकर एक फैसला किया कि वे इस बार अपना खाना किसी गुप्त जगह पर रखेगा पूर्णविराम और पुरानी जगह पर भी रखेगा। जैसे ही चीटियां खाना लेकर आती थी तो आधे लोग पहले से बनाएं घर में जाता था। चीटियां सब हम बहुत होशियार थी उन्होंने पहले वाले घर में कुछ पत्ते और कुछ बेकार की चीजें पहुंचाया करती थी और अच्छी-अच्छी खाने की चीजें नहीं गुप्त जगह पर रखा करते थे।
जैसे-जैसे गर्मियों का मौसम बीता गया और सर्दियों का मौसम आ गया था। सोच रहे थे कि इस बार भी वे लोग चीटियों के घर पर हमला करके उनका खाना खाएंगे। लेकिन जैसे ही सर्दियों का मौसम आया सभी टिड्डा एक साथ मिलकर चीटियों के घर पर हमला कर दिया।
जैसे ही वह चीटियों के घर के अंदर गया वहां उसे कुछ भी नहीं मिला वहां पर मात्र कुछ पत्ते और कुछ लकड़ी रखे हुए थे। लेकिन अब बाहर जाना भी मुश्किल था क्योंकि सर्दियों का मौसम बहुत ज्यादा हो गया था और चारों तरफ बर्फबारी हो रही थी। टिड्डा को कुछ नहीं सो जा और फिर वाह बाहर आने के बारे में सोचा तक भी नहीं क्योंकि बाहर बहुत ज्यादा ठंड चल रही थी।
इस बार की सर्दियां टिड्डा को उसी सिटी के घर में गुजारना पड़ा था जहां उसे कोई भी चीज खाने को नहीं था। लेकिन फिर भी वह उसी तरह वही पत्ते को खा खा कर जिंदा रहा था। और इस बार सभी टिंडा खोया ऐसा सोया था कि उसे आलस नहीं करना चाहिए और अपने लिए खाने का इंतजाम खुद ही करना चाहिए था। ताकि सर्दियों में उसका दिन सही से गुजर सके।
सीख?
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी की खानों को नहीं लूटना चाहिए। और समय रहते ही हमें अपनी तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए ताकि बाद में कोई दिक्कत ना हो।
चींटी और कबूतर के बारे में?
इस लेख में हमने Chiti Aur Kabootar Ki Kahani मतलब की चींटी और कबूतर की कहानी को बताया है। उम्मीद है आप लोगों को दिया स्टोरी इन हिंदी (Story in Hindi) बहुत पसंद आया होगा। क्योंकि Hindi Kahaniyan पढ़ना हम सभी का शौक है और हम अपने शौक को पूरा करने के लिए इंटरनेट पर कहानियां पढ़ने के लिए आते हैं।
इसलिए इसमें हमने चीटियों से संबंधित दो Kahaniyan को प्रकाशित किया है जिसमें पहली कहानी चींटी और कबूतर की कहानी, (Ant and Pigeon Story in Hindi) और दूसरी कहानी चींटी और टिड्डा की कहानी (Ant and the Grasshopper Story in Hindi) के बारे में बताया गया है। यदि इसी तरह से और भी कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो Story Hindi साइट के मुख्य पृष्ठ पर क्लिक करें।
FAQ
चींटी और कबूतर की कहानी से हमें क्या सीखने को मिला है?
चींटी और कबूतर की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है कि हमें सब की मदद करनी चाहिए।
चींटी और टिड्डा की कहानी से क्या सबक मिला?
चींटी और टिड्डा की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी तैयारी खुद ही करनी चाहिए ना कि किसी दूसरों के बल पर हमें सीमित रहना चाहिए।
Hindi Kahaniyan हमें क्यों सुननी चाहिए?
हिंदी कहानियां सुनने से हमें बहुत सारी सीख मिलती है और हमारी विकास की गुणवत्ता अधिक अच्छी होती है।
इंटरनेट पर हिंदी स्टोरी कहां मिलता है?
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