जादुई सोने के अंडे की कहानी | Jadui Hindi Kahaniyan

Hindi Story: आज की हिंदी कहानियों में हम लोग जादुई सोने के अंडे की कहानी के बारे में पढ़ने वाले हैं। जादुई कहानियां आजकल के बच्चों में बहुत ज्यादा पॉपुलर देखने को मिल रही है। क्योंकि आजकल इंटरनेट पर नन्ही नन्ही परियों की कहानी तथा जादुई कहानियां बहुत ज्यादा प्रचलित मानी जाती है। तथा ऐसा माना जाता है कि छोटी-छोटी कहानियां जो की जादुई कहानियां होती है वह बच्चों को बहुत ज्यादा पसंद आया करता है।

जादुई सोने के अंडे की कहानी के साथ-साथ आज हम लोग शॉर्ट स्टोरी इन हिंदी हिंदी स्टोरी तथा स्टोरी हिंदी से संबंधित सभी प्रकार की कहानियों को इस लेख में शामिल करेंगे। साथ ही हम लोग और भी मजेदार कहानियां इस वेबसाइट StoryHindi.net पर प्रकाशित करेंगे। तो चलिए अब हम लोग जादुई कहानियां सोने के अंडे की कहानी की शुरुआत करते हैं।

जादुई सोने के अंडे की कहानी | Jadui Hindi Kahaniyan

जादुई सोने के अंडे की कहानी | Jadui Hindi Kahaniyan
जादुई सोने के अंडे की कहानी

सहारनपुर नमक एक गांव में राजू नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह अंडे का व्यापारी था अंडा लाकर अपनी दुकान में उसे उबाल कर या तो आमलेट बना कर ग्राहकों को बेचा करता था। जब राजू दुकान खोला था उस समय बहुत ज्यादा सर्दी थी और लोग अंडे खाने के लिए राजू की दुकान पर दूर-दूर से आया करते थे। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया और गर्मी आने शुरू हो गए थे तभी राजू की दुकान पर ग्राहक आने कम हो गए थे।

जैसा की आप सभी को पता होगा कि सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में लोग अंडे बहुत कम खाया करते हैं। क्योंकि अंडे में बहुत ज्यादा गर्मी होने के कारण गर्मियों में से खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है साथ ही साथ ठंडी हमें उसे बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। आपको बता दें कि राजू जब गर्मी आ रहा था तो उसने देखा कि उसके अंडे की बिक्री बहुत कम होती जा रही है उन्हें पता था कि गर्मी आते आते बहुत ज्यादा बिक्री कम हो जाएगी और साथ ही साथ में गर्मी से खराबी होने लगते हैं जल्दी।

राजू की पत्नी यह सोचकर के अंडे की बिक्री कहीं कम ना हो जाए वह राजू को कहता है कि आप अपने दुकान को छोड़कर गांव-गांव घूमकर अंडे भेज दिया कीजिए यही आपके लिए सही होगा और इस सीजन में तो अंडे ज्यादा सेल नहीं दुकान पर। वापस पत्नी की बात मानकर ऐसा ही करता है वह अंडे लेकर गांव-गांव बैठने के लिए जाता है तथा सभी को अंडे लेने के लिए तथा अंडे के फायदे बताते हर गांव जाता आता था।

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लेकिन जब भी वह किसी गांव में अंडे बेचने के लिए जाया करता था तो वहां पहले से कई दुकानें मौजूद थे। कई दुकानदार ने तो राजू को रोककर कहा कि यहां हम अंडे का दुकान लगाते हैं दोबारा ही गांव में अंडे बेचने मत आना। आपको बता दें कि वह जो होगी गांव जाता था वहां पहले से ही अंडे की दुकान बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद थी इस कारण से उन्हें घूम घूम कर बेचना बहुत ज्यादा काफी मुश्किल का दौर लग रहा था।

राजू 1 दिन कह रहा था और अपनी पत्नी से कहता है कि अंडे से ज्यादा से लोग ही नहीं रहे हैं हमारा घर परिवार कैसे चलेगा। गोविंद जी पत्नी कहती है कि मेरे मायके की तरफ मैंने एक सुनहरे जादुई सोने के अंडे के कलर का अंडा दिखता था जो जो वहां बहुत ज्यादा प्रचलित था। अगर आपसे यहां उस गाने को भेजेंगे तो उम्मीद है जरूर ग्राहक आएंगे सुनहरे सोने के अंडे खाने के लिए।

राजू भाई सही करता है वह अपने ससुराल चला जाता है और वहां से सोने सुनहरे के अंडे बनाने वाली कला कोशिश कर अपने गांव में वापस आ जाता है। सिर्फ अपने गांव में ही दुकान खोल लेता है अंडे का तथा अंडे वाली सोना के आकार का आमलेट बना था तथा उबला हुआ हड्डी बेचा करता था। धीरे-धीरे राजू की दुकान बहुत ज्यादा प्रचलित होने लगी थी क्योंकि इस प्रकार के अंडे उस शहर में कोई नहीं बेचा करता था। साथ ही आपको यह भी बता दें कि सोने के अंडे के आकार का बांडा इतना ज्यादा स्वादिष्ट लगता था खाने में कि लोग उनको खाते-खाते हाथ भी चाट लिया करते थे।

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अब तो राज्यों के बल्ले बल्ले हो गई थी क्योंकि उसी दुकान पर उस शहर के सबसे ज्यादा अंडे में बिका करते थे। और वह हमेशा से ही आप अंडे का बहुत बड़ा व्यापारी बनने लगा था क्योंकि अंडे अंडे भेज भेज कर लूंगा बस इतनी ज्यादा पैसे हो गए थे क्या वह अंडे का एक अपना मार्केट भी खोल सकता था लेकिन राजू ने ऐसा नहीं किया। क्योंकि राजू फूफा को भी पता था कि अंडे को मार्केट सीजन का मार्केट है अगर सीजन नहीं होने पर अंडे को कोई जल्दी खाने का प्रयास भी नहीं करता है।

राजू की तरक्की देखकर बगल वाले एक शॉप ओनर ने राजू को सबक सिखाने का फैसला कर लिया था। राजू की तरह की से जलकर उसके पड़ोसी ने सोचा की है राजू की बिक्री तो बहुत ज्यादा हो गई थी गर्मियों में भी अच्छे खासे अंडे भेज दिया करते हैं तभी उनकी पड़ोसी ने सोचा कि इनका दुकान ही जाना पड़ेगा तभी यह सुधरेगा। वह पड़ोसी ऐसा ही करता है रात में जब दुकान बंद करके राजू अपने घर जाता है सोने के लिए तो उसका पड़ोसी रात में आता है और उसकी दुकान को जला देता है।

जादुई सोने के अंडे की कहानी | Jadui Hindi Kahaniyan

जैसे ही अगले सुपर राजू दुकान पर आता है तो देखता है कि उसका दुकान जला हुआ है और सारे अंडे भी जल गए थे। तभी उन्होंने बहुत ज्यादा मेहनत करके बचे हुए अंडे को अपने घर पहुंचाया था। लेकिन फिर भी वह बहुत ज्यादा निराश था कि उसके पास एक ही दुकान चाहिए और उसके पास कोई दूसरा दुकान नहीं कर रहा है। अबुआ अंडा किस दुकान पर बैठेगा उनकी दुकान पर ही आना ज्यादा बिकती है।

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तभी उनकी पत्नी कहती है कि आप घबराइए मत हम अपना अंडे का बिजनेस अपने घर से ही शुरु कर सकते हैं। उनकी पत्नी ने नए जमाने के डिजिटल आईडिया दिया और कहा कि आप अपने नाम से फ्लेक्स बैनर दोसा पंपलेट छपवा कर पूरे शहर में चिपका दीजिए इसे आपकी दुकान का एडवरटाइजमेंट हो जाएगा और लोग आपके दुकान पर बिन बुलाए आ जाएंगे।

अगले ही दिन हुआ प्रिंटिंग प्रेस चला जाता है और अपने लिए बैनर कंप्लीट तथा बहुत सारे चीज जो कि एडवर्टाइजमेंट में काम आता है होगा सभी चीजें बनवा लेता है। फिर राजू खुद से ही अपनी घर में ही दुकान खोल लेता है और वह दुकान बाकी दुकानदारों से कई गुना ज्यादा चलता है। आपको बता दें कि उनकी दुकान इतनी अच्छी चल रही थी उसे घर में कि अब उन्हें बाहर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी बस घर जाकर रंडी बेचा करता था और रात में फिर अपने घर में ही सो जाया करता था।

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अब तो बहुत ज्यादा उसकी इनकम होने लगी थी यह देख कर उसके बगल वाले पड़ोसी का दुकान जला दिया था वह ज्यादा निराश हो जाता है क्योंकि उन्होंने इसकी तरह की रोकने के लिए उनकी दुकानें जलाई थी लेकिन राजू की तरक्की तो बढ़ती ही जा रही है। आखिरकार वह पड़ोसी सोचता है कि मैंने उनकी दुकान देखा जलाई थी ना ही मैं उसका दुकान जला था और ना ही वह अपने घर में दुकान को आता है और ना ही अपनी दुकान के प्रचार प्रसार करवाता।

अब राजू के पास बहुत ज्यादा कस्टमर से और हो गए सालों भर अंडे भेज भेज कर पैसे कमाया करते थे तथा साथ ही उनके पास में जो दुकानदार से उनका दुकान में जाना अंडर कोई भी नहीं लेता था क्योंकि राजू अंडे में में सोना हरे रंग का चांदी की है और सोने की आकार करा करता था।

जादुई सोने के अंडे की कहानियां से आप क्या सीखे हैं?

जादुई किस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने बिजनेस पर जरा पता चलना चाहिए अपने लेवल के दुकानदारों को को कभी भी नुकसान नहीं करना चाहिए। आपको आपको किसी की भी ज्यादा नुकसान करने की जरूरत नहीं है यदि आपका क्वालिटी अच्छा है तो आपका दुकान अपने आप चलेगा।

जादुई सोने के अंडे की कहानी कहानी का निष्कर्ष

आज की जादुई कहानी में हम लोग सोने के अंडे की कहानी से रूबरू हुए हैं। आप सभी को बता देंगे या एक प्रकार का हिंदी कहानियां है जिसमें हमें बहुत सारे देखने को मिलती है। बच्चों के लिए प्रेरणादायक हिंदी कहानियां साबित हो सकती है। और हम अपनी वेबसाइट हिंदी स्टोरी पर हमेशा इसी प्रकार की कहानियों को प्रकाशित करते हैं।

FAQ for जादुई सोने के अंडे की कहानी
  1. जादुई सोने की अंडे की कहानी से आप क्या समझते हैं?

    जादुई सोने अंडे की कहानी से हमें यही सबक मिलता है कि हमें किसी भी बिजनेस को या अपने दोस्तों के बिजनेस को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

  2. मार्केट में अंडे का भाव कैसे पता करें?

    मार्केट में अंडे का भाव पता करने के लिए आप इंटरनेट पर तरह-तरह की वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं जहां पर सभी शहरों के अंडे का मूल्य प्रकाशित होते हैं।

  3. राजू किस प्रकार से अंडे बेचा करता था?

    राजू गांव में घूम घूम कर आ अंडे बेचा करता था क्योंकि उसके गांव में उसके दुकान में अंडे बिक्री की कमी हो गई थी।

  4. बाद में राजू ने किस प्रकार की दुकानें खोली थी?

    बाद में राजू ने अपने घर में अंडे की दुकान खोली थी और उसके लिए प्रचार-प्रसार पूरे शहर में करवाया था।

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