Real Horror Story in Hindi | सच्ची हॉरर स्टोरी

वैसे तो एक Real Horror Story in Hindi हम लोगों ने बहुत सारी पड़ी होगी लेकिन आज के इस लेख में हम लोग जो सच्ची हॉरर स्टोरी इन हिंदी के बारे में जाने वाले हैं, काफी ज्यादा डरावनी कहानियां तथा भूतिया डायन की कहानियों में से एक है। जैसा की आप सभी को पता होगा कि भूतों की कहानियों में आजकल के लोगों को काफी ज्यादा इंटरेस्ट बढ़ रहा है, जिस कारण से इंटरनेट पर बहुत सारी भूतों की कहानियां उपलब्ध है, जिसमें की स्टोरी हिंदी वेबसाइट पर भी रियल हॉरर स्टोरी इन हिंदी को प्रकाशित किया गया है।

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पांच चुड़ैल बेटियां – Real Horror Story in Hindi

Real Horror Story in Hindi
Real Horror Story in Hindi

बहुत पुराने जमाने की बात है एक गांव में महेश नाम का युवक अपनी पत्नी तथा अपने पांच बेटियों के साथ अपने घर में रहता था। महेश का एक बेटा भी था जो बाहर आकर पढ़ाई कर रहा था। महेश बहुत ही गरीब किस्म का इंसान था कि कि उसके पास ना तो अपना घर था ना ही अपनी जमीन। 1 दिन भर मजदूर की तरह काम ढूंढने के लिए शहर जाया करता था और जब शहर में काम मिलता था तो उसके बदले जो पैसे मिलते जब आपने खाने पीने की संभावना दवा घर का किराया देने के लिए लगा दिया करता था।

एक दिन इसकी पहुंचो बेटियां कहती है कि पापा जी आप हमेशा इधर उधर काम की तलाश में घूमते रहते हैं। आप ऐसा कीजिए कि हमारे घर के बाहर ही अपनी जो जमीन है वहां पर एक दुकान बनाकर हम लोग अपना दुकान चलाएंगे। तभी मैं कहता है की बात तो तुम लोगों ने सही कही लेकिन क्या दुकान चलाने के लिए हमारे पास उपयुक्त सामान है और दुकान में सामान बनाने के लिए मेरे पास कोई कला भी तो नहीं है।

उसके बहादुर महेश की पांचों बिटिया कैसी है कि पापा इसके लिए आप चिंता बिल्कुल भी ना करें क्योंकि आप लोगों ने घर में तो बहुत सारे पकवान बनाने के लिए ही सीख लिए थे। उसके बाद महेश कहता है कि तुम लोगों ने सही बात कही है क्योंकि तुम लोग तो खाना बनाने में बहुत ज्यादा निपुण हो और तुम्हारे हाथों की खाना तो बहुत अच्छा बनता है चलो हम लोग हम बाहर में फास्ट फूड की दुकान खोलते हैं।

महेश ने ऐसा ही किया वह घर के बाहर पड़ी जमीन में एक झोपड़ी बनाई है उसमें का दुकान खोलने के बारे में सोचने लगा। कुछ ही दिनों बाद है महेश की दुकान बहुत ज्यादा पॉपुलर हो गई थी क्योंकि उसकी बेटियां बहुत अच्छी तरीके से समोसे और बहुत सारे फास्ट फूड को बनाकर ग्राहक को खिलाया करता था। जो ग्राहक को बहुत ज्यादा पसंद आने लगा था और सभी लोग पड़ती है एक दिन महेश की दुकान से ही सभी सामान लेते थे।

हॉरर स्टोरी सच्ची घटना

महेश की दुकान सही से चलता हुआ देख बगल के बहुत सारे दुकानदार महेश तथा उसकी बेटियों से जलने लगे थे। एक दिन दिवाली का त्यौहार चल रहा था वहां उसके बहुत सारे पड़ोसी दिवाली में पटाखा फोड़ कर जश्न मना रहा था। त्यौहार होने के कारण महेश की दुकान बहुत ज्यादा चल रही थी और उसकी बेटियां उस दिन रात भर दुकान पर काम कर रही थी।

जब बहुत सारे लड़के लोग महेश के दुकान के सामने पटाखा जला करो जश्न मना रहे थे तभी महेश की बेटी की तस्वीर मेरे मकान के सामने कृपया करके कोई पटाखा नहीं जला है नहीं तो मैं अपने पापा को बोल दूंगा और यह किसी प्रकार का शोर शराबा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तो भी हमें लड़के बोलने लगेगी तुम्हारी दुकान बहुत ज्यादा चलने लगी है इसलिए बहुत ज्यादा घमंड हो गया तुम लोगों को आज भेजना ऐसा पटाखा जला हुआ सब तुम्हारे साथ साथ है तुम्हारे दुकान भी जलकर राख हो जाएगा।

उन्होंने की समस्या से किया जब रात के 12:00 बज रहे थे तभी बहुत सारी लड़कियां हैं महेश के दुकान के पास और वहां बहुत सारे पटाखा जलाने लगा था इस कारण से महबूब खान ने आग लग गई उस समय मैसेज की दुकान नंबर तो नहीं था लेकिन उसकी पांचो बेटियां खाना बना रही थी दुकान में ही।

जैसे ही महेश के दुकान में आग लगी दुकान बहुत ज्यादा जलने लगा था क्योंकि दुकान के अंदर महेश की भाषा बेटियां वेरी खाना बना रही थी इस कारण से वह आग लगने के बारे में पता भी नहीं चला रहा था इसलिए ज्यादा फिकर लगेगी उसकी पहुंचो बेटी है जलकर मर गई। जैसे ही महेश दुकाने आता है और बिकता है कि उसकी दुकान समय उसकी बेटियां में जलकर राख हो गई है। मां के पैरों जमीन निकल जाती है और वह रोने लगता है। काफी ज्यादा रोने पीटने के बाद बहुत सारे लोग जो महेश के रिश्तेदार थे वह समझाते हैं और फिर उसे घर ले कर आते हैं।

महेश रहता है महेश और उसकी पत्नी कहती है कि अब हमारी बेटियां भी नहीं है हमारे दुकान में नहीं है हमारा पालन-पोषण किस प्रकार से होगा। ऐसा कहते हैं। महेश को अब उसके दुकान जलने के कारण बहुत ज्यादा चिंता बढ़ गई थी इस कारण सोने नींद भी नहीं देर के बाद आए थे। करीब दो-तीन दिन बीत जाने के बाद एक रात जाओ महेश और उसकी पत्नी सो जाता है तो उसकी 5 बेटियां जिसकी मौत जलने के कारण हुई थी वह चुड़ैल बनकर अपने अपने घर आ जाती है। घर आकर पांचों देखती है कि और मम्मी पापा सो रहा है और घर में बहुत सारे काम बाकी है सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है।

पांचो चुड़ैल बेटियां जो भूत बन गई थी वह सब घर में आती है और जल्दी-जल्दी पांचों मिलकर घर का सही काम कर देती है। जैसे ही दूसरे दिन उसकी पत्नी मतलबी महेश की पत्नी उठती है और घर में लिखती है कि घर पूरा चकाचक कर रहा है सभी सांगवान दम सही जगह पर पहुंच गया है उसे कुछ समझ में नहीं आता है एक घर में क्या हो रहा है। फिर पांचो बेटियां मिल गया दुकान के सारा सामान बनाती है और घर में ही छोड़ देती है।

उसके बाद प्रत्येक दिन उसकी बेटी आती है और दुकान का सभी सामान अपना कर चली जाती थी रात भर में। धीरे-धीरे महेश जोशी दुकानों का सही किया फिर उसी में भेजने लगा था। ग्राहक अब समझ रहा था कि आप तो उसकी बेटियां नहीं है हो सकता है जो बनाया उन्होंने समोसा और फास्ट फूड उसका स्वाद अलग हो जाएगा। तभी धीरे-धीरे रमेश की दुकान में ग्राहक आना शुरू हो जाता है और देखता है कि जिस तरह से शुरुआत से पहले मिल रहा था बाद में भी उसी तरह का सवाल उसे खाने को मिल रहा है।

Darawni Chudel Ki Kahani

सभी ग्रह खुश हो जाता है और वह इसके दुकान है बच्चे चलने लगती है फिर वैसे ही महेश घर में सामान ला कर रख देता था दूर कर देता था तो घर का सभी सामान बन चुका है बता दुकान के सामान भी बन चुका था। मैं तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कौन उसके घर में आकर वह खाना बना कर चला जाता है। उसको अभी तक भी पता नहीं था कि उसकी बेटियां चुड़ैल बनकर और भूत बनकर आती है और फिर घर का काम कर कर सुबह होते ही चली जाती है।

एक दिन महेश और उसकी पत्नी यह सोचती है कि आज छिपकर हम लोग घर में देखेंगे कि कौन आता है और हमारा सारा काम कर देता है। उस रात महेश और उसकी पत्नी एक खिड़की से पीछे चुप कर देख रहा था कि फिगर में कौन आता है और कौन है खाना बनाता है। जैसे ही वह देखती है कि रात 10:00 बजे के बाद उसे घर में पांच भूत घर में आ जाता है और बस खाना बनाने लगता है। महेश को बहुत ज्यादा डर लग जाता है अपने घर में भूत देखने के कारण महेश बहुत ज्यादा डर रहा था।

लेकिन जैसे ही पांचो चुड़ैल लाइट में आती है तो ऐसे ही बहस को उसकी बेटी का जैसा दिखता है। महेश जल्दी पार्टी अपने बेटे की तरफ जा पहुंचता है साथ में उसकी पत्नी भी पीछे-पीछे जाती है। तभी देखता है कि उसकी 5 बेटियां भूत बनकर चुड़ैल बनकर उसके घर में आती है और खाना बनाती है। उसके बाद महेश लगता है कि बेटा तुम लोगों को रोजगार में आती हो और क्यों खाना बना कर चली जाती हो। तभी उसकी पांचो चुड़ैल बेटियां कहती है कि आप लोगों का दुख देखकर हम पांचों बहनों को मुक्ति नहीं मिली है इसी कारण से हम लोगों पर बचाना आपके काम में हाथ बढ़ाते हैं और जब तक आपके दुख दर्द खत्म नहीं हो जाते हैं मुझे मुक्ति नहीं मिलेगी।

इसके बाद प्रत्येक दिन पहुंचा बेटियां मिलकर जो भूत बनकर उसके घर आया करती थी। वही पांचवा मिलकर घर का सभी काम करता था तथा खाने-पीने के दुकान के सामान को बनाया करता था। यही प्रक्रिया बहुत दिन चलने के बाद अब महेश की हालत सुधर गई थी क्योंकि दुकान अच्छी चलने के कारण उसके पास काफी पैसा हो गया था उसके बाद उनकी पांच और चुड़ैल बेटियों को मुक्ति मिल गई थी और वह हमेशा के लिए ऊपर चली गई थी भगवान के पास।

इस भूत की कहानी, चुड़ैल की कहानी से हमें क्या सबक मिलता है?

इस रियल हॉरर कहानी से हमें यह फल मिलता है कि बेटियां तो घर की लक्ष्मी होती है। औरत सबसे ज्यादा बेटियां ही अपनी मां बाप की सेवा करने में निपुण होती है। क्योंकि बेटियों को मरने के बावजूद भी अपने माता-पिता को देखकर बहुत ज्यादा दुख होता है।

कब्रिस्तान हॉरर स्टोरी इन हिंदी – Real Horror Story in Hindi

Real Horror Story in Hindi

मेरा नाम जोगिंदर है और मैं एक गरीब राजमिस्त्री का काम करने वाला व्यक्ति हूं मेरा परिवार इतना ज्यादा गरीबी में जी रहा है कि मुझे रात दिन काम करनी पड़ रही है। मैं एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहा हूं राजमिस्त्री के तौर पर उसके साथ साथ में वहां के सभी सामान को रक्षा करने की जिम्मेवारी रात में जाकर करता हूं ताकि हमें दोगुना सैलरी मिल सके वह हमारा परिवार सदस्य से जीवन व्यतीत कर सके।

जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहा हूं वहां मुझे एक रूम मिली है अपने परिवार को रहने के लिए इसमें मैं मेरा भाई और अपने मम्मी पापा रहा करते हैं। रात में जब मैं काम कर गया आता हूं तो फिर हमारे पापा और हमारा भाई फैक्ट्री के लिए देखने करने के लिए नौकरी पर जाया करते हैं। क्योंकि परिवार बड़ा होने के कारण एक आदमी के कमाने से नहीं गुजर रहा था यही कारण है कि हम लोगों ने अब बारी बारी से काम करने के बारे में सोचा था।

एक दिन सीमेंट वाला बड़ी गाड़ी आने वाला था जिससे सीमेंट उतारने की जिम्मेदारी मैं और मेरे भाई अपने सर पर लिया था। उसी काम को करने के लिए हम लोग रात में जाग रहे थे। लेकिन जैसे ही सीमेंट वाला ट्रक फैक्ट्री में आई सुबह से ही बहुत ज्यादा रात हो चुकी थी। रात के 12:00 बज रहे थे और मुझे टॉयलेट लगी थी। रात ज्यादा होने के कारण मैं अपने भाई राजा को कहता हूं कि मुझे टॉयलेट लगी है हम दोनों चलो टाइट करने जाएंगे उसके बाद जब सीमेंट की गाड़ी फैक्ट्री के अंदर पहुंच जाएगी तो हम लोग जा कर सामान उतार लेंगे

क्योंकि मेरा एक गरीब परिवार था और वह मेरा घर भी नहीं था वहां सिर्फ कंस्ट्रक्शन कंपनी हमें रहने के लिए एक छोटा सा मकान लिया था। उसमें बाथरूम टॉयलेट की कोई सुविधा नहीं थी हम लोग बाथरूम करने के लिए बाहर खेतों में तथा जंगल में जाया करते थे। जब मैं और मेरा छोटा भाई राजा एक साथ जा रहे थे काफी दूर पहुंचने के बाद मुझे दो लोगों की बातचीत सुनाई देती है।

Short Horror Story in Hindi

जैसे ही हम लोग थोड़ा और शांत होते हैं तो हम लोगों को लोगों की बातों की आवाज है बहुत साफ साफ सुनाई देने लगी थी। वह दोनों आपस में बातचीत कर रहे थे कि मेरा बहुत बहुत ज्यादा अच्छी है वह हमेशा से ही सभी लोगों का ख्याल रखती है अच्छा हुआ कि मैंने अपनी बहू को अपने बेटे से शादी करा दिया जो कि बहुत अच्छी लड़की है तभी उसकी पत्नी कहती है कि यह तो बहुत अच्छा है मैं तो अपने घर गई थी देखने के लिए लेकिन सभी लोग सो रहे थे आराम से और मैं घर में ही घूम घूम कर वापस आ गई हूं।

हम दोनों को भाइयों को हमारे साफ-साफ सुनाई दे रही थी लेकिन जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वहां किसी भी प्रकार का कोई व्यक्ति नहीं दिख रहा था। फिर मैंने जंगल की तरफ जंगल हटाकर देखा तो वहां दो कब्र बना हुआ था जिस पर दोनों व्यक्ति का नाम लिखा हुआ था और उसकी मरने की तारीख जब मैंने देखा तो मेरे पैरों तले जमीन हिल गई। किसी जब मैंने दोनों कब्र की तारीख देखी तो दोनों एक ही दिनांक में मरा हुआ था इसका मतलब है कि दोनों एक ही दिन मरे हुए थे।

वैसे तो मैं जंगल में रात में टॉयलेट करने गया था लेकिन जब कब्रिस्तान के पास पहुंच कर मैंने दो भूतिया व्यक्ति को बात करते ही नहीं सुना तो मुझे टॉयलेट करना नहीं आया था। मैं अपने छोटे भाई राजा को कहा कि भाई इधर कब्रिस्तान में बहुत ज्यादा भूत दिखाई दे रही है। ऐसा करते हैं कि हम जल्दी बाजी से जंगल के रास्ते अपने घर पर पहुंचने का प्रयास करते हैं। उसके बाद हम दोनों जनों के रास्ते घर की तरफ बढ़ने लगे थे लेकिन जैसे जैसे हम घर की तरह आगे बढ़ते थे वैसे वैसे ही दोनों भूतिया व्यक्ति की आवाजें हमें बहुत ज्यादा स्पष्ट सुनाई देने लगी थी।

जैसे ही हम लोग एक जगह पर रुक गए थे और पेड़ के पीछे छिप गए थे फिर पेड़ के पीछे से छिपकर ही देखे तो हमें साफ-साफ दोनों का कब्र पर भूत दिखाई दे रहा था और दोनों आपस में बातचीत कर रहा था। अब जैसे-जैसे मैं घर की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे दोनों बहुत हमारे पीछे पीछे आ रहे थे। जैसे ही हम लोग घर पहुंचे हम लोग जल्दी से घर में जाकर दरवाजा लगा कर सो गई थी। घर में दरवाजा लगा कर सोने के बावजूद भी हम लोगों को नींद नहीं आ रही थी फिर अचानक हम लोगों को हमारे घर के बाहर एक आवाज सुनाई दे रही थी।

Real Horror Story in Hindi

ज्यादा गौर से सुना तो मैंने देखा कि वही तो भूतिया व्यक्ति है जो कब्रिस्तान से भूत बन कर आया था। कोई हमारे घर के बाहर आवाज धीमी से बातें कर रहे थे। यह बात इतना ही स्पष्ट सुनाई दे रही थी कि हमारे घर वाले मतलब के मारे मम्मी पापा भी जग गए थे। जैसे ही पापा ने कहा कि चलो हम देखते हैं बाहर जाकर कौन बाहर में बातचीत कर रहा है। क्योंकि उसके पिताजी फैक्ट्री में फैक्ट्री के सुरक्षित जोगनी का काम कर रहा था और अगर कोई व्यक्ति आकर फैक्ट्री में कोई सामान चुरा कर ले जाता है तो उसकी जिम्मेदारी मेरे पिताजी की होगी।

Horror Story in Hindi Written

जैसे ही मेरे पिताजी बाहर गया दोनों भूत जबरदस्ती मेरे पिताजी के पीछे पड़ गया और उसे अपने पास खींच कर मेरे पिताजी को जान से मार दिया था। फिर उसके बाद मेरे पिताजी के साथ मेरे माताजी भी बाहर निकले थे लेकिन भूत ने उन्हें भी पकड़कर जान से मार दिया था। उस दिन पूर्णिमा की रात की हम दोनों भाइयों को बहुत ज्यादा डर लग रहा था इस कारण से हम लोग डर करो यही सो गए थे।

जब सुबह उठा तो देखा कि मेरी मम्मी पापा मृत हालत में पड़े हुए हैं और बहुत सारे फैक्ट्री के लोग वहां पर आ गए। उसके बाद फैक्ट्री के मालिक माना जाता है और कहता है कि ऐसी बातें होती रहती है तुम चिंता मत करो किसी कारणवश तुम्हें गलतफहमी है यहां को ही बहुत प्रेत नहीं आता है। सभी के चले जाने के बाद वहां का एक बुजुर्ग कहता है कि हो ना हो तुम्हारे माता-पिता का खून एक भूत ने ही किया है क्योंकि हर पूर्णिमा की रात मतलब हर साल पूर्णिमा की रात इसी समय से दिन एक व्यक्ति की हत्या हुई थी उसका पूरा परिवार तुम्हारा पिताजी और माताजी के कारण उसकी मौत हुई थी।

उसके बाद वह व्यक्ति कहता है कि अगर तुम्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए तो तुम जंगल के पास एक झोपड़ी में जाना वहां तुम्हें एक बुढ़िया दिखाई देगी उसी से बात कर लेना बस तुम्हें सारी जानकारी दे देगी। जैसे ही गुड़िया घर में मैं पहुंचा तो देखा कि बुढ़िया बैठी हुई जब मैंने उससे बात करना शुरू किया तो वह कहने लगा कि तुम्हारे मम्मी पापा के कारण ही एक पूरे परिवार के साथ गई थी और वही बहुत है कल तुम्हारे मम्मी पापा को खून किया था। वह बुढ़िया कहती है कि तुम्हें वह बहुत नहीं पहचानता था क्योंकि जिस वक्त यह हालात हो रहा था तुम बाहर गए थे पर अपनी पढ़ाई करने के लिए जिस कारण से भूत जो तुम्हें पहचान नहीं पाया और तुम बच गए। अगर भूत ने तुम्हें भी पहचान लिया होता तो तुम्हारे मम्मी पापा के साथ साथ तुम्हारा भी खेल खत्म कर देता।

Real Horror Story in Hindi का निष्कर्ष

आज के इस रियल हॉरर स्टोरी इन हिंदी में हम लोग Real Horror Story in Hindi, भूतिया कहानी के बारे में जानने का प्रयास कर रहे थे। जिसने पहले कहानी चुड़ैल की कहानी थी और दूसरी कहानी एक कब्रिस्तान की भूतिया कहानियां था। कब्रिस्तान की भूत की कहानी सभी लोगों को पढ़ने में बहुत ज्यादा मजा आता है जिस कारण से हम StoryHindi.Net वेबसाइट पर भूतिया कहानियों का संग्रह लेकर आया हूं और आपको भूतों की कहानी में ज्यादा रुचि है तो हमारी मुख्य पृष्ठ में जाकर भूत की कहानी की कैटेगरी पर क्लिक करें वह आपको बहुत सारी डरावनी भूत की कहानी उपलब्ध हो जाएगी।

FAQ of Real Horror Story in Hindi
  1. हॉरर मूवी कहानी इतना पॉपुलर क्यों माना जाता है?

    होर्रोर कहानी में बहुत सारी सस्पेंस देखने को मिलता है यही कारण है की Horror Story in Hindi इतना पॉपुलर है।

  2. चुड़ैल की कहानी को पढ़ने में कितना मज़ा आता है?

    चुड़ैल की कहानी में भूतों की कहानी लोगों को पड़ने में बहुत मज़ा आता है।

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