Do Ghade Moral Story in Hindi | Short Stories Hindi

आज के इस हिंदी कहानी में हम लोग Do Ghade Moral Story in Hindi के बारे में जाने वाले हैं। इस कहानी में दो घड़े जिसमें पानी लाया जाता है उसी के बारे में चर्चा होने वाली है और हम लोग दो घड़े मोरल स्टोरी इन हिंदी के बारे में Short Stories in Hindi को पढ़ाने वाले हैं। दोस्तों जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे किस्से कहानियों का दौर भी डिजिटल होता जा रहा है। हम लोग इंटरनेट पर कहानियां पढ़ना शुरू करने लगे हैं और StoryHindi.Net भी एक कहानियों से संबंधित वेबसाइट है जिसमें बहुत सारी कहानियां उपलब्ध है।

1. Do Ghade Moral Story in Hindi | दो घड़े की कहानी

Do Ghade Moral Story in Hindi
दो घड़े की हिंदी कहानी

एक गांव में दो औरत एक ही नदी पर पानी लेने जा रहा करती थी। दोनों के पास अपना-अपना मटका था वह उसी घड़े में पानी लाने के लिए जाया करते थे। एक औरत का नाम रीना था और दूसरे का नाम सोनी था। दोनों के पास अपना-अपना बहुत ही अच्छे पीतल का घड़ा था जो देखने में काफी ज्यादा सुंदर और बेहतर था।

वह दोनों औरत जब भी नदी के पास पानी लेने के लिए जाया करते थे तो दोनों पहले बैठकर आधा एक घंटा बातें किया करती थी। फिर उसके बाद दोनों अपना-अपना घड़ा में पानी भरता है और फिर अपने घर के लिए निकल पड़ता था।

यह सभी देखकर पहला घड़ा दूसरे को कहता है कि ” देखो भाई हम लोगों की क्या हालत हो गई है हम लोगों का काम सिर्फ यही है कि सभी लोगों को पानी भर भर कर पिलाते रहे। तभी दूसरा घड़ा कहता है कि बात तो तुमने बिल्कुल सही किया है क्योंकि हमने बहुत दिनों से इन दोनों को पानी भर भर कर ले जा कर दिया करता हूं। लेकिन इसके बदले में हमें क्या मिलती है बस हर रोज खाली कर कर फिर नदी के पास पानी लेने के लिए आ जाते हैं।

फिर दूसरे दिन रीना और सोनी दोनों औरत मटके को लेकर पानी भरने के लिए उसी नदी पर जाती है। जैसे ही दोनों हो रहा था नदी के पास पहुंचती है और बैठकर बातें करना शुरू करती है। वैसे ही उन्हें कुछ अंधेरा दिखता है जैसे कि मौसम खराब हो रहा है और देखते ही देखते बारिश होगा आंधी तूफान आने लगी थी। यह देख कर घड़े कहता है कि अभी हम लोगों का अच्छा वक्त है इन दोनों से छुटकारा पाने के लिए क्योंकि अभी कुछ देर में बारिश होने वाली है और इन दोनों का ध्यान जल्दी बाजी में है ऐसा करो कि मौका पाकर हम लोग यहां से भाग चलो।

दोनों मटका ऐसा ही करता है वह दोनों मिलते जुलते नीचे नदी में गिर जाता है और वहां से चल देता है। कुछ दूर जाते जाते उसे नदी की धार हम बहुत पसंद आ जाते हैं। तभी नदी का धार कहती है कि चलो तुम लोग तो वहां से आजाद हो गए हो अब तुम लोग हमारे साथ मस्ती करो मेरी लहरों में डूब डूब कर खूब मस्ती करो। फिर नदी की लहर कहती है कि अब हम लोगों का नहीं दूसरी जगह जाने वाले हैं क्या तुम भी जाओगे मेरे साथ।

दोनों ghade एक छोटीसी रास्ते से गुजरने लगती है लेकिन कुछ दूर जाने के बाद वहां उसे एक पेड़ का टुकड़ा नदी में गिरा हुआ मिलता है। उसमें से एक घड़ा वैसे ही डाली में अटक जाता है और वह जा नहीं पाता है। तभी दूसरा घड़ा कहता है कि अब तुम्हारा क्या होगा अब मैं तुम अकेला हो जाऊंगा क्योंकि मेरे साथ जाने वाला कोई नहीं है अगर रास्ता इतना पतला है कि बीच में कोई हमें पकड़ कर सकता है।

दोनों घणा आपस में बातचीत कर रहा था वैसे ही ऊपर पेड़ पर बहुत सारे बंदर उछल कूद कर रहे थे। बंदर ऊपर से दोनों मटका को देखता है और एक बंदर उतर कर दोनों मटका को अपने साथ ले जाता है। बंदर मटका को अपने साथ ले जाकर अपने दोस्तों के साथ उसे एकता और रोकता है दोनों एस्से आप ही परेशान हो जाता है और उन्होंने अपने आप को बहुत ज्यादा मुश्किल में डाल लिया ऐसा दोनों मटका आपस में बात करता है।

कुछ देर मटका के साथ उछल कूद करने के बाद मटका की जान बसती है क्योंकि बंदर ने उसे फिर से पानी में छोड़ दिया था। अब से दोनों मटका आपस में बातचीत कर रहा था कि अच्छा हुआ कि उन्होंने मुझे छोड़ दिया नहीं तो मेरी तो जान ही जाने वाली थी। क्योंकि वह बंदर इतना ज्यादा उछल कूद कर मटका को उछालना था और फिर उसे उसे पकड़ लेता था ऐसे में दोनों मटका को बहुत ज्यादा घबराहट हो रही थी।

देसी बंदर मटके को वापस पानी में छोड़ देता है दोनों मटका फिर से अपने रास्ते पर चलने लगता है। कुछ दूर जाने के बाद वहां रास्ता पतला हो गया था और भी ज्यादा वहां पर कुछ मजदूर नदी से बालू निकाल रहे हैं। जैसे ही बालू निकाल रहे मजदूरों की नजर ही मटके पर बढ़ती है तो मजदूर बहुत खुश हो जाता है और कहता है कि देखो देखो मुझे क्या मिला है मुझे एक चमचमाती पीतल का घड़ा मिला है। अब मैं इस घड़े को अपने घर लेकर जाऊंगा मिट्टी में भरकर और फिर ऐसे ही सही मिट्टी ढोने का काम करूंगा।

दोनों किसान ऐसा ही करता है वह अपने-अपने मटके को मतलब की मटका को उठाता है और अपने घर चल देता है मिट्टी लेकर उसमें। जैसे ही हुआ घर पहुंचता है फिर रोजाना प्रतिदिन वह उसी मटके से मिट्टी तथा पत्थर भर भर कर घर ले जाया करता था। इससे दोनों मटके की हालत बहुत खराब हो गई थी वह कहीं से तेरी मिली हो गई थी। दोनों मटके आपस में बातचीत कर रहे हैं देखें क्यों ना हमें पहले वाले दोनों औरतों के पास ही रहते बेकार हमने वहां से भागने का प्रयास किया और बाद में हमें उससे भी खराब नतीजा देखने को मिला है।

दोनों मजदूर के पास दोनों मटका बहुत ज्यादा खराब स्थिति हो गया था। एक दिन उस गांव में बहुत ज्यादा बाढ़ आ गए थे इस कारण से पूरा पानी भर गया था और गांव के सभी लोगों को भागना पड़ा था। तभी जल्दी बाजी में दोनों मजदूरों ने अपना-अपना मटके को वहीं छोड़ दिया था और इससे धोने मटके को भागने का मौका मिल गया था। दोनों मटका जब बाढ़ के पानी में तेज बहाव के कारण बहुत ज्यादा दूर आ गया था।

बाढ़ के पानी में तेरे बाहों के कारण दोनों घड़ा काफी दूर निकल चुका था। फिर चलते चलते वह एक नदी में पहुंच गया था। घड़ा आगे बढ़ता ही रहा लेकिन एक बार जब वह बहुत तेजी पानी की बहाव में था तो उसे एक साधु ने अपने हाथों से पकड़ लिया था। वह साधु गंगा में स्नान कर रहा था और उसने देखा कि नदी में तैरता हुआ दो घड़ा आपस में बातचीत करते आ रहा है।

साधु ने सोचा कि क्यों ना हम इसे अपने साथ आश्रम में लेकर आएंगे और इस गाने से फूलों को पानी देने का काम करेंगे। फिर वह साधु ऐसा ही करता है वह अपने साथ दोनों मटके को अपने आश्रम में ले जाता है और प्रतिदिन उसी मटके से फूल में पानी दिया करता है। ऐसा करते करते काफी दिन बीत जाता है दोनों घड़ी आपस में बातचीत करते हैं कि हमारी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई है वह किसान मजदूर तो हमें कहीं कहीं से चिपका कर दिया और हमारा सूरत भी बिगाड़ दिया है।

एक दिन जब अंधेरा हो गया था तो एक चोर आश्रम में रहता है और वह दोनों घड़े को चुराकर एक कबाड़ी वाले के यहां भेज देता है। जैसे ही वह कबाड़ी के पास जाता है कबाड़ी उसे घड़े को अपने स्तर पर गला पर लाकर बहुत अच्छी आकार में नया घड़ा बनाकर तैयार कर देता है। जैसे ही कबाड़ी वाला मटके को आग में डालता है दोनों मटके को बहुत ज्यादा दर्द होने लगती है दोनों आपस में चिल्लाता हुआ नजर आता है।

दोनों Ghade आपस में बातचीत करते हैं कि ” लगता है हमारा अंत नजदीक आ गया है अब हम दोनों को एक साथ नहीं मिल पाएंगे यह हमारा आखरी मिलन होगा। लेकिन कुछ देर बाद ही हमारी वाला उसे एक चमकदार और अच्छा खासा रूप दे देता है और फिर दोनों निकल कर बाहर अपने-अपने स्थिति को देखता है तो उसे गर्व महसूस होता है।

देसी ही चमकता हुआ गाना बाहर निकलता है तो कव्वाली उसे फिर से लगाकर साफ करते हुए कहता है कि अभी से मार्केट में ले जाकर बेच दूंगा। तभी वह दूसरे ही देना दोनों मटके को ले जाकर मार्केट में एक बर्तन वाले के यहां भेज देता है। बर्तन वाला दोनों मटके को अपने ऊपर वाले अलमारी में रख देता है और ग्राहकों को दिखाता रहता है। लेकिन काफी दिन बीत जाने के बाद किसी भी ग्राहक नियम उस घड़े को खरीदने की कोशिश नहीं की। यह देखकर दोनों घर ले मन ही मन निराश होता गया क्योंकि उसे खरीदने वाला जो भी आता था ज्यादा कीमत बता कर दुकानदारों से वापस रख लेता था।

एक दिन की बात है उसी दुकान में रीना कुछ बर्तन भेजने के लिए अंदर आए थे। तभी उन्होंने अपने घड़े को देख लिया उन्होंने कहा कि यह तो मेरा खड़ा है मेरा लड़ाई जैसा लगता है जो मेरा घड़ा नदी के पास हो गया था तभी रीना उस गाने को खरीद कर अपने साथ ले जाती है। एक मटके रीना के साथ जाते हुए दूसरे मटके से कहता है कि अब तो तुम अकेले रह जाओगे हम पता नहीं कौन तुम्हें खरीदेगा। यह देखकर दूसरा घड़ा बहुत उदास हो जाता है।

उसके कुछ दिन बाद फिर सोनी उसी दुकान में एक गाढ़ा करने के लिए आती है और उन्होंने भी अपनी तरह की घड़ा देखा उसी दुकान में। देखते ही सोनी ने अपनी घड़ा को पहचान लिया और दुकानदार से कहता है कि इस मटके की कीमत क्या है। दुकानदार कहता है कि इस मटके की कीमत ₹1000 है लेकिन उसके बाद सोनी कहती है कि वह इसे ₹800 दूंगा अगर देना है तो बोलो। सभी दुकानदार सोचता है कि यह घड़ा तो मेरे पास पड़ा ही रहता है।

दोनों घड़ा सिर्फ एक ही जगह पर एक ही एक दूसरे के पास आ जाता है और फिर दोनों जब उसी नदी पर पानी भरने की जाती है तो मटका आपस में बातचीत करते हैं। मटकी आपस में यह बातचीत करते हैं कि आप हमें भागने की किसी भी प्रकार की जरूरत नहीं है क्योंकि वह आने पर हमारा हाल बहुत बुरा हो सकता है।

Do Ghade Story सिया में क्या सबक मिलता है?

दो घड़े की कहानी से हमें यह सब मिलती है कि हमें अपने पहले स्थान पर जैसे कि हमारे माता-पिता के पास ही सुरक्षित रहने को मिल सकता है। हमें किसी भी परिस्थिति के समक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए कि बाद में हमें पछतावा होना पड़े।

2. Do Ghade Story in Hindi – दो घड़े की हिंदी कहानी

Do Ghade Moral Story in Hindi
दो घड़े की हिंदी कहानी

बहुत समय पहले की बात है रामपुर नामक शहर में एक किसान रहता था। वह किसान बहुत ही ज्यादा गरीब हुआ करता था उसके पास मात्र दो ही मटके थे पानी लाने के लिए। किसान अपने मटके को लेकर हमेशा नदी से पानी लाने के लिए जाया करता था।

एक दिन की बात है किसान जब पानी लेकर अपने खेत की तरफ से दोनों मटके को लेकर आ रहा था एक बात की लकड़ी में टांग कर। जैसे ही किसान एक गाड़ी के पास आई तो वहां मटके किसी झाड़ी में टकराकर फूट गया था। इससे मटके से पानी गिरने लगा था जैसे ही बाहर पहुंचती है तो उनकी पत्नी कहती है कि किस तरह से पानी आपले खाते हैं मटके तो टूट चुका है और इसमें से पानी निकल रहा है। लेकिन वह किसान इतना ज्यादा गरीब था कि वह दूसरे मटके लेने के लायक में नहीं था वह उसी मटके को अपने साथ रोजाना पानी के लिए ले जाया करता था लेकिन उस मटके में सिर्फ आधा पानी घर पहुंचते मरते बचता था।

इसी कारण से उन्होंने करीब करीब बहुत दिन तक पानी लाता रहा। एक दिन एक मटका दूसरे मटके से कहता है कि तुम्हारा अस्तित्व क्या है तुम मालिक के इस काम में आते हो क्योंकि मालिक वहां से पूरा पानी बाहर कर तुम्हारे अंदर लेकर आता है और तुम उसे रास्ते में आधा कर देते हो घर पहुंचते-पहुंचते। तो भी टूटे हुए घड़ी कहता है कि हमें इसमें क्या कर सकता हूं मेरी इसमें क्या कसूर है मैं तो मिट्टी का बना हूं इंसान जैसा चाहता है मुझे वैसा बना पाता है।

एक दिन जॉब किसान गरीब मजदूर की पत्नी देखा है कि रास्ते में जब भी उनका पति पानी लेकर आता है तो उनके बगीचे के किनारे में लगी स्कूल के बागान में टूटे हुए मटके से पानी गिरता रहता है और उसी फूल के बागान में रोज पानी गिरता है। आपको बता दें कि वह फूल अब बहुत ज्यादा बढ़ने लगा था और धीरे-धीरे ना ज्यादा फूल उसमे हो गया था क्योंकि रोज इसमें टूटे हुए घड़े से पानी गिरता रहता था।

जैसे ही गरीब किसान की पत्नी की नजरों से बगीचे में पड़े तो उन्होंने देखा कि फूल बहुत ज्यादा हो चुका है और उसे मार्केट में ले जाकर बेच दिया करती थी। तभी उन्होंने अपने पति मतलब के किसान से कहता है कि आपका आईडिया तो बहुत काम आया है क्योंकि गिरते हुए पानी से मैदान रह जाना गई और मुझे फूल भेज कर कर बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ है। वह किसान मन ही मन सोचता है जो हुआ अच्छे के लिए हुआ।

Do Ghade Story in Hindi में हमें क्या सीख मिलती है?

इस दो घड़ी की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी भी देश का मजाक नहीं बनना चाहिए जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। तथा किसी से पहुंचे हुए लाभ हमें बहुत ज्यादा अच्छा कीमत दिला सकती है ऐसे में हमें किसी भी चीज को बेकार नहीं समझना चाहिए।

Do Ghade Moral Story in Hindi का निष्कर्ष

Hindi Story में आज के इस कहानी में हम लोग दो घड़े की कहानी के बारे में जाने का मौका मिला है। उम्मीद है कि हमारी तरफ से जारी किया गया या Do Ghade Moral Story in Hindi आप लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आया होगा। यदि आपको Story Hindi वेबसाइट से कहानियां पसंद आ रही है तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें

FAQ of Do Ghade Moral Story in Hindi

दो घड़े की हिंदी कहानी से हमें क्या सबक मिलता है?

इन दोनों हिंदी कहानियां से हमें यह सबक मिलता है कि हमें अपनी जिंदगी में किसी भी चीज को कम कीमत तथा कम औकात बताई नहीं करना चाहिए।

दोनों मटके को अपने घर से भागने के क्या सजा मिली?

दोनों मटके को अपने घर से भागने के लिए उसे बहुत बुरी सजा मिली वह हम दौड़ते फिरते तथा बहुत ज्यादा मुश्किल हालात में फिर अपने घर पहुंचे थे।

किस कारण से किसान के बगीचे में फूल हुए थे?

दो घड़े की कहानी में फूटा हुआ गले से पानी गिरते समय उस बगीचे में पानी दिया करता था और उस बगीचे में फूल बहुत ज्यादा हुआ था इससे किसान को बहुत फायदा मिला।

किसान दो टूटे हुए घड़े को क्यों नहीं बदल रहा था?

Do Ghade Moral Story में किसान बहुत ज्यादा गरीब था और वह अपनी गरीबी तथा कम पैसा रहने के कारण वह अपना घड़ा नहीं बदल रहा था।

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