Moral Stories in Hindi for Class 7 | मोरल कहानियां

आज की इस हिंदी कहानी में Moral Stories in Hindi for Class 7 के लिए अच्छी तथा मोरल कहानियां आप लोगों को देने वाले हैं। अच्छी-अच्छी शिक्षाप्रद तथा ज्ञानवर्धक कहानियां हम सभी के जीवन में एक नया सोच लेकर आती है।

हमारे तथा हमारे बच्चों के जीवन में ऐसे बहुत सारे कठिनाइयां आती है। जिससे निकलने के लिए मोरल स्टोरीज हमेशा से ही काम आती है। Hindi moral stories for class 7, Hindi moral stories for class 7th, Hindi moral story for class 7 के लिए ले कहानी में आज हम लोग बच्चे की कहानी के बारे में जाने वाले हैं।

कक्षा 7 के लिए प्रेरणादायक मोरल कहानियां

Hindi Story सभी दिनों से प्रचलित माना जाता है। क्योंकि हिंदी स्टोरी बहुत ज्यादा शिक्षाप्रद कहानियां होती है। नैतिक कहानियां पढ़कर हम सभी लोगों के जीवन में अच्छा और सकारात्मक सोच लगाती है। ऐसे में हम रवि को अपने जीवन में प्रत्येक दिन कम से कम एक प्रेरणादायक हिंदी कहानियां कक्षा 7 पढ़नी चाहिए।

जादुई कलम – Moral Stories in Hindi for Class 7

Moral Stories in Hindi for Class 7
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एक परिवार में चिंटू नाम का एक लड़का रहा करता था। उसके माता-पिता इतनी रवि गरीब और लाचार थे कि वह अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए किसान का काम किया करते थे।

इससे भी उसके घर का गुजारा नहीं हो पाता था इसलिए वह दूसरों के घर में भी काम करने के लिए जाया करता था। उस समय चिंटू स्कूल में पढ़ाई करता था और उसके माताजी भी दूसरों के घर काम किया करती थी जिस कारण से उसके पढ़ाई के लिए पैसे निकाला करते थे।

चिंटू की पढ़ाई के लिए जितनी मेहनत उसके माता-पिता किया करते थे। उससे 1% भी चिंटू नहीं किया करता था वह पढ़ाई लिखाई में बहुत ज्यादा कमजोर था। हालांकि चिंटू पहले ऐसा नहीं था लेकिन कुछ दिनों से उसे पढ़ने लिखने में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था।

इस कारण से वह पढ़ाई छोड़ कर दिन-प्रतिदिन पढ़ाई के मामले में नीचे स्तर पर गिरने लग रहा था। उसके माता-पिता दोनों तो काम करने के लिए बाहर जाया करते थे जिस कारण से चिंटू पर ध्यान नहीं दे पाते थे।

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ऐसे में चिंटुआ के दिन प्रतिदिन और भी ज्यादा मस्ती करने लगा था अपने दोस्तों के साथ है। वह  दिन इसको जाता है अपने दोस्तों के साथ कहता है कि चलो दोस्तों हम लोग कहीं घूमने जाने का प्लान करते हैं।

तभी उसके एक दोस्त रहता है कि हमें तो स्कूल से छुट्टी नहीं मिलने वाली है। ऐसा करते हैं कि कल घर से बैग लेकर निकलेंगे और स्कूल जाने के बजाय हम लोग घूमने के लिए चले जाएंगे।

फिर उस भीड़ में उसकी दोस्त एक लड़की कहती है कि किंतु अपना नहीं ना सही अपने माता-पिता का कम से कम ध्यान तो देखो कितनी मेहनत करते हैं तुम्हें पढ़ाने के लिए।

चिंटू कहता है कि ज्यादा मेरी मां बनने की कोशिश मत करो तुम्हें जो करना है करो मुझे जो करना है कर लूंगा। इतना कहते हैं वे लोग दूसरे ही दिन घूमने के लिए चली जाती है वह स्कूल को छोड़ देता है।

ऐसा करते करते हैं काफी दिन हो जाता है और पढ़ाई करना लगभग चिंटू भूल ही जाता है। एक दिन चिंटू के माता-पिता जो काम करके शाम को वापस घर आए थे। रास्ते में चिंटू के मास्टर से उसे मिलते हैं चिंटू के माता-पिता मास्टर इसे कहते हैं कि आप कहां जा रहे हैं।

तभी शिक्षक कहता है कि मैं तो आपसे ही मिलने जा रहा हूं। उसके बाद चिंटू के माता-पिता कहते हैं कि क्या हुआ चिंटू ने फिर कोई शैतानी की है क्या। उसे भरोसे मास्टर कहता है कि ऐसा कोई बात नहीं है दरअसल बात यह है कि इन दिन प्रतिदिन पढ़ाई में काफी ज्यादा कमजोर होता जा रहा है।

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उसके पास चिंटू के माता पिता जब घर आते हैं तो देखता है कि चिंटू खेल रहा है। वह एक पतला सा डंडा लेकर आता है किंतु को पीटने लगता है। घर में चिंटू की दादी भी रहती थी चिंटू की दादी कहती है कि क्या हुआ ऐसे क्यों मार रहा है। तभी चिंटू के माता-पिता कहते हैं कि इसकी बहुत ज्यादा मस्ती बड़ा गई है।

इसे पढ़ने में बिल्कुल भी मन नहीं लगता है। तभी उसकी दादी उसे बचा लेती है और अपने घर अपने रूम में ले कर चली जाती है।

उसकी दादी पिंटू से पूछती है कि बेटा तुम्हें पढ़ने में मन क्यों नहीं लग रहा है और दिन प्रतिदिन तुम्हें पढ़ाई में देनी कमजोर क्यों होते जा रहे हो। चिंटू कहते हैं कि दादी जी मुझे पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा है। मैं जो भी पढ़ता हूं उसे तुरंत ही भूल जाता हूं और पढ़ने का मेरा मन भी नहीं करने लगा है।

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उसकी दादी सुनहरे बक्से से एक जादुई कलम निकालती है और चिंटू को दे देती है। उसकी दादी कहती है कि बेटा यह कोई मामूली चलम नहीं है। यह हमारे परदादा का कलम है इससे तुम जो भी बोलोगे यह लिखना शुरु कर देगा और ऑटोमेटिक ही पूरी तरह से लिख देगा।

लिखने का इस्तेमाल बहुत मजबूरी में किया जाना चाहिए ऐसा नहीं है कि हम हमेशा इसका इस्तेमाल करोगे तो पढ़ने लिखने में काफी है ना पीछे हो जाओगे। साथ ही इस कलम का गलत उपयोग कर दे ही है कलम रुक जाएगी और तुम्हारे भविष्य पर इसका असर बहुत ज्यादा होगा।

अगले दिन स्कूल में परीक्षा होने वाले थे वह उसी कलम को लेकर परीक्षा देने के लिए जाता है। परीक्षा में कितना भी प्रश्न आता है चिंटू से कलम से लिखने के लिए कहता है। कलाम ऑटोमेटिक ही है सभी प्रश्नों का उत्तर लिख दिया था।

ऐसे में चिंटू का पहला एग्जाम बहुत अच्छा गया था। दूसरे दिन जब चिंटू उसी कलम को नहीं करती लिखने के लिए गया तो वह कलम बिल्कुल भी कुछ लिख नहीं पा रही थी। हुआ कलाम लग रहा था खराब हो चुका है।

उस दिन जैसे तैसे कर कर चिंटू ने अपना सारा सवाल हल किया और फिर घर पहुंचते ही दादी से कहने लगा कि यह कलम तो काम ही नहीं कर रहा है।

तो फिर उसकी दादी कहती है कि जब मैं जादुई कलम दे रही थी उसी समय मैंने बताया कि इस कलम का उपयोग गलत चीज के लिए उपयोग मत करना जब बहुत ज्यादा जरूरी होगा तो इसका इस्तेमाल करना। उसके बाद चिंटू बा परीक्षा की तैयारी करने के लिए घर में बैठ जाता है।

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और जल्दी बाजी में पढ़ाई करने लगता है क्योंकि उसके अगले ही दिन उसे ही स्कूल में परीक्षा देनी थी जिस कारण से वह परीक्षा में फेल नहीं होना चाहता था। अब वह पूरा ध्यान लगाकर पढ़ाई कर रहा था क्योंकि जिस सुनहरी कलम से वह अपने प्रश्न को ऑटोमेटिक लिखा करता था वह कलम भी खराब हो चुका था।

अगले दिन जब वह एग्जाम देने के लिए जाता है तो उसके सामने प्रश्न पत्र आता है और फिर वह हल करने के लिए अपना कलम उठाता है और लिखता है। चिंटू लगातार अपने पढ़ाई के बल पर परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्नों का उत्तर बिल्कुल सही तरह से देता है। अंतिम में हुआ जब अंतिम प्रश्न लिख रहा था तभी उसे कुछ भूल गया था।

उसके बाद सुनहरी कलम मतलब की जादुई कलम अपने आप लिखना चालू हो गया था। लेकिन फिर भी चिंटू नहीं उस कलम से बिल्कुल भी एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं लिखा था। वह चाहता था कि इस परीक्षा में वह अपने मन तथा अपने विचार और अपने बुद्धि से तथा अपनी मेहनत से परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहता था।

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वह इसी तरह सभी प्रश्न का उत्तर सभी दिल देता है ऐसे में धीरे-धीरे परीक्षा खत्म हो जाती है। उसके बाद जब स्कूल में रिजल्ट आता है तो चिंटू पूरे स्कूल में प्रथम स्थान पर प्राप्त होता है। यह देख कर चिंटू को बहुत ज्यादा खुशी होती है।

चिंटू जितना मेहनत से परीक्षा की तैयारी कर रहा था यह खबर सुनते ही उसकी परीक्षा की सारी थकावट कम हो जाती है। उधर चिंटू के माता-पिता भी बहुत ज्यादा खुश हो जाते हैं।

क्योंकि उनके माता-पिता इतनी ज्यादा मेहनत करके चिंटू को पढ़ाते हैं और चिंटू बिल्कुल भी पढ़ नहीं रहा था। लेकिन अब चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि चिंटू अपनी मेहनत के दम पर पूरे स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।

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इस प्रकार की बातों को सुनकर माता-पिता तथा अभिभावक अपने आप में गर्व महसूस करते हैं। क्योंकि उन्होंने इतनी मेहनत अपने बेटे रदर बेटियों को पढ़ाने के लिए करता है अगर उनकी बेटा सजा बेटी है उसकी मेहनत पर खरा उतरता है तो उसे बहुत ज्यादा खुशी मिलती है।

वह जितने भी महीना कहता है जितना कठिन काम करता है अपनी औलाद की तरक्की को देखकर सारी मेहनत को एक पल में भूल जाता है। हमें अपने मां-बाप को बिल्कुल भी धोखा नहीं देना चाहिए।

क्योंकि इस दुनिया में कोई भी नहीं चाहता है कि हमसे ज्यादा पढ़े लिखे और आगे तरक्की करें। केवल मां बाप ही ऐसा होता है जो यह चाहता है कि हमारे बेटे हम से भी ज्यादा तरक्की करें हमसे भी ज्यादा पढ़ाई करें।

Moral Stories in Hindi for Class 7 के बारे में

आज की Hindi Kahaniyan मैं हम लोग मोरल स्टोरीज इन हिंदी कक्षा 7 के लिए तथा Moral Stories in Hindi for Class 7 की कहानी के बारे में पढ़ रहे थे। उम्मीद है कि StoryHindi.net द्वारा आम लोगों को अच्छी अच्छी कहानियां, Hindi stories for class 7, Hindi story with moral for class 7, Hindi story writing for class 7 पढ़ने को मिल रहा होगा।

हमारे वेबसाइट पर जारी किया गया इसी तरह से शिक्षाप्रद कहानियां को आप लोग बड़े ही आसानी से पढ़ सकते हैं। साथ ही यदि हमारी कहानियां को पसंद आती है तो इसे अपने दोस्तों को भी बताएं और अपने सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें।

FAQ for Moral Stories in Hindi for Class 7

मोरल कहानी हमारे बच्चों के जीवन में क्या प्रभाव डालती है?

हमारे बच्चों के जीवन में अच्छा और सकारात्मक सोच लगाती है। क्योंकि शिक्षाप्रद कहानियां और नैतिक कहानियों में बहुत कुछ सीखने को मिलती है।

मोरल कहानियों को कैसे पढ़ाई?

मुझे कहानियां पढ़ने के लिए आप अपने मार्केट एक तथा ऑनलाइन एक मोरल कहानी के लिए वह खरीद सकते हैं या तो इंटरनेट पर फ्री में स्टोरी हिंदी वेबसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं।

हिंदी कहानियां हमें क्यों करनी चाहिए?

हिंदी कहानी हमारे बच्चों के जीवन में तथा हमारे लिए भी एक सकारात्मक तथा शिक्षाप्रद होती है। इस प्रकार के सभी कहानियों में कुछ ना कुछ सीख सीखने को मिलती है। अमर कहानियां के अंत में हमें बहुत सारी चीजें सीखने को मिलती है।

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