Best 10 Moral Stories in Hindi for Class 5

Hindi Story जीवन एक आम भूमिका निभाती है इसलिए आज की इस लेख में हम लोग Moral Stories in Hindi for Class 5, कक्षा पाँच, कहानी लेखन कक्षा 5, Best Short Hindi Story with Moral की कहानियां के बारे में कहानी पढ़ने वाले हैं। हिंदी कहानियां कि इस जमाने में बहुत सारी नैतिक कहानियां हमारे बच्चों के जीवन में प्रेरणादायक स्रोत का कार्य करती है। यही कारण है कि आजकल नैतिक कहानियां मोरल कहानियां ज्यादा प्रचलित मानी जाती है क्योंकि इन कहानियों में हमें बहुत ज्यादा सीख सीखने को मिलता है और हमें अपने जीवन में अनुभव को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है एसी में हमारा यह सहयोग करता है।

क्रोध करने का परिणाम – Moral Stories in Hindi for Class 5

Moral Stories in Hindi for Class 5
Moral Stories in Hindi for Class 5

बहुत पुराने जमाने की बात है एक गांव में रामू नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी तथा अपने नवजात बच्चे के साथ रहा करता था। क्योंकि रामू के नवजात बच्चा अभी मात्र 3 महीने का था इसी कारण से रामू अपनी पत्नी अपनी बच्ची की देखरेख के लिए हमेशा चिंता करते रहते थे। वह अपने बच्चे को कभी भी अकेला नहीं छोड़ दी थी क्योंकि वहां भी जंगल में बहुत सारे जानवर जंगली जानवर तथा पहुंच सारे नुकसान पहुंचाने के लिए जानवर इधर-उधर घुमा करते थे।

रामू तथा उनकी पत्नी जब भी कहीं जाया करता था और दोनों में से एक केवल एक ही आदमी बाहर जाया करता था नहीं तो साथ में अपने नवजात शिशु के मतलब भी अपने बच्चे को भी ले जाया करता था। वह जब भी कहीं जाया करते थे या रामू कहीं जाया करते थे जो अपने बच्चे के लिए कुछ ना कुछ आदमी को या अपने पति पत्नी में से किसी को भी घर में छोड़कर जाया करते थे।

एक दिन रामू जब जंगल में लकड़ियां चलने के लिए जाता है तो वहां उसे एक प्रकार का जीव दिखाई देता है जिसका नाम नेवला था। नेवला जैसे ही रामू को देखता है वह भागने का प्रयास करता है लेकिन नेवला के पैर में कुछ जोखिम होने के कारण वह ज्यादा स्पीड चल नहीं पाता है जिस कारण से वह नेवला हरा मुंह के हाथ लग जाता है। नेवला को पकड़कर खराब हो अपने घर लाता है और उन्हें पट्टी मरहम करके दवाई दिलवा ता है डॉक्टर से और फिर उसे बिल्कुल सही कर देता है।

Hindi Moral Stories for Class 5

रामू अब नेवले के साथ घूमता फिरता रहता था क्योंकि नेवले और उसके परिवार के बीच जाना गहरी दोस्ती हो गई थी। इन्हीं दोस्ती के कारण वह नेवले से दूर नहीं रह पाता था क्योंकि उसका सबसे पहले मन था कि घर ले जाकर उसे दवाई देकर सही कर कर फिर से जंगल में छोड़ आएगा लेकिन नेवले शेरनी गहरी दोस्ती हो रही के कारन रामू कभी भी नेवले को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था इस कारण से उसने वाले को अपने घर में ही रखने लगे थे।

एक दिन रामू की पत्नी है रामू से कहती है कि मुझे सुबह में कुछ काम है आप बच्चे के पास रहिएगा मैं घर से बाहर जा रही हूं अभी कुछ देर में वापस आऊंगी तब फिर आप जहां जाने को होगा चले जाना। इतना सा कर उनकी पत्नी बाहर की तरफ निकल पड़ती है कुछ देर बाद रामू को कोई खोजने आता है और वह जल्दी बाजी में बिना अपने बच्चे की चिंता किए हुए अपने घर से निकल जाता है।। घर से निकलते ही उसे घर में सिर्फ एक छोटा सा बच्चा और नेवला रह जाता है नेवला के मन में यह ख्याल आता है कि दोनों को घर से बाहर चले गए हैं अब उसके बच्चे की जिम्मेवारी बनाकर रखने वाला हमेशा उसके पास बैठा था।

दोनों पति पत्नी है राम भरोसे पत्नी घर छोड़ने के बाद नेवला उसके घर की रखवाली कर रहा था। कुछ देर बाद एक साथ रहता हुआ रामू के घर आ पहुंचा था। यह देखकर नेवला बहुत ज्यादा सोचने लगा था कि अब यह साफ बच्चे को बहुत ज्यादा नुकसान कर देगा इस कारण से वह नेवला और सांप दोनों मिलकर लड़ाई करने लगे आखिरकार नेवले ने सांप को दो टुकड़ों में काट दिया और दरवाजे के बीच में छोड़ दिया।

Hindi Moral Story for Class 5

जैसी ही रामू और उसकी पत्नी बाहर गई थी वैसे ही नेवला अंदर आया सांप से लड़ाई कर कर तुरंत ही उसे मार डाला था और करीब करीब एक 2 घंटे तक बच्चे की रखवाली कर रहा था। रास्ते में जाते समय होने मतलब कि रामू को उसकी पत्नी की मुलाकात होती है पत्नी कहती है कि आप कहां जा रहे हैं बच्चे को छोड़कर तभी रामू काका ओ मैं तो भूल ही गया था घर में बच्चा भी है जल्दी चलो जल्दी चलो मेरे बच्चे के कोई नुकसान न पहुंचा दे मुझे लगा कि तुम घर में हूं इसलिए मैं भी चला आया था बाहर में किसी काम से।

रामू घर के अंदर जाने ही वाला था कि दूर से उसके घर के दरवाजे पर खून दिखाई देता है या देखकर आम और उसकी पत्नी बहुत ज्यादा घबरा जाती है। रामू सोचता है कि कहीं ना कहीं यह नेवला मेरे बच्चों का शिकार कर कर उनका ही खून निकाल दिया है वह दूर से ही एक लकड़ी का मोटा डंडा लेकर आता है। लेकिन पीछे से रामू की पत्नी बोलती है कि आप किसी भी कार्य को बिना सोचे समझे किसी को गलत नहीं समझ सकते हैं आप लकड़ी का डंडा क्यों लेकर जा रहे हैं नेवला को मारने के लिए। हो सकता है वहां जाने के बाद स्थिति कुछ अलग हो लेकिन रामू बहुत गुस्से में था वहां डंडा लेकर आ जाना घर गया और नेवले पर बहुत जोर से वार किया।

Hindi Stories With Moral for Class 5

जैसे ही नेवले पर वार किया गया था नेवला का सर से खून बहने लगा था और वह बहुत ज्यादा घायल हो गया था। हीरो राम और उसी पत्नी जब देखता है कि एक साथ यहां कटा हुआ है तभी उनकी पत्नी को सारा माजरा समझ में आ जाता है उनकी पत्नी कहती है कि आज नेवले की वजह से ही हमारे बच्चे की जान बची है और आप ने क्रोध में आकर उन पर वार कर दिया है।

उसके बाद रामू को होने वाला पर वार करने के लिए बहुत ज्यादा अफसोस होता है वह अपने पति से माफी मांगती है उसके बाद नेवला को डॉक्टर के पास लेकर जाता है उसे फिर से सही करवा कर अपने परिवार में शामिल कर लेता है। इसी तरह से एक नेवले ने एक बच्ची की जान बचाई है और उसके मालिक ने उन्हें पीटा था फिर भी वह चुप रहा क्योंकि वह एक जानवर था।

Moral Stories in Hindi for Class 5 शिक्षा?

हमें किसी को भी बिना मर्जी के उसे बिना समझे अपना फैसला नहीं करना चाहिए क्योंकि परिस्थिति जैसी भी हो हमेशा कोई ना कोई जरूरत काम आता है इस कारण से हमें अपने सगे संबंधियों तथा अपने दोस्तों पर बिना सोचे समझे बार नहीं करना चाहिए ना ही किसी जानवर पर बिना सोचे समझे बार करना चाहिए।

आम का पेड़ – Moral Stories in Hindi for Class 5

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भीमपुर गांव में एक व्यक्ति अकेला है अपने झोपड़ी में रहा करता था। उसके पास अपना एक आम का पेड़ था जिससे उसका पूरा घर का खर्चा तथा उसके घर का काम का चला करता था। क्योंकि उसके आस पास बहुत सारे जंगल थे और जंगल में ना तो कृषि की जाती है और ना ही किसी प्रकार के फसल उगाई जा सकती है क्योंकि पहाड़ में फसल उगाने के लिए काफी ज्यादा मेहनत करना पड़ता है जंगल को काटकर उसे उसके जड़ को हटाना पड़ता है तभी वहां पर किसी भी प्रकार का किसी का कार्य कर सकते हैं।

वह उसी आम के पेड़ से अपने आम के दिनों में आम देश पर पैसा रख लिया करता है और कुछ आप भी तक लिया करता है खाने पीने के लिए तथा आम का अचार भी रख लेता है पानी पीने के लिए जिससे उन्हें सब्जी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है। वह इतना ज्यादा गरीब है कि अपने सब्जी बनाने के पैसे भी नहीं जुटा सकता है बस हम भेजे गए आपके पैसे से चावल खरीद कर ले आता है और सिर्फ चावल दाल और अचार के साथ खूब मौज मस्ती के साथ अपने घर में रहता है और वही खाता रहता है।

Hindi Story with Moral for Class 5

1 दिन उसके घर के पास से एक ऋषि और उनके शिष्य की गुजर होती है। इतना ज्यादा लंबा था कि रास्ते में उसे अंधेरा होने का अभाव लगता है और उसे लगता है कि अब शाम होने वाली है। गुरु और शिष्य दोनों एक रहने की जगह की तलाश कर रहे थे जैसे ही वह आगे बढ़े सामने उसे एक झोपड़ी दिखाई दिया झोपड़ी में एक दिया जला था जिसे रोशनी आ रही थी क्योंकि अंधेरा काफी हो गया था क्योंकि रोशनी दूर से ही साफ झलक रही थी। सभी गुरु ने शिष्य से कहा कि इससे वहां देखो एक रोशनी दिखाई दे रहा है लग रहा है वहां किसी का घर है चलो हम लोग वही शरण ले लेंगे आज की रात।

गुरु और शिक्षक दोनों कौशलपुरी की तरफ से निकल पड़ता है महज 5 मिनट में ही वह झोपड़ी की तरफ पहुंच जाता है और देखता है की झोपड़ी में तो कोई नहीं है वहां पर एक बुड्ढा आदमी जिसकी उम्र 50 साल से ऊपर हो गई थी वह अपने खटिया पर सोकर आराम कर रहा था। तभी इसने जाकर उन्हें जगाया और कहा कि बूढ़े बाबा मैं एक राहगीर हूं मुझे शरण चाहिए क्या आप मुझे आज की रात अपनी झोपड़ी में रहने के लिए दे सकते हैं। सभी वह बुड्ढा आदमी कहता है कि जी हां आप तो गुरु हो आप लोग तो साधू हो आप लोग की इज्जत और खिदमत करना हम लोगों का परम कर्तव्य होता है ऐसे में हम लोग आप लोगों के लिए जरूर मदद करेंगे।

तुम वह आदमी के घर में शिष्य और गुरु दोनों आराम करने के लिए बैठ जाते हैं कुछ ही देर में वह हाथ पैर धोकर सोने के लिए चले जाते हैं। वही सोते-सोते गुरु और शिष्य आपस में बात करते हैं कि यह बूढ़ा आदमी जले जंगल में अकेला रहता है चलो इस से बात करते हैं कि यह करते क्या है और यहां उनका पालन पोषण किस प्रकार से होता है। तभी गुरु ने उस बुड्ढे आदमी से पूछता है कि बाबा आप अकेले यहां रहे हैं आपका क्या बिजनेस है आप क्या करते हैं कैसे आपका घर परिवार चलता है।

तभी वह बूढ़ा आदमी कहता है कि मेरे पास एक आम का पेड़ है उसी से मेरा रोजी रोजगार चलता है तथा मेरा सांभर का खर्चा उसे हम का खेल से निकल जाता है। गुरुजी से दोनों आश्चर्य में पड़ जाता है और कहता है कि इतना छोटा एक ही आम पर उससे इसमें 1 साल का खर्चा कैसे चल जाता होगा। तभी बूढ़ा आदमी कहता है कि मैं बहुत ज्यादा खर्च नहीं करता हूं बहुत कम कम उपयोग करता हूं जिस कारण से बचा बचा कर उपयोग करने के कारण से ही मैं अपने खर्चे को साल भर चला पाता हूं।

फिर गुरु और शिष्य दोनों सो जाते हैं 24:00 जब होता है गुरु अपने शिष्य को जगाता और कहता है कि इससे जाओ तुम इस बूढ़े आदमी का आम का पेड़ को काट दो। सीसीएल सुनकर अचानक ही सदमे में आ जाता है कहता है कि यह बूढ़े आदमी का तो एक ही रोजी रोजगार है आप भी उसे खत्म करना चाहते हैं लगता है इस बूढ़े आदमी को आप जीते भी मारना चाहते हैं क्या। तभी गुरु कहता है कि मैं इसे जान से मारने के लिए यह सब नहीं कर रहा हूं मैं इसे जिंदा जलाने के लिए और अपने जिंदादिली को वापस जगाने के लिए सब कर रहा हूं अगर तुम मेरे सीसे हो तो जैसा मैं कहता हूं निसंकोच वही काम करो।

Hindi Story for Class 5

किसी अपने ग्रुप में बात मानता है और रात में जाकर ही आम के पेड़ों को काट दिया फिर वह सुबह 4:00 बजे बिना बुड्ढे को उठाएं अपने घर के लिए निकल पड़ता है। राष्ट्रीय में आखिरकार शिष्य ने गुरु से कहा कि गुरु आप उनके साथ यह अन्याय क्यों किए हैं उनके रोजी रोजगार का साधन क्यों छीन लिए हैं वह उसी पेड़ से अपनी कमाई का जरिया बनाता था और साल भर उसी आम का पेड़ से अपना खर्चा चलाता था जिस कारण से उन्हें साल

उसके बाद गुरु अपने शिष्य के सहारे कि इसकी जानकारी तुम्हें कुछ दिनों बाद पता चलेगी अगर तुम्हें यकीन नहीं है तो तुम उस बूढ़े आदमी की खबर में हम महज 1 साल के बाद जाना। गुरु की बातों पर किसी को बहुत ज्यादा भरोसा नहीं था जिस कारण से उन्हें लगा कि गुरु उनकी किस कारण मदद करता है उसके लिए उनके घर जाकर देखना पड़ेगा। गुरुदेव इन बातों को भूल गया था लेकिन फिर से 1 बातों को अभी तक याद कर रहा था कि एक ना एक दिन उस बूढ़े आदमी के घर जाऊंगा और देखूंगा कि वह अपने घर में किस प्रकार से जिंदगी जी रहा है जिससे हम अपने गुरु को भी जान जाएंगे कि इन्होंने उसके साथ क्या किया है।

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एक दिन इसलिए निश्चय कर लेता है कि वह 1 दिन उस बूढ़े आदमी के घर जरूर जाएगा। क्योंकि उसके आम का पेड़ काटने से करीब करीब 1 साल होने ही वाला था और शिष्य के मन में इच्छा तो एक ही उनके घर जाने का है। 1 दिन बिना गुरु को बताए शिष्य उसके घर घूमने के लिए चला जाता है जिस जगह पर होगा आम का पेड़ काटा था। जैसे ही वह उस जगह पर जाता है जहां आम का पेड़ काटा था वहां देखता है कि वहां किसी प्रकार की झोपड़ी नहीं है इससे समझता है कि कहीं आम का पेड़ काटने से बूढ़ा बेरोजगार होकर भूखे मर तो नहीं गया है।

उसकी बात वहां देखता है कि एक आलीशान महल बना हुआ है वह चाहता है कि महल में जाकर उस बूढ़े आदमी के बारे में पता करें। जैसी ही शीश महल के अंदर जाता है आवाज देता है कोई है बाहर निकलिए मुझे कुछ पूछना है। तभी उस घर से एक बूढ़ा आदमी निकलता है फिर से देख कर चौक जाता है क्योंकि वह बूढ़ा आदमी वही तारीख का आम का पेड़ शिष्य के द्वारा तथा गुरु के द्वारा काटा गया था। वाह रे रखता है और पूछता है कि हम कुछ दिन बाद आए हैं हां लेकिन कुछ दिन पहले तो आपका हाल बहुत ज्यादा खराब था।

Moral Story in Hindi for Class 5

तभी वह बूढ़े आदमी कहता है कि हां मेरा हाल तो खराब था लेकिन एक दिन मैंने अपने घर में एक गुरु और शिष्य को शरण दिया था वह गुरु जब मेरे घर से निकला तो मेरे आम का पेड़ कटा हुआ मिला था। अब मेरे पास खाने-पीने के कुछ साधन नहीं बचा था जिस कारण से मैंने काफी ज्यादा मेहनत कर कर जंगलों की सफाई कर दिया और बहुत बड़ा एरिया साफ कर लिया उसमें अब किसी का सामान की रोपाई कर कर मैं बहुत सारा धन कमाता हूं मैं प्रत्येक साल करीब करीब 4 से 5 लाख का फायदा करता हूं।

यह सुनकर शिष्य गुरु को धन्यवाद कहा और कहा कि बुरे सही किया इनके साथ अगर वह आम का पेड़ नहीं करता तो यह आम का पेड़ पर ही निर्भर रहता। फिर उन्होंने गुरु को आकर उनकी सारी बात बताई और अपने गुरु को धन्यवाद किया। गुरु मन ही मन उस मुस्कुराया और कहा कि किसी भी कार्य को करने के पीछे कोई ना कोई मन जरूर रहता है।

Moral Stories in Hindi for Class 5 शिक्षा?

मोरल स्टोरीज इन हिंदी क्लास 5 हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने किसी भी कार्य को जो हो गया है हमारे साथ घटना घट गई उसके लेकर ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए। क्योंकि जो भी होता है अच्छे के लिए होता है और हम सदा अपने भगवान खुदा ईश्वर के प्रति सच्ची सद्भावना रखनी चाहिए।

Moral Stories in Hindi for Class 5 का निष्कर्ष

आज के इस Moral Stories in Hindi मैं हम लोग एक बहुत ही अच्छी विषय पर कहानी पढ़ रहे हैं कि। आज की कहानी का विषय का नाम था Moral Stories in Hindi for Class 5 जिसमें हम लोग नई ट्रिक हिंदी कहानियां जो अभी नई नई आई है नई नई कहानियां नैतिक के बारे में पड़े हैं। उम्मीद है कि आप सभी को Story Hindi की वेबसाइट पर जारी किया गया यह कहानी आपको बहुत पसंद आया होगा।

FAQ of Moral Stories in Hindi for Class 5
  1. मोरल कहानियां बच्चे के लिए किस प्रकार सही है?

    क्योंकि मोरल कहानियां में हर छोटी-छोटी कहानियां में कुछ ना कुछ सीख सीखने को मिलती है जिस कारण से मिला और कहानियां बच्चों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं।

  2. कहानी लेखन कक्षा 5 कैसे करें?

    यदि आप कक्षा 5 में है और आप कहानी लेखन कक्षा 5 करना चाहते हैं तो आप अपनी किस्मत में लिखी गई कहानियों को ध्यान से पढ़ें और उसके बाद अपने शब्दों में उसे बयां करें हैं।

  3. पांचवी कक्षा की कहानियां कैसे पढ़ें?

    पांचवी कक्षा की कहानियां पढ़ने के लिए हमेशा नेट पर Moral Stories in Hindi for Class 5 सर्च करके नीचे दिए गए रिजल्ट को क्लिक करके पांचवी कक्षा की कहानियां तथा पंचतंत्र की कहानियां को पढ़ सकते हैं।

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