गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी | Moral Stories in Hindi

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गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी – Hindi Kahaniyan

गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी | Moral Stories in Hindi
गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी

रामपुर नामक एक छोटा सा गांव मध्य प्रदेश राज्य में उपस्थित है। उस गांव में सूट ने सीरिया में छोटी सोने की शान रहा करते हैं जिसकी जिंदगी खेत खलिहान में काम करने के कारण ही शुरू होती है और उसके कारण ही खत्म होती है। मेरा कहने का मतलब है कि रामपुर गांव का रहने वाले किसानों का मुख्य स्रोत कृषि है।

वैसे तो किसी करना कोई छोटा काम नहीं होता है लेकिन उन लोगों के पास बहुत छोटे-छोटे जमीन थे तथा उन पर ही देख रखा अपना घर परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो जाता था। 1 सालों से गांव में फसल लगाते समय बहुत अच्छी बारिश हुई थी सभी लोगों तथा सभी किसानों को किसी से दोगुना आय होने की उम्मीद थी।

समय पर बारिश होने के कारण जो लोग अपने अपने खेतों में काम नहीं करते थे वह लोग भी अपनी अपने खेतों में काम करने के लिए राजी हो गए थे। क्योंकि उस गांव में पहले यहां होता था कि बारिश समय पर नहीं होती थी जिस कारण से बहुत सारे किसान वहां से पलायन कर गए थे और कुछ तो बगल के जिला में जाकर तथा मार्केट में कोई भी काम कर लिया करते थे। और उसी से अपना घर का ताला पूरे परिवार का खाने पीने की व्यवस्था कर लिया करता था।

लेकिन वह साल बारिश आती हुई थी और समय पर हुई थी इस कारण से सभी किसानों को अच्छी खासी रकम होने की उम्मीद थी। वह गांव के जमींदार के पास जाता है और अपनी फसल लगाने के लिए सभी लोग ₹50000 की राशि लोन के तौर पर ले लेता है। और कहता है कि फसल अच्छी होगी सुबह इसी कारण से सभी लोग लोन ले रहे हैं और जमींदार से और सभी लोग ऐसा ही करता है।

Garib Kisan Ki Kahani

उसी गांव में एक किसान रहता था जिसका नाम लालमोहन था लालमोहन का बेटा रमेश पढ़ने लिखने में बहुत ज्यादा तेज था। हुआ भी कभी-कभी अपने पिता के साथ किसी अपने खेत में काम कर लिया करता था ना कि उनके पिता को कुछ मदद हो जाए और उन्हें काम करने में ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े।

समय पर बारिश होने के कारण सभी किसानों ने अपना अपना खेत में अच्छी-अच्छी चीजें तथा अच्छी-अच्छी फसलों का चुनाव करके उसे बीज बो दिया था। आपको बता दें कि जब फसल लगाने के समय था तो उस समय भी बारिश हो गई थी और जब फसल कटाई हो रही थी उस समय भी बारिश हो रही थी।

इसी कारण से बहुत सारे किसानों का उत्साह भी बहुत ज्यादा नुकसान हो गया था फिर भी फसल की कटाई के समय अगर बारिश होती है तो फसल में बहुत सारे लिखे थे आ जाती हैं। इस कारण से उस गांव के मतलबी रामपुर गांव के सभी किसान बहुत ज्यादा कर्जदार हो गए थे जमींदार के।

हम जमींदार उन लोगों पर अपनी मनमर्जी के काम करवाता था उन्हें घर से ले जाकर अपने खेतों में काम करवाया करता था था था उसके बारे में बदले में कोई मजदूरी भी नहीं दिया करता था। ऐसा क्या स्पेशल है वह वहां के लोगों का बहुत ज्यादा शोषण करने लगे थे।

एक गरीब किसान की कहानी

जमींदार को उससे भी उनका काम पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने रामलाल किसान को तथा उनके बेटों को भी उसके घर से उठा ले गया था आपने खेत में काम करवाने के लिए। जैसा कि आपको बताया गया है कि पहले ही रामलाल का बेटा पढ़ाई करने में बहुत व्यस्त आरोही स्कूल पढ़ाई करने के लिए प्रतिदिन जाया करता था।

रामलाल जमींदार कहता है कि मेरा बेटा स्कूल पढ़ने के जेवर है मैं उसे काम पर नहीं ले जाना चाहता हूं तुम्हारा कर दिया मैं छुपा लूंगा तुम चाहो इतना भी दिन काम करना चाहो मैं तुम्हारे खेत में काम करने के लिए राजी हो रहा हूं लेकिन मेरे बेटे को स्कूल जाने दो ना कि इनका भविष्य सही हो सके हैं।

लेकिन फिर भी जमींदार नहीं माना होगा सभी लोगों को खेत पर काम करवाने के लिए ले जाया करता था। इससे उनका बेटा बहुत ज्यादा नाराज था जमींदार से की क्यों नहीं पढ़ने लिखने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता था जमींदार के खेत में काम करने के बाद।

1 दिन की बात है जैसे तैसे रामलाल इरादे से पैसे जुगाड़ करके अपने बेटे को पढ़ाई करने के लिए शहर में ही देता है। बहुत दिन बीत जाने के बाद उनका बेटा अभी तक घर नहीं लौटता है इस कारण से उसके पड़ोसी तथा उसके आसपास के लोग रामलाल का मजाक उड़ाते हैं। उसे पड़ोसी कहते हैं कि देखो अभी तक इस तरह से किस हाल में पैसा जुगाड़ कर कर बेटा को शहर पढ़ने के लिए भेजा था लेकिन बेटा कहां ऐसी कर रहा है उसका कोई पता नहीं चलता है।

गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी | Moral Stories in Hindi

1 दिन की बात है जमींदार का दोस्त जमींदार से मिलने आता है वह देखता है कि बहुत सारे ईरान से पास काम कर रहे होते हैं। जी उनका दोस्त कहता है कि तुम्हारे पास इतने लोग काम करते हैं मेरे पास भी बहुत सारे लोग काम करते हैं मैं उनका किडनी निकलवा कर हुआ यार मैं भेज दिया करता हूं जिससे मुझे बहुत सारे पैसे मिल जाते हैं।

रामपुर के जमींदार यह सुनकर आश्चर्य चकित रह जाता है और कहता है कि तुम तो बहुत अच्छा आईडिया बताएं हो मैं इन किसानों का कितना दिन काम करवा लूंगा कितना दिन में यह लोग कर्जा बताएंगे। अच्छा होगा कि मैं इनकी किडनी को निकलवा कर भी मार्केट में भेज दूंगा जिससे मुझे मेरे पैसे की वापसी हो जाएगी।

अगले दिन से वह वैसा ही करता है हर दिन एक एक नए नए किसान को बुलाता था और उनका एक किडनी निकाल कर मार्केट में भेज दिया करता था। फिर भी उस जमींदार उस किसान से काम करवाया करता था।

धीरे-धीरे खरका गांव के सभी किसानों का किडनी निकाल चुका था और वह और भी ज्यादा अमीर बन चुका था। 1 दिन ऐसा आया कि उनकी किडनी खोली खराब हो गई है और वह इलाज के लिए साहब इधर-उधर तथा विदेशों में घूमने जाया करते थे।

Garib Kisan

1 दिन एक डॉक्टर के पास गया शहर में डॉक्टर ने कहा कि मैं तुम्हारे इलाज कर दूंगा तभी जमींदार ने कहा कि ठीक है तुम मेरा इलाज करो बदले में मैं तुम्हें पैसे दूंगा। जमीदार इलाज करवाता है और पता है कि बेटा तुम्हारा घर कहां है तुम्हारे माता पिता कौन है तो वह डॉक्टर कहता है कि मेरे माता-पिता रामपुर गांव में रहता है और मेरे पिताजी का नाम रामलाल है।

इतना कहते ही जमींदार उसे पहचान लेता है और कहता है कि बेटा मैंने तुम्हारे साथ इतना लिया है क्या तुम्हारे माता-पिता खिला देना इतना अन्याय क्या तुम्हारे आज पड़ोसी पता गांव वाले के साथ इतना अन्याय किया लेकिन तुम फिर भी मेरा इलाज कर रहे हो तुम वहां का मैं बहुत नेक दिल इंसान हो। तभी वह लड़का कहता है कि तुम क्रूरता से सभी लोगों से काम करवाते थे यह तुम्हारा धर्म है मैं डॉक्टर हूं मरीज की जान बचाना मेरा धर्म है मैं अपने कर्तव्यों का पूर्ण रुप से पालन करूंगा।

डॉक्टर के बाद सुनकर जमींदार की आंखें खुल जाती है और कहता है कि अब मैं आगे से किसी भी किसान अथवा किसी भी लोगों को कभी परेशान नहीं करूंगा। और जमीदार अपने पैसे से ही उस गांव में मतलबी रामपुर गांव में एक हॉस्पिटल बनाता है जैसे फ्री में सभी लोगों के लिए चालू कर दिया जाता है। साथ ही रामलाल का बेटा भी उसी हॉस्पिटल में काम करता है और आस पड़ोस के लोग तथा गांव के सभी सभी लोगों का रामलाल पर गर्व महसूस करते थे।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कर भला तो हो भला चाहे कोई भी हो कोई हमारे ऊपर कितना भी अन्याय करे लेकिन मुझे उन्हें जैसा कोई आया नहीं करना चाहिए। कि वह न्याय करता है यह उनका धर्म है और मैंने आज करता हूं यह मेरा धर्म है।

गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी का निष्कर्ष

Hindi Story की वेबसाइट पर आज की हिंदी कहानियां में हम लोग गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी के बारे में जाने का मौका मिला है। उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा बताए गए इन कहानियों से आप लोगों को तथा अपने बच्चों को कुछ ना कुछ सबक मिलता होगा ह।

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FAQ गरीब किसान और लालची सेठ की कहानी

रामलाल सपने बेटे को पढ़ने के लिए कहां भेजता है इस कहानी में?

रामलाल अपने बेटे को पढ़ाई करने के लिए शहर भेज दिया करता था।

रामपुर गांव में जमींदार है किसानों के साथ कैसा व्यवहार करता था?

जमींदार रामपुर गांव के किसानों पर अपनी क्रूरता दिखाया करता था और किसानों से जबरदस्ती अपने खेतों में काम करवाया करता था।

जमींदार किसानों के कर्ज वसूलने के लिए किस प्रकार का काम किया करता था?

जमींदार सपना कर्जा को सुनने के लिए किसानों का किडनी निकाल कर मार्केट में भेज दिया करता था।

इस कहानी में रामलाल का बेटा पढ़ लिख कर क्या बन गया था?

रामपुर गांव की कहानी में रामलाल का बेटा पढ़ लिख कर एक अच्छा डॉक्टर बन गया था।

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