Chalak Lomdi Ki Kahani – चालक लोमड़ी की कहानी

Story in Hindi: हिंदी कहानियां कि इस लेख में आज हम Chalak Lomdi Ki Kahani (चालक लोमड़ी की कहानी) के बारे में पढ़ने वाले हैं। दोस्तों नई नई कहानियां स्टोरी इन हिंदी और सभी प्रकार के शार्ट स्टोरीज इन हिंदी Story Hindi साइट पर उपलब्ध है।

बच्चों के लिए कहानियां बच्चों के मन में नई उत्साह पैदा करता है यही कारण है कि आजकल लोग कहानियों से बहुत कुछ सीखते हैं और समझते हैं। किसी भी कहानी में कुछ ना कुछ सबक सीखने को मिलता है इसी प्रकार से बच्चों के लिए Kahaniyan मानसिक और शारीरिक तौर पर बच्चों के विकास के लिए स्टोरी हिंदी बहुत जरूरी है।

अनुक्रम

Chalak Lomdi Ki Kahani – चालक लोमड़ी की कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में किसी जगह में एक कौवा रहता था। एक बार की बात है एक कौवे को किसी रोटी का टुकड़ा मिला था। जब वह कौवा रोटी का टुकड़ा लेकर पेड़ पर बैठकर खाने का प्रयास करने लगा था।

तभी रास्ते में एक लोमड़ी जा रही थी दोस्तों लोमड़ी की जाती ही बहुत ज्यादा चलाक माना जाता है। और उन्होंने सोचा कि क्यों न कौवे को बेवकूफ बनाकर रोटी का टुकड़ा ले लिया जाए।

Chalak Lomdi Ki Kahani
Chalak Lomdi Ki Kahani

लोमड़ी मन ही मन खुश हो रहा था और कौवे को अपनी बातों में फंसाने का प्रयास कर रहा था। कौवा पेड़ के जिस टहनी पर बैठा था। लोमड़ी भी उसे हटाने के नीचे जमीन पर बैठ गया और कौवे को निहारने लगा।

Short Stories in Hindi – लोमड़ी की कहानी

लोमड़ी ने कौवे से गांव कौवा कौवा तुम कितनी सुंदर हो तुम्हारे जैसा तो पूरे जंगल में नहीं है, तुम तुम्हारा रंग कितना चमकीला है, तुम कितनी सुंदर गाते हो, और तुम्हारे पास और उड़ने की कला बहुत ज्यादा अति सुंदर है।

यह सुनकर कौवा मन ही मन बहुत खुश हुआ और हुआ खुशी से फूली नहीं समाई। तब नीचे से लोमड़ी ने कहा कौवा हुआ भाई बहुत दिनों से मैं तुम्हारा गाना नहीं सुन पाया हूं आज अगर मिल ही गए हो तो एक अच्छा सा गाना सुना दो ताकि मेरा भी दिल खुश हो जाए और मैं यहां से चली जाऊं।

कौवा अपनी तारीफ सुनकर मन ही मन बहुत खुश था और उन्होंने सोचा कि इतनी तारीफ मेरी हो रही है कि ना एक गाना एक लोमड़ी को सुना दिया जाए। जैसे ही कौवा गाना गाने के लिए अपनी मुंह को खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया फिर क्या था लोमड़ी उसे झट से उठाया और चलता बना।

चालाक लोमड़ी और कौवे की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी की बातों में ज्यादा नहीं आना चाहिए। और हमें अपना काम से काम रखना चाहिए लोगों की बातों को सुनकर उनके बात तो पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए।

चालाक लोमड़ी और बंदर की कहानी

चालाक लोमड़ी और बंदर की कहानी
चालाक लोमड़ी और बंदर की कहानी

एक जंगल में बहुत सुहाना मौसम चल रहा था और एक लोमड़ी इधर-उधर खाने की तलाश में भटक रहा था। लोमड़ी हमने खाने की खोज में बहुत ज्यादा देर से इधर-उधर घूम ही रहा था कि सामने उसे दो बंदर दिखाई देता है बंदर के हाथ में एक अकेला दिखाई देता है।

लोमड़ी देखता है कि दोनों बंदर एक केले के लिए अपने में ही लड़ाई कर रहे थे। जब लोमड़ी दोनों बंदर के नजदीक पहुंचती है तो देखती है कि वह दोनों बंदर आपस में ही केले खाने के लिए लड़ाई कर रहा है

इतने में वह लोमड़ी दोनों बंदर के पास पहुंच जाती है और कहती है तुम दोनों एक केले के लिए इतनी झगड़ा क्यों कर रहे हो। तभी पहला बंदर कहता है कि मैंने पहले देखा था दूसरा बंदर कहता है कि केला को मैंने पहले देखा था।

Story in Hindi – लोमड़ी और बंदर की कहानी

अंत में दोनों में लड़ाई झगड़ा होने लगती है यह देख कर उस चालाक लोमड़ी को बहुत बुरा लगता है लोमड़ी कहती है कि तुम दोनों बंदर आपस में लड़ाई मत करो मैं तुम्हारा केला का बंटवारा कर देता हूं जिससे तुम बड़ी आसानी से अपने अपने हिस्से को खा सकते हो।

लोमड़ी दोनों बंदर को आधा-आधा केला बांट देता है यह देखकर दोनों बंदर बहुत खुश होता है और लोमड़ी को धन्यवाद रहता है। लोमड़ी अंदर ही अंदर खुश होती है और वह समझता है कि उन्होंने तो दोनों के लिए लड़ाई झगड़ा खत्म भी कर दिया है।

तभी से जंगल के सभी जानवर दोस्त लोमड़ी को चालाक और दयालु समझने लगता है। और सभी जानवर उस लोमड़ी को ज्यादा महत्व देने लगता है क्योंकि वह लोमड़ी सभी के लिए कहीं ना कहीं अच्छा काम किया करता था इसीलिए उन्हें अन्य जानवरों के द्वारा इज्जत दिया जाने लगा है।

जैसा की आप सभी को पता होगा कि वह लोमड़ी जंगल में अपनी खाने पीने की चीजों के लिए भटक रहा था ऐसे करते करते वह जंगल से कुछ दूर निकल जाता है। फिर उन्हें खाने के लिए एक जगह अंगूर दिखाई देता है लोमड़ी ने तो अंगूर को जी भर कर खाया था लेकिन वह थोड़ा खट्टा था।

अब लोमड़ी हो पानी की प्यास लगती है वह पानी की तलाश में इधर-उधर को उड़ने लगती है। अचानक उसे एक झील दिखाई देता है। उस दिन में बहुत कम पानी था जब वह लोमड़ी धीरे-धीरे उस झील के करीब पहुंचती है।

तभी वहां एक शेर दिखाई देता है शेर कहना है कि लोमड़ी लोमड़ी तुम रुक जाओ मैं अभी मांस खा कर आया हूं और मुझे बड़ी जोरों की प्यास लगी है पहले मैं पानी पी लूंगा। लोमड़ी ने झील में देखा कि बहुत कम पानी है।

क्योंकि हम दोनों में से कोई एक ही उस दिन का पानी पी सकता है क्योंकि जीने बस थोड़ा सा पानी ही बचा हुआ था। शेर कहता है कि मैं पी लूंगा और लोमड़ी कहती है कि मैं पी लूंगा। ऐसे कहते-कहते फिर गुस्सा हो जाता है और कहता है कि लोमड़ी तुम बहुत ज्यादा बोल रही हो मैं इस जंगल का महाराजा हूं पहले मैं पानी पी लूंगा।

लेकिन चालाक लोमड़ी वह पानी पीने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थे। वह लोमड़ी शेर को बड़ी-बड़ी बातों में फंसाने लगा, लोमड़ी कहने लगी कि शेर राजा तुम तो जंगल के शेर हो और तुम्हारे जैसा शेर तो मैंने आज तक नहीं देखा तुम बहुत खूबसूरत शेर हो।

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उन्होंने शेर को कहा कि आप बड़े दयालु हो आप इस जंगल के महाराज हो और हम लोग आपकी सेवा में हमेशा उपस्थित रहेंगे। सुनकर राजा बहुत खुश हुआ मतलब कि शेर बहुत खुश हुआ और लोमड़ी को पानी पीने की इजाजत दे दी। राजा शेर कहता है कि मैं तुम्हारा जो मैं तुम लोगों के लिए इतना भी नहीं कर सकता।

इसके बाद चालाक लोमड़ी खुशी-खुशी पानी पीती है और वहां से चल बनती है। वह चालाक लोमड़ी मन ही मन मुस्कुराता है और अपने आप को चालाक होने पर गर्व महसूस करता है। फिर जंगल के सभी जानवर उन्हें ज्यादा महत्व देने लगते हैं क्योंकि वह ज्यादा चालाक हो दयालु लोमड़ी था।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें सभी के प्रति अपनी विनम्रता दिखाना चाहिए। क्योंकि प्यार और दुलार ही एक ऐसा चीज है जिससे हम लोगों के प्रति अपनी छवि को बना सकते हैं। साथ ही लोगों के दिलों को जीतने का एक ही रास्ता है कि उनका विश्वास को जीता जाए।

बीमार शेर और चालाक लोमड़ी की कहानी – Moral Stories in Hindi

बीमार शेर और चालाक लोमड़ी की कहानी
बीमार शेर और चालाक लोमड़ी की कहानी

एक बहुत बड़ा विशाल जंगल था उस जंगल में एक शेर बहुत दिन से राज किया करता था। लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया उस शेर की उम्र में भी बढ़ोतरी होती गई और अंत में वह इतनी ज्यादा बुड्ढा हो गया कि वह चल फिर भी अच्छे से नहीं सकता।

शेर को इतना ज्यादा मुश्किल होने लगा कि वह अपनी शिकार के लिए इधर उधर जा भी नहीं पाता था। शेर ने सोचा कि ऐसे कब तक चलेगा मुझे भूखे ही मरना पड़ेगा ऐसा लग रहा है। क्योंकि हुआ नहीं तो चल पाता था नहीं दौड़ पाता था वह सिर्फ अपनी गुफा में बैठा रहता था उनकी उनकी उम्र ज्यादा हो गई थी।

1 दिन की बात है शेर ने सोचा कि क्यों ना हम जानवरों का भोलेपन का फायदा उठाएं। तभी उन्होंने एक कौवा को बुलाया और और शेर ने उसका हुआ से कहा कि तुम जाओ पूरे दिन घर में है यह खबर फैला दो कि शेर राजा बीमार हो गया है।

जैसे ही जंगल के जानवरों तक यह बात पहुंचेगी शेर बीमार हो गया है जंगल के सभी जानवर एक-एक करके उनसे मिलने के लिए आने लगे थे। शेर ने बहुत ही खतरनाक दिमाग लगाया। अब जो भी शेर से मिलने के लिए आता था वह उसे पकड़कर मारकर खा जाता था। इसी से शेर का पोषण पालन करने लगा था और इसी क्रम में लगातार जानवर आता था और मारा जाता था। अब तो शेर को बिना कहीं जाए उसका भोजन मिल जा रहा था।

शेर दिन प्रतिदिन मोटा और ताजा होने लगा था क्योंकि बैठे-बिठाए उन्हें अच्छी-अच्छी भोजन जो मिलने लगी थी। शेर इसी तरह से रोज-रोज नई-नई जानवरों को उसे अपना शिकार बनाता था जो उनसे मिलने के लिए आता था। इसी तरह से कुछ दिन बीतने के बाद एक चालाक लोमड़ी शेर की गुफा के पास आती है और पूछती है।

शेर शेर महाराज तुम कैसे हो तुम्हारी तबीयत कैसी है अब तुम ठीक तो हो गए हो ना।। उधर गुफा से आवाज आती है कि नहीं नहीं मैं तो बहुत कमजोर हूं तुम कौन हो मेरे दोस्त तुम गुफा के अंदर आ जाओ और मुझसे आखरी बार मिल लो पता नहीं मैं कितने दिन का मेहमान है।

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चालाक लोमड़ी शेर से बातें करते वक्त फूफा के इधर उधर देख रही थी उन्होंने देखा कि जंगल के जानवर जो से मिलने जाते थे उसका पैर का निशान तो है लेकिन उधर से आने का निशान नहीं है। जब शेर ने उसे आगरा कर के अंदर बुलाने का सोचा तो चालाक लोमड़ी ने सीधा मना कर दिया और कहां की आपके गुफा में जानवर के जाने का पैर का निशान तो है लेकिन आने का नहीं है इसका मतलब यह है कि आप सभी जानवरों को अंदर में ही मारकर खा जाते हैं।

यह बोलकर चालाक लोमड़ी जंगल की तरफ चल पड़ी है और जंगल के सभी जानवरों को इकट्ठा कर कर। शेर के उन बातों को सभी जंगल के जानवरों तक पहुंचाई। इससे जंगल के सभी जानवरों को शेर की करतूत के बारे में पता चल गया और वह कोई भी अब से शेर से मिलने नहीं गया पूर्णविराम इस तरह से उस चालाक लोमड़ी ने अपनी जान समेत जंगल के सभी जानवरों की जान बचाई।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमेशा हमें अपनी बुद्धि और अपने ज्ञान से काम लेना चाहिए। लोगों की बातों में आकर कुछ से कुछ नहीं करना चाहिए पहले अपने दिमाग में सही से बातें डाल लेनी चाहिए उसके बाद कुछ काम को करने के लिए अपने आप को प्रेरित करें।

मूर्ख लोमड़ी की कहानी | Short Stories in Hindi

Lomdi Ki Kahani
Lomdi Ki Kahani

एक बार की बात है एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी हुआ लोमड़ी इतनी चालाक हो और इतनी धूर्त थी कि जंगल के सभी जानवर उस लोमड़ी से हमेशा परेशान रहता था। जंगल के सभी जानवर उस लोमड़ी से परेशान रहता था क्योंकि वह लोमड़ी बड़ी-बड़ी बातें करने और वही बड़ी गप्पा हाकने में बड़ी तेज थी।

हुआ लोमड़ी अपनी चपड़ चपड़ बातों से सभी का और सभी जानवरों का खूब परेशान करती थी। जंगल में ऐसा कोई जानवर नहीं बचा था जो उससे परेशान नहीं था वह अपनी मनचला हरकतों की वजह से सभी को हमेशा परेशान करती रहती थी।

एक दिन की बात है उस लोमड़ी को बड़ी जोरों की भूख लगी थी वह लोमड़ी इधर-उधर खाना ढूंढ रही थी। लेकिन उन्हें आज कुछ मीठा खाने का मन कर रहा था तभी उसके सामने एक गन्ने का खेत दिखाई दिया।

लोमड़ी ने सोचा कि क्यों ना हम उस गन्ने में जाकर मीठी-मीठी गन्ने को अपने हाथों से तो लगा खाने का मजा ले। यही सोच कर लोमड़ी ने गन्ने के खेत में जा घुसा और गन्ना को खाने लगा।

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जब लोमड़ी गन्ना तोड़कर खाने लगा तो इस जगह की गन्ना के खेत मैं हलचल देखने को मिली। बाहर दूर एक किसान ने देखा कि किसी दूसरे के गन्ने के खेत में हलचल हो रही है हिल रही है। तभी उसने बगल में बैठे किसान को कहा कि तुम्हारे खेत में कोई गन्ना तोड़ रहा है।

तभी किसान में दौड़ कर अपने गन्ने के खेत में गया और जो धरना तोड़ रहा था उसकी खबर लेने के लिए एक मोटा डंडा लेकर गया था। किसान ने कहा कि आज जो भी गन्ने के खेत में पकड़ आएगा। उसे इसी डंडे से बहुत पिटाई करूंगा।

जैसे किसान खेत में घुसा तो उसने देखा कि एक लोमड़ी उसे खेत में गन्ना तोड़कर खा रही थी। यह देखकर किस आना आग बबूला हो उठा। और मोटे डंडे से लोमड़ी की पिटाई करने लगा। अब तो लोमड़ी की हालत खराब होने लगी उन्होंने किसान से कई विनती की कि आप मैं उनकी खेत में गन्ना खाने नहीं आऊंगा मुझे इस बार छोड़ दीजिए।

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क्योंकि किसान बहुत गुस्से में था और वह जमकर लोमड़ी की पिटाई कर दी। जब लोमड़ी किसान से कुछ दूर चल गया था तो उसने किसान से कहा कीड़े पड़े तेरे गन्ने में। यह सुनकर के सैनिकों को गुस्सा आ गया उन्होंने फिर उसकी तरफ दौड़ा लोमड़ी बड़ी तेजी से भाग गई।

जैसे ही लोमड़ी भागी वह एक रंग वाली बड़ा सा गला में गिर गया जहां से कोई बुनकर अपना कपड़ा में हरण चलाता था। अब तो लोमड़ी पूरी नीली लगने लगी थी और वह एकदम अजीब सा लगने लगा। वह मन ही मन डर रही थी कि इस अजीब रंग की वजह से जंगल के जानवरों से पहचानने से इंकार कर दें और सभी मिलकर उनकी हत्या कर दे।

फिर उसके दिमाग में एक आइडिया आया उसने सोचा कि क्यों ना हम इसी हरण का फायदा उठाकर जंगल के सभी जानवरों पर अपना राज करें। वह जंगल की ओर बढ़ने लगा तो सभी जानवर उसकी अजीब रंग को देख कर बहुत ज्यादा हैरान था। जंगल के सभी जानवर को पहले इस तरह का जानवर कभी नहीं दिखाता वह लोग अजीब अजीब चीज सोचने लगे थे।

लोमड़ी ने कहा कि तुम लोग हम राव नहीं मैं ऊपर से भेजा गया एक दूध हूं और मैं तुम्हारी और तुम लोगों की रक्षा करने के लिए ऊपर से भेजा गया है। उन्होंने सभी जानवरों से कहा कि आज से सभी लोग मुझे अपना राजा मानेगा और हमारी सेवा करेगा।

यह सुनकर जंगल के सभी जानवर उसे राजा मरने के लिए राजी हो गए थे। सभी जानवर उसकी सेवा करने लगे थे। अब तो लोमड़ी आराम से अपना गुजर बसर कर रहा था एक राजा के रूप में।

सभी जानवर सुबह-शाम उस लोमड़ी की जय जयकार करते थे। और उस लोमड़ी के लिए अच्छी अच्छी तरह का पकवान बना जाता है और अच्छे का गाना गाकर उसका अभिनंदन करता था। धीरे-धीरे यह बात जंगल के सभी जानवरों तक पहुंच गई।

1 दिन की बात है कुछ लोमड़ी उसके सामने आए और उसके राजा के अभिनंदन करते समय जोर-जोर से गाने लगा था। यह देखकर वह लोमड़ी राजा भी उसी सुर में गाने लगा था क्योंकि वह भी एक लोमड़ी ही था। यह सुनकर जंगल के सभी जानवर गुस्सा से आग बबूला हो था।

फिर जंगल के सभी जानवर एक साथ उसकी तरफ बढ़े और उसकी खूब पिटाई लिया। पीटते पीटते लोमड़ी को हद मना कर दिया था। और एक बार हाथी ने शुरू से उठाकर उसे इतनी दूर फेक की फिर दोबारा लोमड़ी कभी नजर नहीं आया।

मूर्ख लोमड़ी की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

मूर्ख लोमड़ी की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी को ज्यादा तंग नहीं करना चाहिए। और किसी से भी झूठ तो कभी भी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। साथ ही इस कहानी से हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि अपना काम सही ढंग से करना चाहिए किसी दूसरे का नुकसान कभी नहीं करना चाहिए।

चालक लोमड़ी कहानी के बारे में?

Chalak Lomdi Ki Kahani की इस पोस्ट में सभी प्रकार की लोमड़ी की कहानी को शामिल किया गया है। क्योंकि बच्चों के लिए लोमड़ी की कहानी बहुत ज्यादा पसंद आती है। यही कारण है की लोग और बच्चें इंटरनेट पर लोमड़ी की कहानी को सर्च करते है। अगर आप इस पेज पर आते है तो आपको यहाँ बहुत साडी लोमड़ी की कहानी को बताई गयी है। अतः आपको किसी और पेज पर जाने की जरुरत नहीं होगी। क्योंकि चालक लोमड़ी की कहानी, लोमड़ी और बंदर की कहानी, बीमार शेर और चालक लोमड़ी की कहानी (Chalak Lomdi Ki Kahani in Hindi) में दिया गया है।

  • चालक लोमड़ी की कहानी से आपको क्या सिख मिलती होगी?

    चालक लोमड़ी की कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें दूसरों की बातिओं पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। हमेशा अपनी काम से ही ज्यादा ,मतलब होनी चाहिए।

  • चालक लोमड़ी की कहानी क्या सबक सिखाती है?

    इस कहानी से हमे यह सिख मिलती है कि हमें कभी भी किसी को धोखा नहीं देनी चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए?

  • बीमार शेर और चालक लोमड़ी की कहानी से क्या सबक मिलती है?

    इस कहानी से हमलोगों को यह सबक मिलती है कि हमें अपनी दया और करुणा को हमेशा दूसरों क लिए रखनी चाहिए। तभी आप एक महान मनुष्य बन सकते है।

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