Hindi Story : समझदार बहू लालची सास की कहानी में आज हम लोग एक पारिवारिक कहानियां सुनने वाले हैं। आजकल के पारिवारिक कहानियां में हमें बहुत ज्यादा कुछ सीखने को मिलता है जिस कारण से बारी-बारी कहानियां में और नैतिक कहानियां में बहुत ज्यादा अंतर नहीं पाया जाता है।
क्योंकि आज की समझदार बहू लालची सास के कहानी के बारे में हम लोग इस वेबसाइट पर हिंदी कहानियां के जरिए बहुत ही अच्छी तरह से पारिवारिक कहानी को समझने वाले हैं। समझदार बहू लालची सास की कहानी, Hindi Story, Story in Hindi, Bedtime Stories in Hindi, Short Stories in Hindi किस लेख में हमें हिंदी कहानियों का एक बहुत बड़ा वेबसाइट है जहां पर केवल हिंदी कहानियां है लिखी जाती है मतलब पर प्रकाशित किया जाता है।
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समझदार बहू लालची सास की कहानी – Hindi Story
एक परिवार में एक मां बेटा और बहू रहता था। बेटे का नाम राजू था बहू का नाम नंदनी थी और औरत का नाम रंजू था। सभी लोग एक परिवार में बहुत ज्यादा खुश और मिलजुल कर रहा करता था क्योंकि बेटे की नई-नई शादी हुई थी।
क्योंकि जैसा कि आप सभी को पता होगा कि जब नई-नई शादी होती है तो उसके घर वाले हैं लड़की को बहुत सारे सामान दिया करता था। और ऐसा आज भी चल रहा है कि जब भी शादी होती है किसी लड़की को तो उसके मां-बाप की तरफ से बहुत सारा सामान मिलता है। राजू की शादी अभी हाल फिलहाल में हुआ था। राजू के ससुराल से उसकी पत्नी नंदनी भी बहुत सारा सामान अपने घर लेकर आई थी। जिसे देख कर उसके घर वाले मतलब कि वह औरत रंजू बहुत खुश हुआ करती थी कि वह एक प्रकार का लालची औरत थी।
उस लालची औरत ने घर में रखे सभी सामान को देखकर बहुत ज्यादा खुश हुआ करता था और अपने बेटे तथा वह उसे कहते हैं कि ससुराल से और भी सामान का डिमांड करो।
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हालांकि राजू इतना ज्यादा नाची नहीं था वह हमेशा अपनी मां को समझाता और कहता था कि इतना लालच करना अच्छी बात नहीं है। क्योंकि रंजू की बात राजू कभी नहीं मानता था तो वह अपनी बहू नंदनी को हमेशा कहता था कि तुम अपने मायके से यह मंगा लो वह मंगा लो और बहुत सारे सामान मांगने का दबाव डालती थी।
कभी लालच देकर कभी कुछ मंगवा लिया कभी कुछ भी मंगवा लिया कभी नियम और कानून रसूल और नियम को लेकर बहुत सारे सामान लगाया करते थे। इसी तरह से बहुत दिन तक चलता रहा और रंजू हमेशा अपनी बहू को घर से कुछ न कुछ सामान लाने के लिए कहां करती थी।
1 दिन की बात है नंदिनी गर्भवती हो गई थी और उसका एक बेटा भी हो गया था बेटा होते ही उसकी मां मतलब की राजू की मां कहती है कि बहु हमारे यहां जब किसी का बेटा या बेटी होता है मतलब के पुत्र या पुत्री होता है तो वह अपने घर से सोने का चम्मच मंगवाया करती है। यह सभी सुनकर बहू को काफी ज्यादा गुस्सा आता था और कहती थी कि ऐसा कुछ भी नहीं होता है और माजी झूठ मुठ को घर से सामान मंगाने के लिए फोर्स करते रहती है।
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ऐसे ही है रस्मो रिवाज का पाठ पढ़ा कर वह अपनी बहू से बहुत सारा सामान लाने के लिए घर से कहती थी। साथ ही जब वह अपने मायके से वापस घर आती थी तो उसकी सांस हर अंजू फोन करके कह देते कि बहू यह लेकर आना वह लेकर आना नहीं तो अपशकुन हो जाएगा।
इतना सब सुनते सुनते नंदिनी बहू को काफी ज्यादा गुस्सा आता था। लेकिन फिर भी ना धोनी की मां कहती थी कि चलो जो बोल रहा है वह कर दो तुम्हारी सांसों में बहुत खुश रहेगी। लेकिन जितना वह लोग बोला था वह काम ज्यादा काफी हो रहा था क्योंकि हर बार कुछ न कुछ मांगने का दबाव बनाते थे।
1 दिन की बात है शालिनी ने भी उल्टा दिमाग लगाया और कहा कि हमारे मायके में एक रसम चलती है कि वह अपने पोते को जो सबसे पहले होते हैं उसे एक सोने का चम्मच दिया जाता है। अगर सोने का समझ नहीं दिया जाता है तो कुछ ही दिनों में उसकी दादी मतलब की नंदिनी की सास बहू की मौत हो जाएगी।
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रंजू तू एक बार करके लालची औरत थी लेकिन वह फिर भी अपनी मौत के डर से कुछ न कुछ सोचने लगी थी। फिर एक बार अपनी बहू के पास गई और पूछती है कि क्या मैंने ऐसा नहीं किया तो सचमुच में मैं मर जाऊंगी। तभी बहू कहती है कि जी हां मैंने तो ऐसा ही सुना है लेकिन आगे क्या होगा यह मुझे भी नहीं पता है।
लेकिन अपनी मौत की खबर को सुनकर हैरान जो काफी ज्यादा उदास हो गई थी और मन ही मन सोचने लगाता है चलो मैं इसे कुछ ना कुछ दे ही देती हो रहा हूं। फिर वह जाकर अपना पुराना बक्सा खोलती है और उसमें निकाल कर सोने का एक चम्मच निकालकर अपने पोते को दे देती है।
रंजू को भी क्या बात बिल्कुल समझ में आ गई थी कि हमारे बहू ने उल्टा चाल चला है और मुझे ही फंसा दिया है। आगे से रंजू ने फैसला किया कि आपका भी हम लोग मांगने और मनाने वाला कार्य बिल्कुल भी नहीं करेंगे। रंजू मन ही मन अपनी गलती मान लिया और उससे तोबा कर लिया वह कभी भी अपने बहू नंदनी को बिल्कुल भी परेशान नहीं किया अपने मायके से सामान लाने के लिए।
समझदार बहू लालची सास की कहानी का निष्कर्ष
आज के इस लेख में हम लोगों ने समझदार बहू लालची सास की कहानी के बारे में पड़ा है। हम लोगों ने आज के इस लेख को Story in Hindi तथा हिंदी कहानियां के रूप में एक अच्छी सी परी वाली कहानी को पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
क्योंकि आजकल के फिल्मों में भी पारिवारिक कहानियां देखने को नहीं मिलती है जिसका ऐसे लोगों को हरी भरी कहानियां सुनने और पढ़ने के बहुत कम ही मौका मिलता है।
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क्योंकि आज की स्टोरी इन हिंदी में हम लोग समझदार बहू लालची सास की कहानी, Hindi story in Hindi, Hindi story writing with Moral, Hindi story for reading, Hindi story for kids, Hindi story with moral इत्यादि कहानियों के बारे में जान रहे थे जो कि एक मोरल कहानी में और शिक्षाप्रद कहानी के रूप में माना जाता है।
FAQ for समझदार बहू लालची सास
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हिंदी कहानियां हमें क्यों पढ़नी चाहिए?
हिंदी कहानियां पढ़ने से हमारे दिमाग और विवेक में बूंदे की वृद्धि होती है।
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स्टोरी इन हिंदी से हमें क्या सीख मिलती है?
स्टोरी इन हिंदी से हमें क्या सीख मिलती है क्या हमें कभी भी किसी से संबंध खराब नहीं करनी चाहिए।
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Short Stories in Hindi क्या होती है?
ऐसी कहानी जो बहुत छोटी होती है महासचिव 100 या 400 शब्दों में नैतिकता का पाठ पढ़ा देती है शॉर्ट स्टोरी कहलाती है।
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लालची साची कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
लड़की साची कहानी से हमें यह मिलता है कि हमें ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए।
आप की कहानिया अच्छी है. ऐसे ही प्रकाशित करते रहें. आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं