Story in Hindi : यह कहानी भानगढ़ के राजा के संबंधित लिखा गया है जिसमें चतुर किसान और बाज की कहानी को दर्शाया गया है। आपको बता दें कि इस कहानी में मुख्य तीन चार किरदार है जो राजा है ओ राजा के मंत्र से संबंधित है।
आपने तो बचपन अपनी दादी नानी से राजा रानी की कहानियों के बारे में जरूर सुना होगा। उसी प्रकार से आज हम लोग भी राजा रानी की कहानी अथवा चतुर किसान और पांच की कहानी के बारे में जानने वाले हैं। इस हिंदी कहानियां में हम लोग राजा रानी की कहानी के बारे में जानेंगे और इसके साथ साथ हम लोग चतुर किसान Story, Chatur Kisan Ki kahani के बारे में भी जानेंगे।
चतुर किसान और बाज की कहानी – बच्चों की कहानियां
भानगढ़ के राजा को पशु पक्षियों से बहुत ज्यादा लगाव था वह हमेशा खाली समय में पशु पक्षियों के पास आ जाया करता था और उनकी सेवा किया करता था। भानगढ़ के राजा अपनी मंत्रियों को हमेशा निर्देश देते थे कि या कहीं भी तुम्हें पशु पक्षी दिखाई दे तो तुम उसे कभी भी किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना बल्कि तुम मेरे पास उसे लेकर आना मैं उसे अच्छे से ख्याल रखूंगा अपने ही महल में।
उस राजा को पक्षियों से इतना लगाव था कि वह हमेशा ही पक्षों के साथ खेलता रहता था और हमेशा अपने महल में नया-नया पक्षियों को लाने का प्रयास करता रहता था। एक दिन की बात है जब वह अपने महल में पक्षियों के साथ खेल कूद रहा था और पक्षियों को खाना खिला रहा था तो एक मंत्री आता रहता है कि महाराज बगल के महाराज आपसे मिलना चाहता है क्या उसे मिलने की अनुमति दिया जा सकता है।
तभी राजा कहता है कि तुम उसे पूरी इज्जत के साथ माल में पेश करो मैं उनसे मिलने की अनुमति देता हूं। तभी मंत्री जाकर उस राजा को माल के अंदर ले आता है और वह राजा जब भानगढ़ के राजा से मिलता है तो कहता है कि आपकी पशु-पक्षी प्रेम को देखकर हमने आपको दो बाज गिफ्ट किया है उम्मीद है कि आप इसे बहुत ज्यादा पसंद करेंगे।
फिर उसके बाद राजा अपना कार्य करता है बातचीत करता है और फिर अपने घर चला जाता है। तभी राजा देखता है कि वह आज भी बहुत ज्यादा छोटा है वह अपनी मंत्री कौन से देश देता है कि इन दोनों बाज को अच्छी तरह से ख्याल रखना और इन्हें किसी भी तरह का कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
अगली बार जब राजा पशु पक्षियों के बारे में आता है तो देखता है कि दूसरे राजा द्वारा दिया गया गिफ्ट में जो बाल दिया गया था वह आज बहुत ज्यादा बड़ा हो गया है और अब वह समझदार भी हो गया था। उन्होंने अपने दोनों बाजो का नामकरण किया उन्होंने एक का नाम पवन रखा हम दूसरे को मोती।
चतुर किसान Story
मोती बाज उन्हें बहुत ज्यादा तेज था वह हमेशा आकाश के चक्कर लगाया करता था लेकिन वहीं दूसरी तरफ पवन बहुत ज्यादा सोचता था वह उड़ने का प्रयास ही नहीं करता था और हमेशा एक ही पेड़ की डाली पर बैठा रहता था। यह देख कर आजा काफी चिंतित हो उठा और उन्होंने कहा कि यह पक्षी पवन बहुत ज्यादा निराश लग रहा है और यह बहुत दिनों से उड़ भी नहीं रहा है इसके क्या कारण हो सकते हैं।
राजा ने उस पक्षी को बहुत ज्यादा उड़ाने का प्रयास किया लेकिन कोई काम नहीं आया था। राजा चिंतित था कि पवन पक्षी नहीं हो पा रहा है और वह हमेशा एक ही डाल पर बैठा रहता है यह देखकर उन्हें चिंतित होने लगा और वह हमेशा अपने मंत्रियों को दे दिया देता रहता है कि कोई भी इसे उड़ाने का प्रयास करो जिससे बात हो जाएगा मैं उसे बहुत सारा इनाम दूंगा।
लेकिन कोई भी मंत्री या तो मान लो कि कोई भी आदमी से वह बाहर नहीं हो रहा था और हमेशा की तरह एक ही डाल पर बैठा हुआ था तथा यह देखकर मंत्री को बहुत ज्यादा चिंतित होगा और उन्होंने कहा कि जाओ राज्य के सभी जगह पर ऐलान कर दो कि जो कोई इस पक्षी को उड़ा पाएगा उसे बहुत ज्यादा इनाम दिया जाएगा।
पूरे राज्य में यह ऐलान होते हुए बहुत सारे आदमी तथा बहुत सारे पक्षी प्रेमी राजा के दरबार में आए और सब ने एक-एक करके पक्षी को उड़ाने की कोशिश की। लेकिन पक्षी को उड़ाने में कोई भी लोग कामयाब नहीं हुआ था और वह निराश होकर उन्हें बाहर जाना पढ़ा था।
एक दिन की बात है एक किसान महल में आता है और मैं उससे उस पक्षियों को उड़ा देता है पक्षी उड़ता देख राजा बहुत खुश होता है और कहता है कि इस पक्षी को उड़ाने में किसने मदद की है। तभी मंत्री लोग राजा को उस आदमी किसान के बारे में बताता है कि एक आदमी आया और उस पक्षी को उड़ा दिया और वह वापस चला गया। राजा ने तूने अपने मंत्री को आदेश दिया कि ऑरेंज और उस व्यक्ति को पकड़ कर लाओ मेरे सामने पेश करो मैं उनसे पूछ लूंगा कि वह इस पक्षी को उड़ाने में किस तरह का हथकंडा अपनाया था।
Chatur Kisan Ki kahani
मंत्री जाता है और किसान को पकड़ कर ले जाता है किसान को सामने पेश करके राजा कहता है कि मैं तुम्हारा आभारी हूं कि तुम ने इस पक्षी को बुलाया है। लेकिन मुझे तो यह जानना जरूरी है कि मैंने ही नहीं इतना ज्यादा उड़ाने की कोशिश की लेकिन यह नहीं उड़ा तुमने ऐसे ही क्या काम किया किया उड़ने लगा है।
राजा कहता है कि उसकी शान से तुम मुझे इसकी गहराई सिराज बताओ इसके लिए मैं तुम्हें नाम भी दूंगा। तू भी वह किसान कहता है कि यह जिस पेड़ की डाल पर बैठा करता था मैंने उस प्यार की दाल को ही काट दिया था इसी कारण से यह वह आकाश में उड़ने लगा है।
राजा को किसान की बहुत-बहुत पसंद आई उन्होंने एक सभा बुलाई और किसान को बहुत ज्यादा ध्यान देकर उन्हें गिफ्ट से नवाजा था। किसान यह सब देखकर बहुत खुश हो रहा था और उन्होंने अपनी बुद्धिमानी पर गर्व किया।
राजा ने उसकी शान से कहा कि आगे से तुम मेरी सारी पशु पक्षियों की देखभाल करोगे और तुम्हारी मैं यहां पर नौकरी पक्की कर देता हूं। अभी से लेकर आज तक हुआ किसान राज दरबार का काम करता रहा है उन्होंने इसके बदले बहुत सारी धन की प्राप्ति होती रहती है प्रत्येक महीने के रूप में।
वह हमेशा लगाना और उतना ही मेहनत के साथ सभी पशु पक्षियों की सेवा करता रहता है। यह देखकर भानगढ़ के राजा बहुत ज्यादा खुश होता है क्योंकि वह एक बहुत ज्यादा पशु पक्षी प्रेमी राजा हसन सकते हैं और उन्होंने अपने शासक के दौरान में बहुत सारे पशु पक्षियों के लिए जंगल में रहने की व्यवस्था कराई थी।
चतुर किसान और बाज की कहानी का निष्कर्ष
Story in Hindi किस पोस्ट में आज हम लोग चतुर किसान और बाज की कहानी जिसमें तरह-तरह के राजाओं की कहानी के बारे में जिक्र किया गया है। किसान और बाज की कहानी आप लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आया होगा ऐसा हम उम्मीद कर रहे हैं।
उम्मीद है कि आप सभी को StoryHindi.net पर कहानियां पढ़ कर बहुत मजा आ रहा होगा और आगे भी इसी तरह से आप सभी लोग कहानियां पढ़ने स्टोरी हिंदी की वेबसाइट पर जरूर से जरूर आया करेंगे। यदि आपको हमारा काम पसंद आता है तो कृपया करके इसे अपने दोस्तों और अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें।
FAQ चतुर किसान और बाज की कहानी
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चतुर किसान और बाकी कहानी से आपने क्या सीख मिली है?
चतुर किसान और बाज की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है कि हमें हमेशा प्राकृतिक रूप से दिए गए पशु पक्षियों का ख्याल रखना चाहिए।
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राजा ने किसान को किस कार्य के लिए नाम दिया था?
राजा ने किसान को पक्षी को बुलाने के लिए उसे नाम दिया था।
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भानगढ़ के राजा का स्वभाव कैसा था?
भानगढ़ का राजा एक पशु पक्षी प्रेमी मानवता व राजा के भेष में एक महान आत्मा था।
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हमें पशु पक्षियों की रक्षा क्यों करनी चाहिए?
मानव तथा मानवता के अनुसार हमें पशु पक्षियों की हमेशा सेवा करनी चाहिए क्योंकि पशु पक्षियों से ही हम लोगों का मानव विकास हो पाता है।