Story in Hindi: आज की इस लेख में हम लोग पुण्य का मोल, गरीब ब्राह्मण और सेठ की कहानी धार्मिक कहानियां के बारे में पढ़ने वाले हैं। इस कहानी में आज हम लोग जाने के लिए की कैसे एक गरीब ब्राह्मण यह जिंदगी गरीब से अमीर हो जाती है। वह अपनी ईमानदारी तथा अपनी चालाकी से हर किसी का दिल जीत लिया करता था। आज की स्टोरी इन हिंदी में हम लोग एक धार्मिक कहानियां के बारे में जाने वाले हैं।
जैसा की आप सभी को पता होगा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसमें हिंदुओं की संख्या काफी ज्यादा है। यहां पर पूरी दुनिया में से सबसे ज्यादा हिंदू रहते हैं और हिंदू लोग अपनी मान्यताओं तथा अपनी देवी-देवताओं को बहुत ज्यादा ख्याल रखा करते हैं। आपको बता दें कि हिंदू लोग हमेशा अपनी त्योहारों में किसी न किसी देवी देवताओं की पूजा किया करते हैं। साथ ही वे लोग हमेशा प्रतिदिन किसी न किसी भगवान जैसे कि राम कृष्णा और हनुमान जी की पूजा किया करते हैं।
आज की इस लेख में हम आप लोग को यह इसलिए बता रहे हैं कि कि यह एक धार्मिक कहानी है और इसमें एक ऋषि के बारे में बताया गया है कि। ऋषि का मतलब होता है कि कोई साधु जो अपनी पूरा घर द्वार छोड़कर भगवान की भक्ति के कारण लालच को छोड़ कर निकल जाते हैं। तो आइए अब हम लोग गरीब ब्राह्मण और सेठ की कहानी के बारे में जानते हैं।
गरीब ब्राह्मण और सेठ की कहानी – Dharmik Hindi Story
किसी गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था जिसका नाम सुमन था। सुमन शुरुआती दिनों में बहुत ज्यादा हमीर कथा बहुत ज्यादा नेक दिल इंसान था। हालांकि वे अभी भी एक नेक दिल इंसान ही थे लेकिन उन्होंने इतना दान किया इतना दान किया कि वह खुद ही गरीब हो गया था।
लेकिन फिर भी गरीब ब्राह्मण कभी अपने दानी होने पर घमंड नहीं किया था और वह हमेशा से ही दान करता रहा था अब वह बहुत ज्यादा गरीब हो गया था लेकिन फिर भी वह अगर एक रोटी भी दान करने के लिए मिल जाता तो वरदान करने से पीछे नहीं हटता था। ब्राह्मण एक ऐसा दानी था जोकि अपनी दान करने के लिए खुद ही गरीब हो गया था।
आपको बता देंगे सुमन ब्राह्मण सोचा था कि हम इतना ज्यादा दान करूंगा तो भगवान मुझे जरूर मदद करेंगे। लेकिन फिर भी काफी दिन बीत जाने के बाद उनका कोई पुत्र या पुत्री नहीं हुआ था। फिर भी वह हमेशा से भगवान के नाम पर दान करते आ रहे हैं। आपको बता दें कि सुमन ब्राह्मण की उम्र बहुत ज्यादा हो गई थी और वह बहुत ज्यादा बूढ़े हो चुके थे, उनके पास खाने-पीने के पैसे नहीं बचे थे।
आप उनसे किसी भी तरह का काम नहीं हो पाता था और और किनोवा तब भूख मारने की हो गई थी। तभी दूर गांव में ही किसी ने कहा कि एक सेट है जो कि ईमानदारी खरीदता है उसके बदले में वह सारा धन दौलत देता है। सुमन ब्राह्मण सोचा कि मेरे पास तो बहुत सारा ने किया है मतलब की बहुत सारा ईमानदारी है जिसे बेचकर हम कुछ ना कुछ खरीद लेंगे।
कंजूस सेठ की कहानी
वह ब्राह्मण उस सेठ के बारे में पता करता है और उसी सेठ के पास जाता है अपनी कुछ ईमानदारी भेजने के लिए। जैसे ही वह घर से निकलता है उसकी पत्नी ने चार रोटियां बना कर देती है कि रास्ते में अगर उन्हें भूख लगे तो खा उन्हें खा कर फिर आगे का रास्ता तय करें। जब वह ब्राह्मण कुछ दूर निकल जाता है तो पहाड़ी पर उन्हें एक तालाब मिलता है वह तालाब पर बैठ जाता है और उसे ताला पर आराम करने के बाद उसी तालाब में स्नान करता है। फिर वह ब्राह्मण अपनी वही चार रोटी निकालकर खाने लगता है तभी उसके सामने एक कुत्ता आ जाता है।
जैसे ब्राह्मण अपनी रोटियां खाने के लिए खोलिए ही थे कि एक कुत्ता उसके सामने आ जाता है और कहता है कि मेरे बहुत सारे बच्चे भूखे हैं क्या आप मुझे इन रोटियों को दे सकते हैं। ब्राह्मण उस कुत्ते को एक रोटी दे देता है एक रोटी खाने के बाद कुत्ता कहता है कि मुझे बहुत ज्यादा भूख लगी थी एक रोटी में मुझे कुछ नहीं होने वाला है। मुझे दूसरा रोटी भी चाहिए ताकि मेरा पेट भर जाए और उसके बाद ब्राह्मण दूसरा रोटी भी दे देता है और उसी तरह से उन्होंने दूसरा रोटी भी कुत्ते को खिला देता है।
सभी खाना कुत्ते को खिलाने के बाद वह भूखे ही आगे की तरफ चल बढ़ता है। आगे चलते चलते वह उस सेठ के पास पहुंच जाता है जो ईमानदारी को खरीद लेता था उसके बदले में उसे बहुत सारा धन दौलत दिया करता है। जब वह सेठ के पास पहुंचता है तो गरीब ब्राह्मण कहता है कि मेरे पास बहुत सारी ईमानदारी है क्या तुम मेरे लिए ईमानदारी खरीद कर मुझे कुछ पैसे दोगे।
Dharmik Kahaniya in Hindi pdf
उस सेठ की पत्नी बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी हुई चाहिए इसी कारण से वह लोगों की ने किया खुद से ही देख लिया करते थे। जैसे ही बुड्ढा बरामा उसके पास पहुंचता है वह अपनी पत्नी को कहती है कि जरा देख कर बताओ कि इनके पास कौन-कौन से ईमानदारी है। तभी उसकी पत्नी इस बात का आकलन करने लगती है इस ब्राह्मण के पास इसके पास कौन सी ईमानदारी किया है जो आप इसे खरीद सकते हैं।
तभी उसकी पत्नी ने कहा कि यह जो आज एक कुत्ते को 4 रोटियां खिलाई है, यह इमानदारी इनकी सभी ईमानदारी से बड़ी है अगर आप खरीदना चाहते हैं तो इनकी यही निकला इनसे खरीद लिए। तो भी सेठ ब्राह्मण को कहता है कि आप आज जो चार रोटी कुत्ते को खिलाई थी वही ने कि हम खरीदना चाहते हैं। वह बूढ़ा व्यक्ति कहता है कि ठीक है हम ही ने किया खरीद लीजिए और उसके बदले में आप मुझे जो चाहिए उसे देख सकते हैं। फिर सेठ ने उसकी इमानदारी के बदले में बहुत सारी धन-दौलत हीरे मोती निकाल रहे थे। तभी वह ब्राह्मण कहता है कि रहने दीजिए मुझे किसी प्रकार का कोई भी धन दौलत नहीं चाहिए ना ही महीने ईमानदारी को आपके पास भेजूंगा। उसके बाद वह सेठ कहता है कि ठीक है आपकी मना रही आपकी मर्जी आप भेजें या ना भेजें इसका फैसला आप कर सकते हैं।
Dharmik Kahaniya Hindi Mein
फिर वह जिस रास्ते से गया था उसे रास्ते से वापस आने लगता है रास्ते में वही तालाब दिखता है जहां पर उन्होंने रोटियां खाने के लिए रोटियां निकाला किया था। ब्राह्मण जब उस तालाब पर पहुंचता है। उन्होंने वहां से पत्थर के टुकड़े तथा बहुत सारी लकड़िया योगदान आप के किनारे पड़ा हुआ था उसे अपनी रुमाल में बांध लेता है और घर लेकर चला जाता है। घर देते हैं उन्होंने अपनी पत्नी से कहता है कि यह लो हीरे मोती को इसको सही से रखो।
लेकिन उनकी पत्नी को हीरा मोती देखना बहुत जरूरी हो गया था क्योंकि उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। जैसे ही ब्राह्मण किसी काम से बाहर घूमने के लिए जाता है वैसे ही उसे पत्नी रुमाल को खोलकर देखने का प्रयास करती है। जैसे वह उस रुमाल को खोलती है और देखती है तो वह आश्चर्यचकित रह जाती है क्योंकि उसने बहुत सारे हीरे मोती इत्यादि इत्यादि महंगे महंगे सामान थे।
जैसा की आप सभी को पता होगा कि ब्राह्मण ने तालाब के किनारे से बहुत सारी पत्थर तथा वहां पड़े पत्थर के टुकड़े को उठा लिया था और अपने रुमाल में बांध लिया था। लेकिन घर आने के बाद वह पत्थर हीरा मोती तथा कीमती सामान कीमती सामान में बदल गया था। जैसे ही ब्राहमण घर आता है उसकी पत्नी कहती है कि इस रुमाल में तो बहुत सारे हीरे मोती हैं आपने कौन सी ने किया उनके पास भेजती है जो आपको इतना सारा हीरा मोती मिला है।
यह बात सुनकर ब्राह्मण को अपने बीवी की बात पर यकीन नहीं होता है वहां कहता है कि जाओ रुमाल लेकर आओ हमें देखेंगे इसमें क्या है। पत्नी जाती है और रुमाल लेकर आती है जब ब्राह्मण रुमाल को खोल कर देखता है तो वह स्त्री सच बताया जाता है कि उसमें बहुत सारे हीरे मोती रखे हुए थे। अब होगा वही हीरे मोती का इस्तेमाल करके बहुत ज्यादा अमीर हो जाता है और अपने घर आता था परिवार का पालन पोषण कर देता है।
गरीब ब्राह्मण और सेठ की कहानी से हमें क्यों सीखने को मिलती है?
इस धार्मिक कहानी से हमें यह सीख सीखने को मिलती है कि हमें अपने किसी भी गुणों को नहीं भेजना चाहिए। और हमारे द्वारा किया गया कोई भी अच्छा कार्य हमें वापस इसका फायदा जरूर मिलता है।
गरीब ब्राह्मण और सेठ की कहानी का निष्कर्ष
आज की एक Story in Hindi मैं हम लोग गरीब ब्राह्मण और सेठ की कहानी का पाठ किया है। उम्मीद है कि आप सभी लोगों को StoryHindi.net द्वारा जारी किया गया Hindi Story आप सभी लोगों को बहुत पसंद आया होगा। क्योंकि हम अपनी वेबसाइट पर तरह तरह की कहानियां को प्रकाशित करते हैं। यदि आपको भी इस तरह की कहानियां पसंद है कृपया करके हमारे वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर जरूर विजिट करें यहां आपको बच्चों के लिए प्रश्न दायक कहानियां तथा और भी मोरल कहानियां हिंदू-मुस्लिम कहानियां मतलब की धार्मिक कहानियां उपलब्ध है।
FAQ for Dharmik Hindi Kahaniya
-
गरीब ब्राह्मण की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
गरीब ब्राह्मण की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने बाकी पर यकीन करना चाहिए।
-
ब्राह्मण सेठ के पास क्या करने जाता है?
ब्राह्मण सेठ के पास अपनी ईमानदारी बेचने के लिए जाता है।
-
ब्राह्मण जाते समय कौन सा नेक कार्य करता है?
ब्राह्मण जाते समय रास्ते में हुआ एक कुत्ते को अपनी रोटियां खिला देता है।
-
ब्राह्मण को उसकी इमानदारी अमर्त्य क्या मिलता है?
ब्राह्मण को उसकी ईमानदारी चाहिए कारण उन्हें बहुत सारी मांगे मांगे सामान तेरे के हीरा मोती सोना चांदी इत्यादि भी मिलता है।