गरीब की दिवाली की कहानी – Moral Hindi Kahaniyan 2024

Hindi Story : आज के इस हिंदी कहानी की गरीब की दिवाली की कहानी हिंदी कहानी के बारे में जानने वाले हैं। जैसा अपने आप सभी को पता होगा कि आजकल के जमाने में हमारे बच्चे तथा स्कूल की उसे बड़े-बड़े विद्यालय में भी Hindi Story, Hindi Kahaniyan, Story in Hindi, Manohar Kahaniyan, Moral Stories in Hindi पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है

जैसा कि आप सभी को पता होगा कि आजकल के बच्चों को उनकी बुद्धि की उत्पत्ति तथा उनके मस्तिष्क की विकास के लिए नई-नई कहानियां नई-नई सीख देने वाली कहानी छोटे-छोटे कहानी पढ़ने की जरूरत पड़ती है।

आई अब हम लोग इस दिवाली के शुभ अवसर पर गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी के बारे में जानते हैं और उसे पढ़कर कुछ सीखने का प्रयास करते हैं। क्योंकि बच्चे तथा पढ़ो चाहे कोई भी हो उसके जीवन में सीखने की कला को कभी भूला नहीं चाहिए।

गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी

किसी गांव में एक परिवार बहुत ही ज्यादा गरीब समुदाय से आते थे। वह अपने जीवन यापन किसी तरह से मजदूरी करके किया करते थे। त्योहारों का सीजन चल रहा था दुर्गा पूजा खत्म हो गया था और आने वाली दिवाली काली पूजा और छठ पर्व की तैयारी हो रही थी।

गरीब की दिवाली की कहानी - Moral Hindi Kahaniyan

जहां पूरे शहर भर में बड़े-बड़े त्योहार के लिए बड़ी-बड़ी तैयारी हो रही थी ठीक उसी समय उनके घर में कुछ ज्यादा पैसे ना होने के कारण परिवार की कोई भी तैयार या नहीं हो रही थी।

क्योंकि वह एक बहुत ज्यादा गरीब परिवार से आते थे जिस कारण से उसके पास कुछ ज्यादा पैसे नहीं थे जिस कारण से बोलते हैं और मैं अपनी मनपसंद की तैयारी नहीं कर पा रहा था। दूसरे दिन बेटी जा रही थी त्यौहार नहीं थी आ रहा था उनके घर वाले मतलब उसके घर में चार फैमिली लोग रहते थे जिसमें की माता-पिता और एक भाई और एक बहन रहते थे।

दिवाली की कहानियां

भाई का नाम सूरज था और बहन का नाम सरोज था। उन दोनों में से सरोज जो कि उसकी बहन थी वह बड़ी थी और घर की पूरी जिम्मेवारी उसी के हाथों में थे। ऐसे में उन्हें यह सोचने पर मजबूर हो गया कि उनके घर में त्योहारों से जाना रहा है उनके घर में तैयार या किसी तरह से होगी। फिर उनकी बहन ने दिमाग लगाया कि मैं दिवाली के शुभ अवसर पर मिट्टी के नए-नए तथा आकर्षक डिजाइन वाली जलने वाले दिए बनाकर मार्केट में भेजूंगा और फिर उसी पैसे से अपने घर के घर से तथा त्यौहार में लगने वाली चीजों को लेंगे।

ऐसे ही धीरे-धीरे दिन भी बता गया और दिवाली काफी नजदीक आ गई थी मतलब की दिवाली आने में मार्च एक सप्ताह ही बाकी था वह लड़की मतलब की सरोज नए-नए आकर्षक जलने वाले दिए बनवेट हैं और मार्केट में जाकर बेचने का प्रयास करती है।

लेकिन ऐसा कि आप सभी को पता होगा कि आजकल की हमारे भारत की मार्केट में भी नए-नए प्रकार के तथा टेक्नोलॉजी के ऊपर निर्भर हो गए हैं और चीनी सामानों का उपयोग करते हैं। ऐसे में आप सभी को यह पता होगा कि लोग अपने घरों में नए-नए जानवर लाइट जलाने का प्रयास करते हैं और नए-नए रंगीन बल्ब जलाने का प्रयास करते हैं। लेकिन जो हमारा प्राकृतिक मिट्टी का दिया होता है उसे बहुत कमी लोग इस्तेमाल करने लगे हैं।

Short story on Diwali in Hindi

उसके बाद उसकी बहन सरोज मार्केट में रोज जाती थी दिया बचने के लिए लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही थी। धीरे-धीरे त्यौहार में नजदीक आ रहा था उसके घर का खर्च चलाने के लिए पैसे भी नहीं हो पा रहे थे उसके दिए बेचकर कमाने से है।

ऐसे में दोनों भाई-बहन सूरज और सरोज कोई यह चिंता सताने लगे थे कि उनके आने वाली जीवन में बढ़ाने वाले त्योहारों में घर का खर्चा कैसे चलेगा।

1 दिन की बात है जब वह सड़क किनारे मार्केट में दिया का दुकान लगाकर बेच रही थी तो एक बच्चा उसके सामने वाली रोड में गुजर रहा था और आगे से गाड़ी बहुत ही स्पीड से आ रही थी। जैसे ही सरोज देखी है कि वह बच्चा धीरे-धीरे चल रहा है और गाड़ी बहुत स्पीड से आ रही है तो देखी है कि बहुत बड़ा एक्सीडेंट होने वाला था।

सरोज दूर से ही यह सब कुछ मन ही मन देख रही थी और दुखी हो रही थी लेकिन गाड़ी की स्पीड कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी जिस कारण से गाड़ी बच्चों के नजदीक पहुंचने वाले थे कि सरोज दौड़ कर जाती है उसे बच्चों को बचा लेती है।

सरोज जैसे ही बच्चे को बचाती है वह अपने पास वाले बच्चों को अपने दुकान पर ले जाती है। उधर से उसे बच्चे के मां-बाप जो की काफी ज्यादा बड़े खानदान से ताल्लुक रखता था वह आते हैं दवाई और अपनी बच्ची को देखते हैं कि वह सुरक्षित है। तभी आसपास के लोग उन्हें बताते हैं कि आपकी बेटी तो अभी बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो जाता है लेकिन भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि यह लड़की सरोज आई है उसे बचा लिया।

Diwali ki kahani in Hindi

उसके बाद हुआ बच्चा भी अधूरा कर बोलता है कि अपने माता-पिता से किया गया आज नहीं आती तो हमारा बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो जाता। यह सुनकर उसके माता-पिता उसे लड़की को धन्यवाद कहते हैं और बहुत खुश होता है वह लड़की परिवार के लिए पहले से ही चिंतित थी।

आप सभी को बता दें कि जो आदमी अपने बच्चों को लेने के लिए आया था वह साथ में सरोज को भी मान सम्मान देने के लिए अपना घर लेकर गया था। वह व्यक्ति अपने घर ले जाकर कर उसकी काफी ज्यादा मान सम्मान दिया खाना खिलाया अच्छा-अच्छा व्यंजन खिलाया और फिर उसके बाद उन्हें बहुत सारी पैसे भी दिए इनाम के तौर पर।

गरीब की दिवाली की कहानी - Moral Hindi Kahaniyan

क्योंकि वह व्यक्ति जिसकी बेटी का एक्सीडेंट होने वाला था वह काफी ज्यादा बड़ा आदमी था और पैसा उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी। लेकिन उसके भी पूरी दीवार कर उसको पैसे की काफी जरूरत थी जिस कारण से हुआ मार्केट में अपना काम कर रही थी।

Diwali kahani in Hindi

अब तो सरोज के पास भी काफी ज्यादा पैसे हो गए थे ही राम में लगभग उसे₹100000 मिले थे। जिसको आप ने जगत के समान के लिए खरीदारी करने गया और उसका त्यौहार खुशी-खुशी अपने परिवार वालों के साथ मनाया गया था।

गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने लक्ष्य के ऊपर सीधा खड़ा रहना चाहिए और ईमानदारी को अपने जीवन में लाना चाहिए। अगर जीवन में हमारे ईमानदारी है और सच्चाई है और कठिन कार्य करने की हिम्मत है तो हमें कोई भी आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता है।

गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी के बारे में

आज की हिंदी कहानी तथा मोरल कहानियां इन हिंदी या स्टोरी इन हिंदी की इस कहानी में हम लोग गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी के बारे में जान रहे थे और पढ़ रहे थे। हमें उम्मीद है कि यह कहानी पढ़ कर आप लोगों को काफी ज्यादा मनोरंजन तथा अच्छा सीख मिला होगा।

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FAQ for गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी
  1. दिवाली की कहानी उसे आप क्या समझते हैं?

    दिवाली मतलब की गरीब की दिवाली की कहानी की कहानी से मैया सीख मिलती है कि हमें अपने जीवन में सदा कठिन कार्य को करने से पीछे नहीं रखना चाहिए।

  2. इस कहानी में सरोज पैसे का उपयोग कहां करने वाली थी?

    सरोज अपने परिवार के लिए पैसे इकट्ठा करना चाहती थी ताकि आने वाली इस त्योहार में उसका उपयोग कर सकें।

  3. दिवाली त्योहार किसे कहते हैं?

    दिवाली का मतलब रोशनी वाला त्यौहार कहां जाता है जिसमें हम नए-नए प्रकार के झालर लाइट तथा तरह-तरह के आकर्षण मिट्टी के दिए भी जलाए जाते हैं।

  4. हिंदी कहानी में क्यों पढ़नी चाहिए?

    हिंदी कहानी हमें काफी ज्यादा सीख सिखाने के लिए प्रोत्साहित करती है और छोटी-छोटी कहानी में ज्यादा सबक सिखाने को मिलता है।

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