आज के इस नैतिक कहानियां में हम लोग गरीब इडली चाय वाले की सफलता की कहानी के बारे में जाने वाले हैं। बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानियां हो सकती है क्योंकि इसमें बहुत सारे नैतिक शिक्षा बताई गई है। Hindi Kahaniyan कि इस लिस्ट में आज हम लोग गरीब की सफलता की कहानी। और उससे संबंधित सभी प्रकार की बातों के बारे में जानेंगे।
अब हम लोग आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस कहानी में हमें क्या सीखने को मिलती है। हम आपको बता देंगे स्टोरी हिंदी डॉट नेट एक प्रकार का मोरल कहानियां का संग्रह है इसमें बहुत सारी कहानियां लिखी गई है। जिसको प्रशंसकों के मनपसंद को ध्यान में रखते हुए नहीं है। इसने साइट पर Love Story in Hindi में शामिल है जो कि अभी बहुत ज्यादा प्रचलित है।
गरीब इडली चाय वाले की सफलता की कहानी
बहुत पुराने जमाने की बात है एक गांव में रामू नाम का व्यक्ति रहता था। वह अपने साथ अपने बेटा और अपनी पत्नी के साथ रहा करता था। वह एक प्रकार का कुम्हार था जो मिट्टी के बर्तन ज्यादा बनाया करता था। वह हमेशा जब सुबह उठता था तो सुबह से ही शाम तक मिट्टी के बर्तन का काम किया करता था।
लेकिन फिर भी उन्हें ज्यादा का फायदा नहीं हो पाता था क्योंकि जैसे-जैसे जमाना अपडेट हो रहा था। वैसे वैसे वैसे लोग मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल कम करने लगे थे। 1 दिन की बात है जब उसकी पत्नी रामू को मिट्टी के बर्तन बनाते हुए देखती है कहती है कि यह मिट्टी का बर्तन बनाने से क्या फायदा होता है यह तो बिकती भी नहीं है। तू भी रामू करता है कि मेरा तो काम ही यही है मैं कैसी राम को छोड़ सकता हूं।
संघर्ष से सफलता की कहानी
तभी उसकी पत्नी कहती है कि आजकल मिट्टी के बर्तन बुला लेता कौन है जो आप इतनी मेहनत करके दिन रात मिट्टी के बर्तन बनाते रहते हैं। तभी रामू कहते हैं कि मेरा जो काम है वह हमें अपना काम तो करता ही रहूंगा बाकी लोगों की मर्जी अब मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करें या ना करें। रामू का एक छोटा बेटा था जिसका नाम महेश था।
महेश जो भी स्कूल से पढ़ाई करके आता था तो वह अपने पिताजी से ज्यादा ताकि मुझे भी मिट्टी का बर्तन सिखाओ मतलब कि मुझे भी मिट्टी का बर्तन बनाना सिखाओ मैं भी आगे से अच्छी-अच्छी मूर्तियां तथा मिट्टी के बर्तन इत्यादि बनाया करूंगा।
ऐसे करते करते काफी दिन बीत जाता है लेकिन उस मिट्टी के बर्तन से उन्हें कुछ ज्यादा फायदा नहीं होता है। तभी उनकी पत्नी कहती है कि यह काम करने से आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है। मेरे भाई ने मुझे कुछ रुपए दिए हैं यह लिली और जाकर मार्केट में स्कूल के बगल में कोई चाय का दुकान खोल लीजिए। अभी रामू कहता है कि नहीं-नहीं इन रुपयों की कोई जरूरत नहीं है मैं किसी प्रकार का कोई भी चाय की दुकान नहीं खोलने वाला हूं।
सफलता की कहानी इन हिंदी पीडीएफ
फिर भी थोड़े दिन बाद पत्नी समझा-बुझाकर रामू को चाय की दुकान खुलवाने के लिए राजी कर लेता है। रामू स्कूल के पास एक दुकान भाड़े पर लेता है और वहां पर एक अच्छी सी चाय की दुकान खोलता है। लेकिन चाय की दुकान पर कुछ दिन काम करने के बावजूद भी उन्हें ज्यादा कस्टमर नहीं मिल पाते थे और वह हमेशा चाय की दुकान पर ही रहता था लेकिन किसी प्रकार का कोई ग्राहक जल्दी उसके दुकान पर नहीं आता था। क्योंकि अगल-बगल में और भी बहुत बड़े-बड़े होटल रेस्टोरेंट दादा फाइव स्टार होटल था इसमें चाय बहुत अच्छी मिलती थी। चाय तो छोटे होटल में ही अच्छा मिलता है लेकिन बात लोगों की खरीदारी की होती है उन्हें बड़े-बड़े होटलों में तथा महंगे सामान खरीदने की शौक होता है।
ऐसे में रामू की दुकान में स्कूल का कोई बच्चा है या तो कोई भी वहां के नागरिक उसकी दुकान पर चाय पीने पहुंचाए के रूप में नहीं आया करता था। ऐसे ऐसे कुछ दिन बीत जाने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि तुम बोली थी कि चाय की दुकान खोल लो लेकिन अभी तक कोई ग्राहक आता ही नहीं ना ही मेरी कोई आमदनी होती है उस चाय की दुकान से है।
रामू का बेटा महेश मिट्टी के बर्तन बनाने सीखने के लिए पिता से जीत करने लगा रहा हूं 1 दिन रामू ने अपने बेटे महेश को कहा कि चलो आज मैं मिट्टी के बर्तन बनाने की कला सिखाता हूं। रामू अपने बेटे महेश को मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को सिखाने लगता है। लेकिन उनका बेटा सीखने में अधिक टाइम लगाता है और कुछ ना कुछ अजीब तरह की डिजाइन निकालता था।
सफलता की कहानी कैसे लिखें
महेश के पिता जी उन्हें छोड़कर किसी काम से बाहर चला जाता है तभी महेश अपने मन से मिट्टी के बर्तन लगा बनाने लगता है। तभी महेश एक अजीब सा चाय पीने की प्याली बनाता है इसका आकार बिल्कुल इडली है जैसा हुआ करता था। अचानक डिजाइन बनने के कारण बहुत खूबसूरत देता था।
1 दिन के बाद है राम हो महेश की बनाई हुई उस अनोखी इडली जैसे दिखने वाली प्याली को अपनी दुकान वाले जाता है और ले जाकर वही रख देता है। कुछ देर बाद बहुत सारे बच्चे वहां से गुजरते हुए देखते हैं कि इटली के आकार का पानी रखा है। भी बहुत सारे बच्चे स्कूल जाने वाले छात्र-छात्रा रामू से पूछता है कि अंकल क्या आप इडलीवाले प्याली में चाय बेचते हैं या इडली वाला चाय बेचते हैं। तो भी हम कहते हैं कि नहीं है यह एक अनोखी प्रकार का प्याली है जिसने में इडली के प्रकार का चाय बेचा करता हूं।
फिर सभी लोगों ने एक-एक करके हो सके डिलीवरी आकार वाला बर्तन में चाय पिया। उस बर्तन में चाय जाने के बाद चाय का स्वाद ही बदल जाता था वह बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट लगता था। महज 1 सप्ताह के अंदर रामू की दुकान बहुत ज्यादा शोर हो जाता है कि वहां पर इडली वाली चाय मिलती है। अब तो बहुत दूर-दूर से रामू के शेयर की दुकान पर लोग आते हैं और इडली वाला चाय पिया करता था। ऐसे में रामू शहर में काफी ज्यादा शोर हो चुका था और सभी लोग उनके दुकान पर चाय पीने के लिए आया करते थे इस कारण से उसकी इनकम भी अब बहुत ज्यादा होने लगे थे।
पिता मन ही मन मुस्कुराता है और महेश को कहता है कि बेटी तुम्हारी वजह से आज हम सब इतने अच्छे मुकाम पर पहुंच गए हैं। राम की पत्नी कहती है देखा मेरे बेटे का कमाल मैं शुरू से ही जानता था कि मेरा बेटा कोई ना कोई अच्छा काम जरूर करेगा ना होला अब रामू का होटल बहुत बढ़िया जान लेना था वह धीरे-धीरे और भी सामान रखा और भी डिजाइन के बर्तन बनाने करता था जैसे लोगों को चाय बेचा करता था।
सफलता की कहानी हिंदी
उस दिन के बाद से रामू उनके बेटे महेश तथा उनकी पत्नी एक साथ मिलजुल कर काम करते थे। रामू जब भी अपना दुकान से घर आता था तो वह रात में कुछ टाइम निकाल कर तरह-तरह के डिजाइन की मिट्टी के बर्तन बना लिया करता था। साथी इस काम में उनकी मदद उनके बेटे महेश या करता ज्यादातर क्योंकि इस तरह की डिजाइन बनाने की कला की शुरुआत महेश ने ही किया था।
इडली वाले की सफलता की कहानी का निष्कर्ष
आज की हिंदी कहानी में हम लोग चाय वाले की सफलता की कहानी के बारे में जान रहे थे। इस कहानी में हमें यह सबक मिलता है कि हमें अपनी पैसा आता था अपने अंदर की कला को कभी छिपाना नहीं सही है। चाहे जितना भी लोग नाकामयाब करने की सोची लेकिन अपनी कला और मन से किया गया कार्य हमेशा अपने मन को संतुष्टि देता है।
एक कहावत है कर भला तो हो भला और अपने अंदर के किसी भी गुणों को छिपाने की बिल्कुल भी प्रयास ना करें। यह कहानी और सभी छात्र-छात्राओं के लिए बेहद ही खास प्रेरणादायक हिंदी कहानी है जो लोग अभी पढ़ाई कर रहे हैं। अगर स्टोरी hindi.net की कहानी आपको पसंद आती है तो कृपया करके नीचे शेर वाले बटन पर क्लिक करके इसे अपने दोस्तों के साथ अपने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें।
FAQ इडली वाले की सफलता की कहानी
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इडली वाली की सफलता की कहानी से आप क्या समझते हैं?
इस कहानी में नया सबक मिलता है कि हमें अपने अंदर के गुणों को कभी भी छुपाना नहीं चाहिए ना ही मुझे कम करना चाहिए।
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रामू को चाय की दुकान खोलने के लिए कितने पैसे दिए थे?
रामू को चाय की दुकान खोलने के लिए उनके पत्नी ने कुछ पैसे दिए थे जो कि उसके भाई ने उसे दिया था।
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रामू ने मिट्टी बर्तन के काम छोड़कर कौन सा काम चालू किया था?
रामू ने मिट्टी के बर्तन का काम छोड़कर चाय वाली दुकान का काम करने लगा था।
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महेश किस प्रकार की अनोखी बर्तन बनाई थी?
महेश इडली जैसी आकार की एक बर्तन बनाए थे जो बहुत ही ज्यादा फेमस हो चुके थे बाद में।