कुल्फी खाने आए गणेश | Dharmik Kahaniyan

Story in Hindi: आज की इस हिंदी स्टोरी में हम लोग कुल्फी खाने आए गणेश धार्मिक कहानियाँ जैसे कि भगवान शिव जी की कहानियाँ तथा भगवान गणेश जी की कहानियाँ के बारे में जानने वाले हैं। जैसा की आप सभी को पता होगा कि हमारे भारतवर्ष में एक धार्मिक कहानियाँ बहुत ज्यादा चलती है जो भगवान और धार्मिक से संबंधित होते हैं।

आज के इस Hindi Story में धार्मिक कहानियाँ के साथ-साथ गणेश जी की कहानियाँ भगवान शिव जी की कहानियाँ इत्यादि कहानियाँ समेत शिक्षाप्रद धार्मिक कहानी, धार्मिक कहानियां बच्चों के लिए, ईश्वर पर विश्वास की कहानी, 25 Dharmik Kahaniyan तरह तरह की कहानियों के बारे में भी जाने वाले हैं।

घर में कहानियाँ पढ़ने से हमारे जीवन में बहुत ज्यादा बदलाव रखते हैं तथा हमारे बच्चे को उधार पर कहानियाँ जरूर से जरूर पढ़नी चाहिए। आपको बता दें कि धार्मिक कहानियाँ पढ़ने से मन में बहुत शांति होती है तथा भगवान शिव की कहानियाँ भगवान श्री गणेश की कहानियाँ दुर्गा जी की कहानियाँ तथा जितने भी भगवान सभी की कहानियाँ कुछ ना कुछ सीखने को मिलते हैं।

ऐसे में हम सभी को Dharmik Kahaniya प्रत्येक दिन एक न एक जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि इन कहानियों में बहुत ज्यादा सबक होते हैं। कहानियाँ हमेशा बुद्धि के विकास तथा ज्ञानवर्धक कहानियाँ तथा रोचक कहानियाँ और मोरल कहानियाँ बच्चों के विकास के भविष्य के लिए सबसे बेहतर माना जाता है।

कुल्फी खाने आए गणेश – Dharmik Kahaniyan

कुल्फी खाने आए गणेश

एक गांव में अमन नाम का व्यक्ति एक कुल्फी का कारोबार किया करता था। अमन हमेशा से ही बाजार जाता है दूध और मेवा ले आकर घर में वह अपनी पत्नी जिसका नाम सुधा थी उसी से अपना सारा काम तो की कुल्फी बनाने का कार्य करवाया करता था।

आपको पता है देखिए अमन और सुधा की एक प्यारी सी बेटी थी जिसका नाम अनीता है। अनीता पढ़ने लिखने में काफी तेज है और वह अपने मां-बाप के काम में हाथ बनाने में बहुत ज्यादा अच्छी थी।

शाम में अमन मार्केट से सामान लेकर आता था और पत्नी उसकी हिंदी था सभी मिलकर कुल्फी बनाया करती थी। फिर उसे बेचने के लिए मार्केट जाने के लिए तैयार करती थी और फिर अमन अगले सुबह मार्केट में कुल्फी को बेचने के लिए जाया करता था।

अमन के जिंदगी इसी तरह से बिल्कुल भी अच्छी तरह से चल रहे थे लेकिन उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ आता है। एक दिन की बात है अमन का दोस्त अमन के घर में आता है और सुधा से कहता है कि भाभी भाभी अमन का एक्सीडेंट हो गया है।

शिक्षाप्रद धार्मिक कहानी

उसकी तबीयत भी बहुत खराब है बहुत ज्यादा चोट आई है फोन बहुत ज्यादा निकल रही है। मैंने उसे हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया है अच्छा होगा कि आप लोग जाकर उससे मिलने है। सुधा और उसकी बेटी सुनीता जब वह अपने पापा से ले ले जाती है तो वह देखती है कि उसके पापा की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है।

सुधारो अपनी बेटी को देखकर अमन कहता है कि मेरी हालत बहुत ज्यादा खराब है मुझे नहीं लगता कि मैं जाना दिन जिंदा रह पाऊंगा। आ गया मन कहता है कि मेरी बेटी सुनीता को अच्छी तरह से पढ़ाई करवाना और उसे एक अच्छा ऑफिसर बनवाना।

इतना कहते ही अमन इस दुनिया से विदाई ले लेता है और वह हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर लेता है। यह देखकर सुधा और उसकी बेटी की हालत खराब हो जाती है वह बहुत ज्यादा रोने लगती है।

क्योंकि अमन और सुधा तथा उनकी बेटी बाहर शहर में रहता था। लेकिन वह अपने काम करने के कारण गांव में ही आ गया था वही अपना कुल्फी बेचने का कारोबार किया करता था। ऐसे में अब सुनीता को यह डर सताने लगा कर हम उसका घर का रोजी रोजगार तथा पालन पोषण कैसे होगा।

सुधा सोचती रहती थी कि आगे की जिंदगी क्या होगी उसकी बेटी की पढ़ाई कैसे होगी। सोचते सोचते एक दिन उसकी बेटी अनीता कहती है कि मम्मी आपको तो कुल्फी बनानी आती है क्यों ना हम लोग दोनों मिलकर खुशी बनाएंगे और मुझे मार्केट में भेज दिया करेंगे।

यह सुनकर उसकी मां सुधा कहती है कि कुर्सी बनाने के लिए तो बना लूंगी लेकिन उसमें लगने वाले सामान और दूध का इंतजाम कैसे हो पाएगा। क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं मार्केट जाकर दूध और मेवा खरीद सकूं। उसके साथ ही साथ सुधा कहती है कि तुम्हारे पापा रहते थे तो इसे मार्केट में जाकर तथा गांव में जाकर घूम लूंगा बेचने का काम करता था।

धार्मिक कहानियां बच्चों के लिए

तभी उसकी एक नन्ही सी बेटी सुनीता कहती है कि मैं मार्केट में जाकर दूध उधार ले आऊंगा तथा साथ में दूध और मेवा भी उधार ले आऊंगा अगले दिन जब भी मैं आइसक्रीम बेचकर मतलब की कुल्फी बेच कर पैसा होगा उसकी उधार की रकम दूंगा।

उस्मानपुरा विमान जाती है अगले ही दिन छोटी बच्ची सुनीता जाती है दूध वाले के यहां उधार मांगने के लिए। लेकिन दूध वाले उसे उधार दूध देने से मना कर देते हैं वह मन उदास होकर वापस घर आ ही रही होती है।

रास्ते में उसे एक लड़का मिलता है और कहता है कि बहन कहां जा रही काफी उदास लग रही हो। उसी में सुनीता कहती है कि हां मैंने तो दूध वाले के यहां उधार मांगने गया था ताकि कुल्फी बनाकर उसे बेचकर मैं अपना जीवन यापन कर सकूं लेकिन दूधवाले ने मुझे उधार देने से मना कर दिया है।

साथ ही साथ सुनीता ने उस दूध वाले की पूरी कहानी कथा अपनी पूरी कहानी बताइए। उसके बाद वह लड़का कहता है कि अगर तुम्हें कोई दिक्कत नहीं है तो मेरे पास बहुत दूर है और मेवा भी है अगर तुम्हें जरूरत है तो उसे उधार के तौर पर ले जा सकते हैं। जब भी तुम्हारी दूध और कुल्फी बन जाती है उसकी बिक्री हो जाती है जब पैसे आ जाएंगे तो मुझे लाकर दे देना।

उसके बाद वह लड़का कहता है कि मैं रोज यही पर मिलूंगा तुम्हें जब भी किसी चीज की जरूरत पड़ेगी दूरियां मेवा लेने की तुम यहीं पर आ जाना। वह लड़की रोजाना दूध और मेवा लेने के लिए उसी लड़के के पास आया करते थे।

जब पूरी बिक्री हो गई थी उसके बाद उसके पास पैसे आ गए थे और पैसे देने के लिए जब सुनीता उस लड़के के पास जाती है तो लड़का कहता है कि कोई बात नहीं मेरे पास पैसे तो है तुम्हारे पास नहीं है रख लो तुम्हारे काम आएंगे।

ईश्वर पर विश्वास की कहानी

सुधा और उसकी बेटी का जीवन यापन बिल्कुल अच्छी तरह से चल रहा था। क्योंकि कुल्फी बेचने का बिजनेस है उसका बहुत ज्यादा अच्छी तरह से चलने लगा था। अब उसके घर में किसी प्रकार की कोई भी दिक्कत नहीं हो रही थी।

एक दिन की बात है सुनीता जहां से दूध लाते थे उसी जगह तथा उस लड़के से मिलने के लिए उसकी मां सुधा कहती है कि आज मैं भी तुम्हारे साथ जाऊंगी देखने के लिए। तभी सुनीता के साथ उसकी मां दूध लेने के लिए निकल पड़ती है लेकिन वहां जहां वह लड़का मिलता था वहां पहुंचती है सुनीता उसकी मां तो देखती है कि वहां कोई भी नहीं है।

कुल्फी खाने आए गणेश

दोनों मिलकर पूछते वहां इंतजार करते हैं लेकिन वह लड़का नहीं आता है। वह दोनों था खाकर घर चला जाता है और दोनों फिर कुल्फी बेचने के लिए मार्केट जाकर आता है।

दोनों थक हार कर आने के बाद अपने घर में खाना पीना खा कर सो जाते हैं। रात के सपने में सुनीता के सपने में वह लड़का आता है और कहता है कि तुम बहुत ज्यादा परेशान लग रही हो। तभी सुनीता कहती है कि मैं आपसे मिलने के लिए तथा मेरी मां आपसे मिलने के लिए गए हुए थे लेकिन आपने आया ही नहीं है।

तभी वह लड़का रहता है कि मेरे पिताजी ने मुझे कोई और काम बता दिया था इसी कारण से मैं वहां नहीं जा पाया था। तभी वह छोटी बच्ची सुनीता कहती है कि कौन है आपके पापा मुझे मेरे बाद भी मुझे देखने की इच्छा है।

Dharmik short story in Hindi

उसके बाद सुनीता के सपने में उसी लड़के के पिताजी के रूप में भगवान शिव से प्रकट हो जाते हैं। और फिर वही लड़का भगवान गणेश बन जाते हैं और कहते हैं कि यह देखो यह मेरे पिताजी है इन्हीं ने आपकी मदद करने के लिए कहा था।

सुनीता या देखकर बहुत ज्यादा खुश हो जाती है और अचानक उसकी नींद टूट जाती है वह जल्दी-जल्दी अपनी मां को उठाती है और सारी बात बताती है। तभी उसकी मां कहती है कि हां मुझे भी यह सपना कई बार आया है। फिर उसके बाद से भगवान श्री और भगवान श्री गणेश की कृपा उस परिवार तथा सुधा और सुनीता पर हमेशा से ही बनी रही है।

उसका कुल्फी का विनर बहुत ज्यादा चल रहा था दिनों दिन वह तरक्की कर रही थी उसका बहुत सारा ब्रांच शहर तथा गांव में खुल चुके थे। अब तो सुनीता एक और पति बन चुकी थी लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई बंद नहीं किया था। सुनीता अपनी मेहनत के दम पर आईएएस एग्जाम को क्लियर किया है और एक आईएएस ऑफिसर बन गया।

धार्मिक कहानियाँ हिंदी में का निष्कर्ष

आज की इस Story in Hindi में आप सभी को धार्मिक कहानियों के बारे में बताया गया है। उम्मीद है कि हमारे सिर पर जारी किया गया हिंदी कहानियाँ आप सभी लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा होगा।

क्योंकि इस कहानी में हम लोगों ने गणेश जी की कहानियाँ के साथ-साथ हम भगवान से भी कहानियाँ तथा धार्मिक कहानियाँ भगवान की पौराणिक कथाएं, dharmik kahaniya in Hindi pdf, dharmik story in english, dharmik short story in Hindi इत्यादि कहानियों को भी हमने इस लेख में शामिल किया है।

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FAQ for Dharmik Kahani
  1. अमन अपनी जिंदगी में कौन सा काम करता था?

    अमन पुरी लाइव कुल्फी बेचने का काम किया करता था।

  2. हम उनको मजार जाते वक्त किस प्रकार का हादसा हुआ था?

    हम उनको किसी कार वाले ने उसके चेहरे पर जोरदार टक्कर मारा जिस कारण से हम उनकी मृत्यु हो गई थी।

  3. धार्मिक कहानियों का क्या तात्पर्य है?

    धार्मिक कहानियाँ हम सभी के जीवन में काफी ज्यादा मायने रखती है क्योंकि धार्मिक कहानियाँ में हमें बहुत ज्यादा सीखने समझ गई की शक्ति मिलती है।

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