शिव बने किसान स्टोरी इन हिंदी – धार्मिक कहानी हिंदी में

Hindi Kahaniyan : शिव बने किसान कि इस धार्मिक कहानी में आप सभी का स्वागत है, आज के इस लेख में हम लोग जानेंगे कि किस प्रकार से भगवान शिव ने एक किसान की मदद की और उनकी जिंदगी बदल दी। इस स्टोरी का शीर्षक है शिव बने किसान स्टोरी इन हिंदी धार्मिक स्टोरी इन हिंदी।

कहानी चाहे कोई भी हो हर कहानी में हम लोगों को कुछ ना कुछ सीख मिलती है इसी कारण से हम लोग रोज इंटरनेट पर नहीं-नहीं कहानियां पढ़ने के लिए आते हैं। वैसे ही एक वेबसाइट है StoryHindi.net जिस पर बहुत सारी कहानियां उपलब्ध है पढ़ने के लिए। यहां आपको Story in Hindi, Short Stories in Hindi, Moral Stories in Hindi, Love Story in Hindi, Hindi Kahaniyan बहुत बड़ी लिस्ट है उसमें से आप तरह-तरह की नई नई कहानियां का मजा ले सकते हैं।

शिव बने किसान स्टोरी इन हिंदी – Dharmik Stories

शिव बने किसान स्टोरी इन हिंदी
शिव बने किसान स्टोरी इन हिंदी

बहुत पुराने दिनों की बात है एक गांव में शिवराम नामक एक आदमी अपनी पत्नी के साथ रहा करता था। वैसे तो शिव राम एक किसान था लेकिन उस साल उस गांव में बारिश ना होने के कारण सभी किसान की फसलें सूख गई थी जिस कारण से खेत में फसल उगाने के लिए कोई साधन नहीं था।

इस कारण से उनके जिंदगी काफी हताश और निराश चल रही थी लेकिन उनके पास एक हाथ से चलाने वाला ठेला था जिसको वह दूसरों की समान को ढ़ोने के लिए उपयोग करता था। वही ठेला से उसका घर का खर्चा चल रहा था।

शिवराम की पत्नी का नाम गंगा थी वह एक बहुत ज्यादा भक्ति में लीन रहने वाली औरत थी और हमेशा भगवान शिव भगवान ब्रह्मा तथा अन्य प्रकार के भगवानों को हमेशा याद करती रहती थी।

वह हमेशा जब भी खाना बनाया करते थे तो दो रोटी भगवान शिव के लिए तथा दो रोटी भगवान ब्रह्मा के लिए अपने बनाए गए खानों में से निकाल कर भगवान को भोग चढ़ाया कर वह गौ माता को खिला दिया कर दी थी। यह देखकर उसका पति मतलब कि शिवराम बहुत ज्यादा नाराज हो गया था उन्होंने कहा कि तुम इस तरह से अनाज बर्बाद करोगे तो मैं किस तरह घर चला लूंगा।

तभी उनके पत्नी कहती है कि मैं अनाज बर्बाद नहीं कर रही हूं बस अपने कमाए गए और बनाए खाने से कुछ भगवान के लिए भी निकाल दिया करती हूं। क्योंकि हमारे पास जो अभी कमाई का जरिया है या जो कमाई आ रहा है वह तो सभी भगवान की ही देन है और उसमें से हम अगर भगवान के लिए थोड़ा धन निकाल मिले तो उसमें क्या दिक्कत होने वाली है।

अगर भगवान हमें इतना कुछ दे रहा है तो हमें भगवान के लिए इतना कुछ करने के लिए भी क्या सोचना पड़ेगा। अगर बाद में हमारे काम नहीं चलेंगे और हमारे घर में खाना नहीं बनेगा तो भगवान भी भूखे रहेंगे तभी तुम्हें पता चलेगा कि बहुत क्या चीज होती है और भगवान हमेशा हम लोगों को मदद करना रहेगा।

पत्नी की बातें सुनकर शिवराम की आंखें खुल गई उन्होंने कहा कि तुम बिल्कुल सही बोल रही हो मेरे पास जितना भी है हमारे पास जितना भी है खाने पीने के लिए सभी तो भगवान की ही देन है। क्योंकि अगर भगवान हमें काम नहीं देगा तो हम इसी तरह से भूखे ही रहेंगे तुम हर रोज भगवान के लिए थोड़ा समय खाना निकाल कर बहुत लगाकर खिलाया करो गौमाता को ऐसे हमारा लाभ भी बढ़ेगा और हमें भगवान हमें सद्बुद्धि भी देगा।

धार्मिक कहानी हिंदी में

शिवराम की पत्नी गंगा कहती है कि आप भी भगवान शिव की आराधना और उनका ध्यान किया करो इससे हमारी कमाई का जरिया ज्यादा हो जाएगी। उन्होंने अगले दिन ठीक वैसा ही किया भगवान का ध्यान करके घर से निकला और मुझे उस दिन बहुत ज्यादा की कमाई हुई थी वह बहुत खुश था।

शाम को जैसे ही घर आया अपनी पत्नी गंगा से कहती है कि आज मेरा कमाई बहुत ज्यादा हुआ है और इस कारण से मुझे बहुत ज्यादा पैसे की बरसात हुई है। तभी उनकी पत्नी खुश होकर कहती है कि यह तो भगवान की देन है आज आपने भगवान को दिल से याद किया है और भगवान शिव हमारे साथ हमेशा ऐसा ही करेंगे आगे तक।

वह उन पैसों को अपने राशन के लिए उपयोग किया और जब थोड़ा पैसा बच गया तो उनकी पत्नी बोली कि हम कुछ पैसा भगवान के चरणों में होने समर्पित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि हम इस में से कुछ पैसा निकालकर मंदिर के पुजारी को दे देंगे जिससे वह भगवान की सेवा में इसका उपयोग करेंगे। इसमें शिवराम ने भी अपनी सहमति जताई और कहा कि तुम सही कह रहे हो आखिर भगवान के नाम से एक हम इतने सारे धन की प्राप्ति हुई है।

एक दिन की बात है शिवराम किसी तरह से कहीं गया हुआ था अपने कार्य करने के लिए और जब वह अपने घर लौटा तो उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। उनकी पत्नी गंगा जब उसके सर पर हाथ फेरा तो देखा कि उन्हें बहुत ज्यादा बुखार है और उन्हें तुम्हारी की जरूरत है।

उन्होंने तुरंत ही अपने पास के डॉक्टर को बुलाया और कहा कि मेरे पति जी को बहुत ज्यादा बुखार है इन्हीं किसी प्रकार की दवाई देखा कि इनका स्वास्थ सही हो जाए। डॉक्टर ने कहा कि यह तो बहुत ज्यादा समस्या है इन्हीं बुखार काफी ज्यादा है ही नहीं अब तो 1 महीने स्वास्थ्य सही होने में लग जाएंगे।

अभी दोनों पति पत्नी में कर सकते हैं कि अगर एक महीने में उनकी तबीयत सही है वह जाएगी तो उसका घर का खर्चा कैसे चलेगा आखिरी 1 महीने तक कौन कमा कर लाएगा और उनका घर चलाएगा। क्योंकि उस साल भी बारिश नहीं हुई थी और उनके खेत में अभी तक सूखा ही था इस कारण से फसल भी नहीं हुई है और तबीयत खराब होने के कारण वह मार्केट भी ठेला लेकर नहीं जा सकता था ऐसे में उसका रहन-सहन बहुत मुश्किल होने लगा था।

किसान स्टोरी इन हिंदी

शिव बने किसान स्टोरी इन हिंदी

10 दिन बीत जाने के बाद उन्होंने देखा कि उनका तबीयत थोड़ा थोड़ा सही हो रहा है लेकिन फिर भी अभी तक हुआ चलने की हालत में मिली तो उन्होंने सोचा कि मेरी तो खेत भी सही नहीं चल रही है और हमें बाहर जाने का रास्ता नजर नहीं आ रहा है क्योंकि मेरी तबीयत खराब है पता नहीं आगे की जिंदगी कैसी चलेगी।

यह सभी चीजें भगवान ऊपर से देख रहा था क्योंकि शिवराम की पत्नी गंगा और शिवराम भी अब तक भगवान की बहुत सारा भक्ति किया करती थी और वह हमेशा भगवान के लिए कुछ ना कुछ खाने पीने के सामान में से भगवान शिव के तथा भगवान ब्रह्मा की आराधना के लिए उनकी के लिए निकाला करते थे।

भगवान शिव बहुत ज्यादा चिंतित थे कि वह शिवराम की मदद किस प्रकार से करें 1 दिन की बात है भगवान शिव ने ब्रह्मा को बुलाकर कहा कि हमारा भक्तों का हाल बहुत बुरा है हमें उसकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह तो अभी बीमार है चलो हमेशा करते हैं कि उनके खेत में जो भाषण अभी नहीं है उसमें खेती कर कर बहुत सारे अनाज को जाने का काम करेंगे जिसे देखकर शिवराम बहुत खुश हो जाएगा और वह खुश रहेगा।

शिवराम अभी बीमार ही था कि उनके खेत में बारिश होने लगे थे भगवान के द्वारा और भगवान शिव खुद ही उनके खेत में हल चलाने के लिए आए थे उन्होंने हल चलाया बीज को उगाने के लिए उस खेत में बीज को बोया। भगवान ही उसके को देखरेख में किया करते थे और किसी को भी कुछ भी कानो कान खबर नहीं थी।

एक दिन की बात है भगवान शिव शिवराम के सपने में आता है और कहता है कि तुम्हारे खेत में बहुत सारे फसल लहलहा रहा है तुम सो कर क्या कर रहे हो जाओ अपने फसल को काटो और उसे भेज दो इससे तुम्हारी जिंदगी की सारी मुसीबतें आसान हो जाएगी ही।

इतना सुनते ही शिवराम की आंखें खुल गई और वह सपना टूट गया उन्होंने सोचा कि भगवान शिव खुद ही आकर अगर ऐसा कह रहे हैं तो हो सकता है कि हमारे बंजर खेत में बहुत सारी फसल हो सकते हैं। उन्होंने सुबह होने का इंतजार किया और दूसरे ही दिन अपने खेत पर गया तो देखा कि बहुत सारा फसल उसके खेत में बहुत ज्यादा मात्रा में उपजाऊ हुआ है।

Dharmik Story in Hindi

शिव बने किसान स्टोरी इन हिंदी

अब शिवराम और उसकी पत्नी गंगा दोनों फसल की कटाई करते हैं और उन्हें मार्केट में अच्छी कीमत में जाकर बेच देते हैं। इससे उन्हें काफी ज्यादा पैसे मिल जाते हैं और बहुत ज्यादा धन की प्राप्ति हो जाती है ऐसा कई बार करने वालों ने बहुत ज्यादा धन की प्राप्ति हो जाती है और गांव में वह सबसे अच्छे और अमीर हो जाते हैं।

उन्होंने साफ मन से भगवान की आराधना की और कहां-कहां की भगवान मैं आपका शुक्रिया किस प्रकार आधा करूंगा कि आपने मुझे इतनी ज्यादा धनराशि तथा फल सब्जियां से नवाजा है मेरे खेत में जहां पर एक भी दान या एक भी पौधा नहीं बचता था उस खेत में आपके द्वारा बहुत सारे फसल अब लगने लगे हैं ऐसे में हमें आपका शुक्रिया किस प्रकार अदा करूं मुझे समझ में नहीं आ रहा है।

तभी उनकी पत्नी गंगा कहती है कि हम डिस्टर्ब पहले भगवान के लिए कुछ खाना बचा कर भोग लगाकर गौमाता को खिला दिया करते हैं तो हमारा कार्य अभी भी जारी रहेगा और आगे सब दिन जारी रहेगा। उन्होंने इस कार्य को आगे शब्द जारी रखा और इस तरह से भगवान का शुक्रिया अदा करने का प्रयास किया।

भगवान शिव बने किसान की कहानी का निष्कर्ष

आज की इस कहानी में हम लोग भगवान शिव की महिमा की कहानी तथा भगवान शिव के बड़े-बड़े कारनामों की कहानी देवों के देव महादेव की कहानी के बारे में जाने का मौका मिला है। उम्मीद है कि आपको यह कहानी जो की धार्मिक कहानियां बहुत पसंद आई होगी। इसलिए हमें हम लोग भगवान शिव बने महान तथा उससे संबंधित और भी कहानियों को शामिल किया है।

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FAQ शिव बने किसान स्टोरी
  1. शिवराम और उसकी पत्नी भगवान शिव की किस प्रकार से आराधना करते थे?

    शिवराम और उनकी पत्नी गंगा भगवान के लिए अपने बनाए गए खानों में से कुछ खाना निकाल कर गौ माता को खिला दिया करती थी।

  2. भगवान भगवान शिव के इस कहानी से आप क्या सीखे हैं?

    भगवान शिव की इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हम चाहे कोई भी कार्य करें भगवान हमेशा हमें पर नजर बनाए रखता है।

  3. भगवान शिव ने उस किसान की किस तरह मदद किया?

    भगवान शिव ने उस किसान की खेत में फसल लगाकर और हल चलाकर उनकी मदद किया।

  4. शिवराम और उसकी पत्नी गंगा भगवान शिव की पूजा कैसे करते थे?

    कोई सुख हो चाहे दुख हो दोनों हालातों में भगवान शिव की आराधना किया करती थी और उनका ध्यान किया करते थे।

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