Hindi Kahaniyan: आज के इस कहानी में हम लोग बहादुर लड़की और राजकुमार की कहानी के बारे में जाने वाले हैं। पुराने जमाने से लेकर आज तक राजा रानी के किस्से कहानियां आज भी प्रचलित है। क्योंकि पुरानी कहानियों में हमेशा है राजा रानी कथा राजकुमारी राजकुमार का आशिक रहता था। और आज भी यह कहानी उतना ही ज्यादा प्रचलित मारी जाती है क्योंकि आज भी बहुत सारे लोग राजा रानी की कहानी किसे के बारे में जानना चाहते हैं।
आज की कहानी में 4 मुख्य किरदार है जिसमें से ही पहना किरदार एक व्यक्ति है जिसका नाम रामू था और एक उनकी पत्नी समेत उनकी बेटी थी। साथ ही एक राजकुमार भी इस कहानी का मुख्य किरदार में शामिल है। दोस्तों Story Hindi किस वेबसाइट पर सिर्फ और सिर्फ किस्से कहानियों से संबंधित है लेखों को प्रकाशित की जाती है। जो सभी किसी और कहानियां बच्चे के लिए प्रेरणादायक साबित होती है। आइए हम हम लोग इस हिंदी कहानियां में बहादुर लड़की और राजकुमार की कहानी को आगे बढ़ाते हैं तथा इनकी शुरुआत करते हैं।
बहादुर लड़की और राजकुमार की कहानी | Raja Ki Kahani

किसी पुराने जमाने में एक व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ एक गांव के एक मोहल्ले में रहा करता था। उस व्यक्ति के पास मानो तो किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी वह धन दौलत तथा रुपए पैसे से उतना ही धनवान था साथ में उसकी पत्नी भी उसके साथ रहा करते थे। उसके बाहर के बगल में 1 बच्चों का स्कूल जहां जहां पर बहुत सारे बच्चे हैं तरह तरह के खेल खेलते थे तथा पढ़ाई करते थे।
लेकिन उस व्यक्ति रामू को एक किसी कमी थी उनकी उसके पास कोई भी पुत्र या पुत्री नहीं थी। इसी कारण से रामू की पत्नी का मन नहीं लगता था और अगल-बगल के बालक बालिकाओं को देखकर उनका मन विचलित होता था। वह सोचती थी कि अगर मेरे पुत्र या पुत्री रहती तो हम लोग भी साथ में खेलते और मेरी बेटा बेटी भी इस स्कूल में पढ़ाई करता। सोचते सोचते हैं बहुत दिन बीत जाता है तभी एक दिन अचानक उसकी पत्नी को पता चलता है कि वह मां बनने वाली है।

जब रामू की पत्नी रामू को यह बात बताती है तो रामू बहुत ज्यादा खुश हो जाता है और कहता है कि भगवान हमारी सुन ली है हमने भगवान से बहुत मिलना तो से पुत्र प्राप्ति के लिए बहुत सारी दुआ तथा बहुत सारे कार्य किए थे। शायद आज हम लोगों की बातें भगवान के पास पहुंच गई और भगवान हमें 1 पुत्र या पुत्री से नवाजा है। अब हम लोग खुशी खुशी अपनी जिंदगी की बसर करेंगे अपने पुत्र या पुत्री के साथ है। यह सोचकर रामू अब हमेशा खुश रहा करता था क्योंकि उसके पास तो पहले से किसी भी चीज का कोई कमी नहीं था और ऊपर से उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाती है जिससे वह बहुत ज्यादा खुशी खुशी रहने लगता है।
राजकुमार और राजकुमारी की कहानी
1 दिन की बात है उसकी पत्नी कहती है कि मुझे कुछ खट्टा इमली खाने का मन कर रहा है क्या आप इसे लाकर दे सकते हैं और और तभी रामू अपनी पत्नी के लिए इमली खरीदने के लिए मार्केट की तरह निकल पाता है। जैसे ही वह मार्केट जाता है और मार्केट में किसी से भी पूछता है कि इमली है तो सभी कहता है कि अभी इमली का टाइम नहीं है इमली का फल अभी बस पेड़ नहीं लगा होगा अगर आपको चाहिए तो जंगल में जाकर पेड़ से मिली तोड़कर बाहर ला सकते हैं।
रामू बहुत खुश था और अपनी पत्नी की बात हर कीमत में पूरा करना चाहता था वह इमली लेने के लिए अब जंगल का रुख कर लिया था। जंगल में जाते जाते हैं उन्हें नजदीक में तू किसी भी प्रकार का इमली का पेड़ नहीं दिखाई दिया था। लेकिन जंगल के बहुत अंदर जाने के बाद उन्हें एक इमली का पेड़ दिखाई दिया जिसमें बहुत सारे इमली लगे हुए थे। रामू इमली तोड़ने लगा था और उन्होंने पत्थर से मार मार कर इमली तोड़ रहा था। उसी इमली के पेड़ पर एक राक्षस रहता था जिससे रामू के पत्थर से चोट लग गया था।
जैसे ही राक्षस को चोट लगी वह तुरंत ही नीचे गिर गया था और राक्षस तुरंत उठकर रामू को पकड़ लिया था। रामू राक्षस से मिन्नतें करने लगा था तो उनकी पत्नी अकेली रहती है उनका ख्याल कौन रखेगा और बहुत ज्यादा मिन्नतें के बाद राक्षस ने कहा कि तुम मुझे इतनी दूर क्यों लेने आए थे। तभी राम कहता है कि मेरी पत्नी का तबीयत थोड़ी खराब है वह मां बनने वाली है और उन्होंने इच्छा जताई थी कि उन्हें भी इमली खाने की इच्छा हो रही है।
सुंदर राजकुमारी की कहानी
तभी राक्षस ने कहा कि मैं तुम्हें छोड़ दूंगा लेकिन इसके बदले में तुम्हें मेरी एक शर्त माननी होगी। रामू कहता है कि आप अपना सर बताइए मैं मानने के लिए तैयार हूं। सभी राक्षस कहता है कि अगर तुम्हें पुत्र की प्राप्ति हुई तो तुम उसे रख लेना अगर तुम्हें पुत्र की प्राप्ति हुई तो तुम्हें उसे मुझे देना होगा। रामू के पास और कोई भी चारा नहीं था अच्छा से बचने के लिए उन्होंने वादा कर देता है कि अगर मुझे पुत्री की प्राप्ति होगी तो मैं तुम्हें पहुंचा दूंगा यहीं पर आकर।

यह बोलकर रामू वहां से चला आता है कुछ दिन बीत जाने के बाद रामू को एक पुत्री की प्राप्ति होती है। किसी को भी अपनी पुत्री है जान से भी ज्यादा प्यारी होती है वह वाला कभी किसी राक्षस को कैसे सोच सकता है। वह सब चीज बुलाकर अपनी पुत्री तथा अपने परिवार के साथ हमेशा खुश रहता है समय बीच के गया और उनके पुत्री राधा अब 10 साल की हो गई थी।
बंदर राजकुमार की कहानी
अब रामू भी राक्षस के किया गया वादा भूल गया था किसी प्रकार की कोई चिंता भी नहीं थी क्योंकि काफी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद रामू सोचता था कि राक्षस पता नहीं जिंदा है या मर गया है। एक दिन जब गांव में सभी बच्चे खेल रहे थे तो वही राक्षस गांव में आया करता था और प्रत्येक दिन किसने किसी बच्चे को उठाकर ले जाता था उसे खाने के लिए है। जब एक दिन वह राक्षस उसी गांव में आया था तो उसकी नजर रामू पर पड़ गई।
राक्षसी नजर रामू पर पड़ती है राक्षस रामू को पहचान लिया था। हुआ रामू को पकड़कर पूछने लगा था कि क्या तुम्हारा पुत्र हुआ या पुत्री तभी उन्होंने घबरा कर कह दिया कि मेरी पुत्री हुई थी। राक्षस ने उनके पुत्र के बारे में पूछा और कहां तभी रामू कहता है कि वह भी पढ़ने गई है स्कूल बहुत देर बाद लौटेगी।
तभी तभी राक्षस रामू को पकड़कर बहुत ज्यादा जोर से मारने लगता है और कहता है कि जल्दी से अपनी बेटी को बुलाओ नहीं तुम्हें तुम्हें जान से मार दूंगा और तुम्हारे पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा। रामू ने डर से राज्य से वादा कर लिया था कि जब भी मेरी बेटी स्कूल से आएगी मैं उन्हें लेकर जंगल की ओर तुम्हारे पास लेकर आऊंगा फिर तुम उसे अपने पास रख लेना। राक्षस ने कहा कि अगर तुमने अपना वादा नहीं निभाया तो याद रखना यह तुम्हारे लिए बहुत बुरा वक्त हो सकता है। तभी राक्षस वहां से चला जाता है यह बोल करके मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा। जब उनकी बेटी स्कूल से पढ़कर आती है तो सारी बात अपनी पत्नी से बताती है कहती है क्या है या कहानी हुआ है।
लेकिन रामू के पास में कोई दूसरा चारा नहीं था सिवाय उनके बेटे को राक्षस के पास पहुंचाने का। अब तो उन्हें अपने आप पर अपनी किस्मत पर रोना आ रहा था क्योंकि इतनी मिलना तो के बाद उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई और उन्हें भी किसी राक्षस की नजर लग गई थी। अगले सुबह रामू अपनी पुत्री राधा को लेकर जंगल की तरफ चल पड़ता है राधा पूछती है कि पापा मुझे लेकर आप कहां जा रहे हैं। तभी रामू कहता है कि मैं तुम्हारी नानी के घर जा रहा हूं तुम्हें वहीं पर छोड़ आऊंगा तुम कुछ दिन वहीं पर आना। राधा नानी के घर के नाम पर खुश हो जाती है और खुशी-खुशी जाने के लिए तैयार हो जाती है। कुछ दूर चलने के बाद वही इमली का पेड़ नजर आता है वहीं पर राक्षस रहता है राधा को वहीं पर छोड़ कर उनके पिताजी वहां से बाहर आता है। राधा अकेले पढ़कर पीछे मुड़कर देखती है तो उनके पिता ही नहीं थे हुआ बहुत ज्यादा चिल्लाती है उसके बाद उन्हें राक्षस पकड़कर अपनी गुफा में ले जाता है।
राधा बहुत प्यारी लग रही थी देखने में क्योंकि रहना बहुत सुंदर थी देखने में। वह राक्षसी से खाने के बजाए राधा से कह रहा था कि तुम मुझसे शादी कर लो मैं तुम्हें नहीं जान से मार लूंगा। तभी बाहर एक आवाज आती है राक्षस तुरंत ही अपनी गुफा से बाहर चला जाता है। उसके बाद राधा ने अपने हाथ जैसे तैसे बंधा हुआ खोल लेता है और वहां पड़े हुए एक बुड्ढे की कपड़ा पहन कर बाहर एक लकड़ी के सहारे निकलता है तभी रास्ते में वही राक्षस मिलता है कहता है कि बुड्ढी तुम कहां जा रही हो मैं तुम्हें खा जाऊंगा। तभी वह बुड्ढे कहती है कि तुम मुझे क्या खाओगे तुम्हारी गुफा मेरे एक बहुत सुंदर लड़की है जाकर उसे खाओ। यह सुनकर राक्षस तुरंत ही गुफा में चला जाता है लेकिन उस बुड्ढे की बहस में वही सुंदर लड़की राधा ही थी। जंगल में चलते-चलते राधा बहुत थक गई थी और कहीं एक पेड़ के नीचे सो गए थे।
छोटी राजकुमारी की कहानी
एक राजकुमार है जंगल में शेर करने के लिए निकला था तथा अपने शिकार की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था। जैसे उनकी नजर राधा पर पड़ी है वैसे ही उन्होंने देखा कि वह भी जिंदा है और उनका सांस चल रही है लेकिन वह सो रही थी। वह इतनी ज्यादा थकी हुई थी कि उन्हें पकड़ कर ले जाने पर भी उनकी नींद नहीं टूटी है। अब अचानक उनकी नींद है राजा के महल में एक रूम में टूटी है तो राधा यह देखकर हैरान हो गई कि हम कहां आ गए।
तभी उन्होंने उस मंत्रियों को आपस में बातचीत करते हुए सुन लिया था वह राजा के खिलाफ कुछ साजिश कर रहे थे। मंत्रियों को लगा था कि कमरे में कोई नहीं और वह अपनी दूसरी राजा के पिया दा से मिलकर राजा के खिलाफ साजिश रच रहा था। तभी वह राधा पूरी बात सुन गई थी और राजकुमार आते ही उन्होंने कहा कि मैं राजकुमार हूं मैं तुम्हें जंगल से लेकर आई थी तुम बहुत ज्यादा थकी हुई थी। तभी राधा भी मैं उनके मंत्रियों के बारे में उनसे बधाई और कहा कि तुम चलो राज दरबार तुम राजा के पास ही सभी कहानियों को बताना
राधा नैतिक मजाकिया राजा के दरबार में फेसबुक और राजा से उनके मंत्रियों के बीच जो बातचीत हुआ था उनसे भी बातचीत को उसके बीच में कह दिया था। फिर राजा ने कहा कि चलो हम उन सभी मंत्रियों को चुपके से पीछा करते हुए देखते हैं कि वह लोग कहां एक दूसरे को जाकर मिलते हैं और किन-किन तरह की हरकतें करते हैं। तभी राधा की बात सच हुई और हुए मंत्रियों एक दूसरे से राजा के खिलाफ नफरत की बातें कर रहे थे। राजा ने हुक्म दिया कि जाओ सभी को पकड़ लो और उन्हें कारागार में डाल दो ताकि उन्हें जिंदगी भर उसी में सजा मिल सके।
राजकुमारी की प्रेम कहानी
राजकुमार के पिता राजा जी ने राधा से बहुत खुश हुआ और कहा कि बेटी तुम्हारा घर कहां है तुम्हारा इस दुनिया में कौन है। तभी उनकी बेटी राधा ने कहा कि इस दुनिया में कोई नहीं है मैं अकेली हूं तभी राजा के आगे क्या तुम मेरे बेटे राजकुमार से शादी करना चाहोगी। इसमें राधा ने अपनी नजरें झुका ही और हां की सहमति दे दी तभी दोनों की शादी धूमधाम से हुई और अब राधा राजकुमार के साथ आराम से ऐशो आराम की जिंदगी से राजा के महलों में शान से जीने लगी थी।
बहादुर लड़की और राजकुमार की कहानी का निष्कर्ष
आज की इस कहानी में हम लोग बहादुर लड़की और राजकुमार की कहानी के बारे में पड़ा है। उम्मीद है कि आप सभी को स्टोरी hindi.net पर जारी किया गया यह सिर्फ आप लोगों को पसंद आया होगा। क्योंकि यहां आप सभी को राजा रानी की कहानी से संबंधित और भी बहुत तरह की कहानियां कहां उल्लेख किया जाता है साथ ही नई नई कहानियां भी प्रकाशित की जाती है।
FAQ of बहादुर लड़की और राजकुमार की कहानी
रामू अपनी पत्नी के लिए किस चीज को लेने के लिए जंगल गया था?
उसकी पत्नी कहती है कि मुझे कुछ खट्टा इमली खाने का मन कर रहा है क्या आप इसे लाकर दे सकते हैं