गरीब का ताजमहल की कहानी – Moral Story for Students 2023

इस Hindi Kahaniyan में हम लोग गरीब का ताजमहल की कहानी, Moral Story in Hindi for Students के बारे में जानने वाले हैं। जैसा की आप सभी को पता होगा कि ताजमहल सात अजूबों में से एक है और यह है कि प्यार की निशानी है। ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज महल अपनी बेगम के याद में बनवाया था।

मोरल स्टोरी हम सभी की जिंदगी में एक नई सकारात्मक ऊर्जा तथा उसे संबंधित बहुत सारी चीज देखने को मिलती है। हम सभी को इंटरनेट से नई-नई मोरल कहानियां जो की स्टूडेंट के लिए एक बेहतर विकल्प माना जाता है। क्योंकि सभी छात्रों के जीवन में बहुत सी कहानियां बहुत अच्छी पैदा करती हैं और बच्चे जब तक गालियां को पढ़ते रहेंगे तब तक उसने कुछ देखते रहेंगे

गरीब का ताजमहल की कहानी – Moral Story in Hindi for Students

गरीब का ताजमहल की कहानी - Moral Story in Hindi for Students

एक गांव में बिरजू नाम का एक व्यक्ति रहता था उसके एक प्यारी सी बेटी थी जिसका नाम राधा थी। बिरजू एक कुम्हार था। वह मिट्टी से बने तरह-तरह के खिलौने तथा बहुत सारे प्रकार की मिट्टी के बने बर्तन बनाया करते थे। बिरजू बहुत ही मेहनती था वह मिट्टी के बर्तन हमेशा बनाया करता था लेकिन उनकी मिट्टी के बर्तन कभी नहीं ज्यादा बिकती थी।

उसकी बेटी राधा अपने पिता के साथ मिट्टी बनाने का कार्य भी किया करते थे। 1 दिन की बात है इरादा अपने घर में एक अच्छा खासा मिट्टी का ताजमहल बना लेती है। होगा कहती है कि अपने पिता से मेरे शादी में मुझे ताजमहल दीजिएगा। तभी क्या मन रहने के लिए उनके पिता भी अपनी बेटी से कहता है कि हां मैं अपनी बेटी की शादी में ताजमहल दूंगा।

धीरे-धीरे समय भी पता चला गया और राधा कब बड़ी हो गई पता भी नहीं चला था। एक दिन दिन उसके घर में कहीं से मेहमान आता है राधा का रिश्ता पक्का करने के लिए। राधा का रिश्ता गांव के बगल वाले गांव में मोहन नाम का लड़का रहता था उसी से राधा का विवाह तय होता है।

गरीब का ताजमहल की कहानी - Moral Story in Hindi for Students
गरीब का ताजमहल की कहानी

आप तो राधा मन ही मन मुस्कुराते रहते थे कि उनके पिता उनके लिए है ताजमहल बनाएगा और उनको अपनी बेटी को शादी में देगा। तभी उसकी मां उसके पिताजी से मतलब की बिरजू से कहती है कि आपने तो शादी पक्की कर ली लेकिन दिन बैठाने की बात कब कीजिएगा। अभी भेजूं कहता है कि मैं कहीं बाहर मोहन के पिता जी से मिला और राधा की शादी की तारीख फिक्स करने की बात कही लेकिन उनके पिताजी कुछ नहीं कहते और बात को टालमटोल करते रहते हैं।

ताजमहल की कहानी

फिर राधा के पिता बिरजू कहता है कि ठीक है मैं आज ही बोल मालीगांव जबकि राधा की शादी किससे हुई थी मोहन के गांव जाऊंगा और उसे पिताजी से मिलूंगा अपनी बेटी की शादी के बारे में उसे बात करूंगा। वह अगले दिन ऐसा ही करता है वह मोहन के घर जाता है उनके पिताजी से बात करने का प्रयास करता है। लेकिन उनके पिता ही नहीं किसी भी बात करने से मना कर देते हैं कहता है कि मैं अपने बेटे की शादी बिना दहेज के नहीं करूंगा।

तभी बिरजू कहता है कि जिस समय आपने शादी की बात करने आए थे उस समय तो किसी प्रकार का कोई दहेज की बात नहीं किए थे। तभी मोहन के पिता जी कहते हैं कि सही बात सही समय पर किया जाता है और यह बात करने के लिए अभी सही समय है। तभी राधा के पिता जी मां की प्यार से कहते हैं कि अच्छा बताइए आपको दहेज में क्या-क्या चाहिए। तभी मोहन के पिताजी एक लंबी चौड़ी लिख देते हुए कहते हैं कि मुझे दहेज में ₹2000000 एक बार और इतनी छोटी-छोटी शर्म आनी चाहिए है फिर उसके पिताजी कहता है कि अगर तुम इसे दे पाओगे तो ठीक है नहीं तो रिश्ता किसी भी तरह से नहीं हो पाएगा।

लंबी चौड़ी लिस्ट लेकर अपने घर की तरफ चल पाता है लेकिन रास्ते में बारिश होने लगती है। वह एक चौराहे पर रुक जाता है और बारिश खत्म होने का इंतजार करने लगता है। जब उस जगह पर बारिश खत्म होने का इंतजार कर रहा था तो वहां वह देखता है कि एक भिखारी बारिश में भीगे कर ही भीख मांग रहा था। तभी भेजो कहता है कि तुम इतनी ठंडी में इतनी बारिश में भीग क्यों मांग रहे हो क्या तुम्हारे पास रहने का घर नहीं है। तभी वह भिखारी कहता है कि मेरा घर नहीं है मैं बस हमेशा एक वक्त की रोटी की जुगाड़ कर लेता हूं इससे मेरा काम चल जाता है।

अभी बिरजू उस भिखारी से करके अगर तुम कोई एतराज ना हो तो क्या तुम मेरे घर जा सकते हो रहने के लिए। मैं तुम्हें खाने का प्रबंध की भी करा दूंगा तथा साथ में सोने और रहने का भी प्रबंध करा दूंगा। तभी वह भिखारी कहता है कि मैं तो बहुत दिनों से इसी तरह की प्रबंध का इंतजार कर रहा था कि कोई भला आदमी मुझे रहने और खाने का प्रबंध करा दे।

बिरजू उस खिलाड़ी को अपने साथ अपने घर के जाता है और वहां उसे खाने भी नहीं देता रहने का प्रबंध करा देता है अच्छी तरीका से। बेकार है वहां रहने लगता है करीब दो-तीन दिन बीत जाने के बाद लगता है कि बिरजू बहुत ज्यादा हताश होने का सेहरा करता था। तभी वह भिकारी उससे पूछता है कि तुम इतने ज्यादा उदास क्यों रहते हो क्या तुम्हें कोई तकलीफ है। तुम्हारे अंदर ऐसी कोई बात है जो तुम हमसे छुपा रहे हो अपने मन की बात मन में ही रखना चाहते हो।

तभी बिरजू कहता है कि देख रहे हो ना बाबा मेरी बेटी बड़ी हो गई है और दूसरे की शादी तय हुई थी वह दहेज में बहुत सारा धन दौलत अथवा गाड़ी की मांग कर रहे हैं। मैं अपनी बेटी शादी के लिए परेशान रहता हूं। अब मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं अपनी बेटी की शादी कहां हो और किससे बता किस प्रकार करूंगा।

Moral Story in Hindi for Students

तभी उसकी नजर आता तो बेटी पर पड़े वहां बेटी को बुलाकर पूछता है बेटी तुम्हें शादी में क्या-क्या चाहिए। तभी राधा कहती है कि बाबा मुझे शादी में तो ताजमहल चाहिए। तभी वह भिखारी रहता है कि ठीक है कल सुबह तुम्हारे बगल वाली जमीन पर एक ताजमहल खड़ा रहे हैं जैसे तुम अपनी बेटी की दहेज में दे सकते हो। विरुद्ध राधा को बाबा के बात पर यकीन नहीं हुआ लेकिन अगली सुबह जब उन्होंने सो कर उठा तो देखा कि उसे घर के बगल वाले जमीन पर एक बहुत ही बढ़िया और बेहतर ताजमहल बना हुआ है।

गरीब का ताजमहल की कहानी - Moral Story in Hindi for Students

तभी सब मिलकर उस बाबा के कमरे में रहता है और देखना है कि बाबा वहां पर नहीं है। परंतु जहां बाबा रहता था वहां पर एक घड़ा रखा था। जब सभी लोग उस गाड़ी के पास जाते हैं तो बर्तन से आवाज आती है कि यू बाबा यहां रहता था वह कोई आम आदमी नहीं था बल्कि वह एक जादूगर था। हुआ आप लोगों के लिए यह बर्तन देकर गया है आप लोगों को जब भी किसी चीज की जरूरत हो तो एक कागज में लिख कर इस बर्तन में डाल देना।

Moral Story in Hindi

फिर उसके बाद देखते ही देखते पूरे गांव शहर में दरअसल उनके पिता के बारे में चर्चा हो जाता है। सभी लोग सोचता है कि राधा से शादी कर ले ताकि उन्हें ध्यान में ताजमहल में आए। अब तो मोहन भी चाहता था कि राधा से शादी कर ले। के पिता बचाते देखे बिना किसी लेनदेन बिना किसी देश के हुआ है ना वह अपनी मां बनाने के लिए तैयार था रहा हूं।

राधा के पिता मोहन से शादी नहीं करवाना चाहता था क्योंकि उनके पिताजी दहेज के लालच में एक बार आना को धोखा दे चुके थे। अब वह किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहते थे। और उन्होंने अपने ही गांव में एक अच्छा सा लड़का देखकर राधा की शादी करा दी और दहेज में उन्हें ताजमहल भी दे दिया। व बूढ़े बाबा जादूगर की ताजमहल उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता था ज्यादा उसी ताजमहल में बैठकर घर से विदा हुई थी।

गरीब के ताजमहल की कहानी का निष्कर्ष

आज की इस की कहानी के बारे में पढ़ा है यह कहानी किस श्रेणी हिंदी कहानियां के अंतर्गत आते हैं। लोग साथ ही दूसरे ने नैतिक कहानियां मतलब मोरल स्टोरी इन हिंदी के अंदर आते हैं। उम्मीद है कि हमारी तरफ से जारी किया गया या मोरल स्टोरी इन हिंदी आप सभी को पसंद आता होगा और यदि आपको हमारे द्वारा जारी किया गया कार्य पसंद आता है तो कृपया करके ऐसे अपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

FAQ for गरीब का ताजमहल की कहानी
  1. गरीब की ताजमहल की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

    इस कहानी से नया सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी के ऊपर दहेज के लिए दवाब नहीं देना चाहिए।

  2. राधा को अपनी की शादी में उसे क्या चाहिए था?

    राधा को अपनी शादी में एक छोटा सा ताजमहल चाहिए था।

  3. भिखारी पानी में जा जाकर वीडियो मांग रहा था?

    पास रहने के लिए घर आता था कोई भी खाना नहीं खाने पीने के लिए इसीलिए वह बूढ़ा अधिकारी पानी में तथा बारिश में जाकर भीख मांग रहा था।

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