जादुई मटका – बच्चों की कहानी, स्टोरी इन हिंदी

Bachchon Ki Kahaniyan – आज हमलोग जादुई मटका – बच्चों की कहानी सुनने वाले है। ये कहानी एक प्रकार की सभी लोगों के लिए है। लेकिन Hindi Story की इस वेबसाइट StoryHindi.net पर आपको हिंदी कहानियां की बहुत बड़ी लिस्ट है।

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जादुई मटका – बच्चों की कहानी

जादुई मटका - बच्चों की कहानी
जादुई मटका – बच्चों की कहानी

एक गांव में चंदू नाम का एक आदमी रहता था वह बहुत ही ईमानदार और बहुत ही नेक दिल इंसान था। जिस गांव में चंदू रहता था उस गांव में सालों से बारिश नहीं हुई थी इसी कारण से गांव के सभी लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहते थे।

चंदू के गांव के लोग पानी पीने के लिए तथा पानी उपयोग करने के लिए बहुत दूर से लाना पड़ता था। साथ ही चंदू को भी अपने गांव से बहुत दूर जाकर पानी लाना पड़ता था। ऐसे में हुआ देखकर अपने गांव के लोगों को बहुत दुख हुआ करता था वह सोचता था कि काश मैं आप सभी लोगों का मदद कर पाता।

गांव में है चंदू गायक किराना दुकान था वह अपनी दुकान पर हमेशा लोगों की मदद किया करता था। 1 दिन के बाद है किंतु जब अपने दुकान में बैठा था तो एक बुड्ढा आदमी उसके दुकान पर आता है जो कि बहुत प्यासा था।

वह बूढ़ा व्यक्ति चंदू की दुकान में जाकर बैठ जाता है और चंदू से कहना है कि मुझे पानी चाहिए। चंदू मन ही मन सोचता है और कहता है कि एक तो बहुत दिनों बाद मुझे पानी मिला है मैं इसे कैसे खर्च कर सकता हूं तुरंत ही। और दूसरी बात यह भी है कि किसी को प्यासी रखना नहीं चाहिए।

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क्योंकि वो बूढ़ा आदमी बहुत ही गर्मी के रूप में पैदल चल कर आया था उन्हें बहुत ज्यादा प्यास लगी थी इसी कारण से चंदू अपने पानी निकालकर उस बूढ़े व्यक्ति को दे देता है। जैसे ही वह व्यक्ति मतलब कोई बुद्धा व्यक्ति पहले गिलास का पानी पी लेता है। लेकिन उसके बावजूद भी उसकी प्यास नहीं बुझती है।

इसलिए वह चंदू के पास रखा पानी का बर्तन उठाता है और सभी पानी वह बुड्ढा व्यक्ति खुद ही पी लेता है। यह देखकर चंदू को बहुत ही अफसोस होता है और सोचता है कि अब तो इस आदमी ने पूरा पानी पी लिया है अब मुझे प्यास लगेगी तो मैं कहां से पानी पी लूंगा।

जादुई मटका - बच्चों की कहानी

कुछ देर बाद चंदू को पानी प्यास का पता चलता है और वह इधर उधर घूमने लगता है और देखने लगता है कि पानी कहीं मिलेगा या नहीं। तभी आ जाना उसके मन में ख्याल आता है कि उसके घड़ा में तो जरा सा भी पानी नहीं था क्योंकि सारा पानी तो उस बुड्ढे व्यक्ति ने पी लिया था। वह प्यास के मारे भटकने लगता है तभी वह वही उसी बर्तन के पास जहां रुकता है जिस बर्तन से उस बूढ़े व्यक्ति ने पानी पिया था।

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चंदू सोचता है कि चलो बुड्ढे आदमी ने तो कुछ ना कुछ पानी तो मेरे लिए थोड़ा ही होगा क्यों ना दो बूंद ही निकल जाए उससे और मेरी प्यास बुझ जाए। जैसे ही चंदू उस पानी के बर्तन को अपने मुंह से लगाकर बर्तनों पर उठाता है तो उसे पानी निकलता है और पानी पीते पीते चंदू की प्यास बुझ जाती है।

पता नहीं चंदू के दुकान पर एक ग्राहक आता है जिसका नाम गोपाल है। वह जैसे ही चंदू के दुकान पर आता है और कहता है कि चंदू यह लोग पुर्जा और जो जो सामान है सभी सामान पैक कर दो। चंदू सामान भरने लगता है और नापतोल कर कर उसके सामान उसके थैली में पैक कर देता है।

कहीं गोपाल अचानक से चंदू से कहता है कि चंदू इतनी गर्मी में आया हूं मुझे बहुत ज्यादा पानी प्यास लग रहा है पर तुम्हारे पास पानी है तो मुझे दे दो पीने के लिए। चंदू कहता है कि पानी बचा था तो मैंने पी लिया माफ करना गोपाल भाई मेरे घड़े में पानी नहीं बचा है।

तभी गोपाल की नजर उस पानी के बर्तन पर पड़ती है और भोपाल कहना है कि तू झूठ कह रहे हो चंदू भाई तुम्हारे बदन में तो पूरा पानी भरा हुआ है। यह सुनकर चंदू कहता है कि अरे भाई गर्मी से मेरा दिमाग परेशान हो गया है पता नहीं घड़ा में पानी था या नहीं था मुझे पता नहीं अगर है तो आप खुद ही पी लीजिए।

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गोपाल मौसम पानी के मटके से पानी निकलता है और पानी पीकर आराम और चैन की सांस लेकर अपना सामान उठाकर अपने घर की तरफ चल पड़ता है। गोपाल के जाने के बाद चंदू सोचता है कि इस पानी के बर्तन में तू बिल्कुल भी पानी नहीं था जो बचा हुआ था तो मैंने पी लिया था लेकिन फिर से पानी कहां से आया है।

तभी फिर से गोपाल अपनी बहन के साथ चंदू के दुकान पर आता है और कहता है कि चंदू जिस पानी को तूने मुझे बुलाया है वहीं पानी मेरी बहन को पिलाओ। यह सुनकर चंदू को एकदम हैरान हो जाता है और कहता है कि यह कौन सी बात है। तभी गोपाल कहता है कि जब मैं तुम्हारे पास आया तो मेरे पैर में बहुत सारे घाव थे मैंने इस पानी को पिया और घर जाते ही मेरा सभी जख्म छूट गया।

मुझे उम्मीद है कि इस बर्तन का पानी पीकर मेरी बहन का बुखार भी सही हो जाएगा। तभी चंदू बगल के बर्तन से पानी निकलता है और गोपाल की बहन को पानी पिला देता है। पानी पीते हे गोपाल की बहन का बुखार तुरंत ही कम हो जाता है और वह बिल्कुल स्वस्थ हो जाती है।

इस बात को पूरे गांव में फैलने में जरा भी देर नहीं लगती है अब गांव में जितने भी लोगों को प्रॉब्लम होती है या कुछ भी दिक्कत होता है तो वह चंदू के पास आता और चंदू के पास से पानी पीकर अपना स्वास्थ्य शरीर बना देता था।

आप सभी को बताया था मैंने कि चंदू एक नेक दिल इंसान था वह किसी भी गांव वाले से पानी पीने के पैसे नहीं लिया करता था। लेकिन कुछ लोग चंदू को पानी पीने के बहाने कुछ न कुछ दे दिया करते थे इससे चंदू भी बहुत ज्यादा खुश रहने लगा था।

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चंद्रमा नहीं मांग उस बुड्ढे व्यक्ति को धन्यवाद करता हूं उस दिन उसके दुकान पर आकर उस घड़े से पानी पिया था। इसी तरह से आगे भी चंदू हमेशा लगातार लोगों की मदद करते रहे और वह एक नेक दिल इंसान बने रहे।

1 दिन की बात है एक बूढ़ा व्यक्ति उसके दुकान पर आता है और कहता है कि बेटा मुझे पानी पिला दो मुझे बहुत जोरों की प्यास लगी है। तभी वहां से राजा का नौकर आता है और कहता है कि चंदू या नो जल्दी चलो राजकुमारी का तबीयत बहुत खराब है और राजा ने तुम्हें अपने मटका की पानी को लेकर बुलाया है।

चंदू सा राजा के नौकर से कहते हैं कि जरा रुक जाओ मुझे इस बुड्ढे व्यक्ति को पानी पिला दो तभी मैं आपके साथ चल सकूंगा। तभी राजा का नौकर कहता है कि जल्दी चलो जल्दी वहां तुम्हें राजा बहुत बड़ा इनाम देने वाले हैं अगर तुमने उसे सही कर दिया तो।

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तभी चंदू को लालच आ जाती है और उस बूढ़े व्यक्ति को पानी पिलाया बिना ही वह राजा के नौकर के साथ राजा का महल पहुंच जाता है। जब चंदू अपनी मटके से पानी निकालने का प्रयास करता है तो वह देखता है कि मटके में जरा सा भी पानी नहीं है। यह देखा राजा गुस्सा हो जाता है और कहता है कि अगर तुम्हारे मटके में पानी नहीं था तो तुम यहां किसलिए आए हो जाओ निकल जाओ यहां से।

जादुई मटका - बच्चों की कहानी

वह निराश होकर अपने दुकान पर लौट जाता है वह देखता है कि वहां उस मोटा व्यक्ति भी नहीं है। चंदू सोचता है कि वह बूढ़ा व्यक्ति ही पहले वाला बूढ़ा व्यक्ति है जिन्होंने घड़े में पानी को याद हुई वाला बनाया था। लेकिन आज मैं अपने लालच के भाव से इस घड़े के पानी को उपयोग करने के लिए जब सोचा तो यह मुझसे अनहोनी हो गया है।

वह मन ही मन अपने किए गए कार्यों का पश्चाताप करता है वह कहता है कि चलो मैं अपने घड़े के पानी से कमाए गए पैसों को गांव में एक डॉक्टर की व्यवस्था कर देता हूं जिससे बिना जादू की सभी लोगों की गांव की सेवा हो सकती है। उन्होंने बिल्कुल ऐसा ही किया उन्होंने गांव में एक व्यक्ति का प्रबंध किया जोकि गांव वालों को देखभाल कर सकें।

बच्चों की कहानी का निष्कर्ष

इस कहानी में हम लोगों ने बच्चों की कहानी से संबंधित जादुई मटका की कहानी के बारे में पढ़ाई की है। हमें उम्मीद है कि हमारी तरफ से जारी किया गया यह कहानी आप लोगों को बहुत पसंद आई होगी और आप अपने बच्चों को इस कहानी के बारे में जरूर सुनाया करेंगे।

हम ऐसे ही आप लोगों के लिए नई नई कहानियां, अकबर बीरबल कहानियां, पंचतंत्र की कहानियां, शॉर्ट स्टोरी इन हिंदी इत्यादि को आपके सामने लेकर आता हूं स्टोरी हिंदी वेबसाइट एक हिंदी कहानियां की संग्रह की वेबसाइट है जिस में बहुत सब तरह के परियों की कहानी अथवा बहुत सारी छोटी-छोटी कहानियां तथा बड़े-बड़े कहानियां भी उपलब्ध है।

FAQ बच्चों की कहानियां

चंदू गांव में किस चीज़ का दुकान खोला हुआ था?

चंदू अपने गांव में एक किराना स्टोर खोला हुआ था।

जादुई मटका की कहानी से आपको क्या सबक मिलती है?

जादुई मटका कहानी से हमें क्या सीख मिलती है कि हमें ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए।

बच्चों की कहानी हमें कहां पढ़नी चाहिए?

बच्चों की कहानियां में इंटरनेट पर स्टोरी हिंदी नामक वेबसाइट पर पढ़ने को मिल सकती है।

जादुई मटका की कहानी में चंदू को क्या फायदा हुआ?

मटका की कहानी में चंदू को यह संभव मिला कि उन्हें किसी भी तरह का ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए।

चंदू के पास मौजूद मटके में किस प्रकार का जादू था?

चंदू के पास जादुई मटके में पानी निकलने वाली जादुई थी जिस पानी से लोगों के बीमारियां सही हुआ करती थी।

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